सुप्रीम कोर्ट का आदेश- यमुना प्रदूषण पर हरियाणा-दिल्ली सरकार तीन अक्तूबर तक दाखिल करें स्टेटस रिपोर्ट
punjabkesari.in Thursday, Aug 10, 2023 - 08:28 AM (IST)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने हरियाणा और दिल्ली को यमुना के प्रदूषण को लेकर अपनी-अपनी स्थिति रिपोर्ट दायर करने का निर्देश देते हुए कहा है कि वह तीन अक्टूबर को मामले पर सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को ‘प्रदूषित नदियों का उपचार' शीर्षक वाले स्वत: संज्ञान मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि उसे बताया गया है कि यमुना और तटीय क्षेत्रों के प्रदूषण व उपचारात्मक उपायों से संबंधित मामले उसके समक्ष हैं। न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा कि यह बताया गया है कि उचित होगा कि इन मुद्दों को विभाजित कर सुनवाई की जाए ताकि उपचारात्मक उपायों का प्रभावी कार्यान्वयन हो सके। अदालत ने कहा कि इसको मद्देनजर रखते हुए, हमें लगता है कि यमुना नदी के प्रदूषण से संबंधित मुद्दों पर पहले सुनवाई उचित है। इस संबंध में हरियाणा और दिल्ली को अलग-अलग स्थिति रिपोर्ट पेश करनी चाहिए।
पीठ ने कहा कि यमुना के प्रदूषण से संबंधित मुद्दे पर विचार करने के लिए मामले को तीन अक्टूबर को सूचीबद्ध किया जाएगा। उच्चतम न्यायालय ने 13 जनवरी 2021 को विषाक्त कचरा प्रवाहित होने की वजह से नदियों के प्रदूषित होने का संज्ञान लेते हुए कहा था कि प्रदूषण मुक्त जल संवैधानिक ढांचे के तहत मौलिक अधिकार है और कल्याणकारी राज्य यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है। इसके साथ ही न्यायालय ने केन्द्र, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली तथा हरियाणा सहित पांच राज्यों को नोटिस जारी किए थे। अदालत ने न्यायालय की रजिस्ट्री को इस मामले को स्वत: संज्ञान लिए गए प्रकरण के रूप में ‘प्रदूषित नदियों का उपचार' शीर्षक से पंजीकृत करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा था कि वह सबसे पहले यमुना नदी के प्रदूषण के मामले पर विचार करेगी। न्यायालय ने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस नदी के किनारे स्थित उन नगर निकायों की पहचान कर उनके बारे में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था, जिन्होंने जल-मल शोधन संयंत्र नहीं लगाए हैं।