Haryana ADGP Suicide: लाखों में मिलती थी सैलरी, फिर भी कर लिया सुसाइड, पत्नी भी है IAS अधिकारी
punjabkesari.in Wednesday, Oct 08, 2025 - 08:30 AM (IST)

डेस्क: हरियाणा के वर्तमान ADGP वाई एस पूरन ने चंडीगढ़ के सेक्टर 11 में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उनकी पत्नी भी IAS अधिकारी हैं। फिलहाल ADGP की पत्नी अमनीत पी. कुमार सीएम नायब सैनी के साथ जापान दौरे पर हैं। इस घटना से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया है। आत्महत्या का स्पष्ट कारण अभी तक सामने नहीं आया है। मामले की जांच पुलिस-प्रशासन की तरफ से शुरू कर दी गई है। एक प्रशासनिक अधिकारी का इस तरह से आत्महत्या करना हैरानी की बात है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) भारतीय पुलिस सेवा (IPS) का एक वरिष्ठ पद होता है। यह राज्य पुलिस विभाग के उच्चतम पदों में से एक है, जो न केवल जिम्मेदारी और अधिकार से जुड़ा होता है, बल्कि इसमें आकर्षक वेतन और सुविधाएं भी मिलती हैं। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, ADGP का मासिक मूल वेतन लगभग ₹2,05,400 होता है। कुछ मामलों में यह राशि ₹2,05,000 से थोड़ी कम या ज्यादा हो सकती है, जो अधिकारी की सेवा अवधि और वेतन स्तर पर निर्भर करता है।
ADGP (अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस) रैंक के अधिकारियों को उनके मूल वेतन के अलावा कई प्रकार के सरकारी भत्ते और लाभ प्रदान किए जाते हैं, जो उनके कार्य के महत्व और जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए तय किए गए हैं। इनमें सबसे प्रमुख महंगाई भत्ता (DA) होता है। इसके अलावा, मकान किराया भत्ता (HRA) भी दिया जाता है, जो अधिकारी की तैनाती के क्षेत्र पर निर्भर करता है। आधिकारिक कार्यों के लिए यात्रा और वाहन की सुविधा भी प्रदान की जाती है, जिसे यात्रा और वाहन भत्ता कहा जाता है।
इसके अंतर्गत अधिकारी को सरकारी वाहन या वाहन व्यय की प्रतिपूर्ति दी जाती है। साथ ही, अधिकारियों और उनके परिवार को सरकारी चिकित्सा सुविधा के अंतर्गत मुफ्त या रियायती इलाज की सुविधा मिलती है, जो विभिन्न सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा योजनाओं के अंतर्गत उपलब्ध होती है। ये सभी लाभ ADGP रैंक के अधिकारियों को आर्थिक सुरक्षा और जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।