हरियाणा सरकार किसानों की तरफ हाथ बढ़ाए लेकिन वह उनसे पंजा लड़ाने लग जाते हैं: हुड्डा

punjabkesari.in Saturday, Apr 10, 2021 - 10:02 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा सरकार बिना विजन की सरकार है। 7 साल में प्रदेश की हालत बदतर हो चुकी है। कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं है। आए दिन बलात्कार, हत्या, चोरी, डकैती बढ़ती जा रही है। जो प्रदेश प्रति व्यक्ति आय में नंबर वन था, आज वह बेरोजगारी में नंबर वन बन चुका है। यह सरकार की सोच और कार्यशैली को दर्शाता है। यह बात आज नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कही। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रदेश को पूर्ण रूप से पिछड़ा हुआ बताया। हुड्डा ने प्रदेश सरकार परलोगों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस किसान आंदोलन का नेतृत्व नहीं बल्कि समर्थन कर रही है क्योंकि किसानों की मांग जायज है और सरकार को आगे आकर वह माननी चाहिए और भी कई मुद्दों पर उन्होंने सरकार पर कड़ी टिप्पणियां कीं। बातचीत के कु छ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:

प्रश्न : प्रदेश में लगभग 2000 केस रोजाना कोरोना संक्रमित के आ रहे हैं। क्या कहेंगे?
उत्तर : यह वैश्विक महामारी कई प्रदेशों में बहुत तेजी से फैल रही है। सभी को एक होकर इस लड़ाई से लडऩा चाहिए। केवल सरकार पर सभी बातों का फैंकना ठीक नहीं है। सभी गाइडलाइन को फॉलो करना चाहिए। खुद के बचाव में ही परिवार का बचाव है और परिवार के बचाव से गांव बचेगा, गांव के बचाव से शहर बचेगा और उससे प्रदेश और फिर देश बचेगा।

प्रश्न : किसान आंदोलन बहुत लंबा होता जा रहा है। बीच में कोई सामंजस्य बनता नहीं नजर आ रहा?
उत्तर : मैंने इतना लंबा शांतिप्रिय आंदोलन जीवन में कभी नहीं देखा। पहले भी किसानों के आंदोलन होते रहे लेकिन कोई भी इतना लंबा नहीं चला। सरकार को समझना चाहिए कि इतने दिनों से ये लोग अपने घर छोड़ कर बैठे हैं। अगर इन किसानों का इन बिलों से कोई लाभ होता तो इतना समय नहीं लगता। सरकार को तुरंत बातचीत करके, वाद-विवाद करके इसका समाधान करना चाहिए।

प्रश्न : सत्ता पक्ष का आरोप है कि कांग्रेस की शह पर सरकार के नेताओं का घेराव और पथराव इत्यादि किया जा रहा है?
उत्तर : आखिर ये हालात पैदा क्यों हुए। विपक्ष के कंधे पर डालने की बजाय इन्हें आत्ममंथन और आत्म अध्ययन करना चाहिए। किसान आंदोलन का नेतृत्व कोई राजनीतिक पार्टी नहीं कर रही। हम समर्थन कर रहे हैं। क्योंकि हम समझते हैं कि किसानों की मांग बिल्कु ल जायज है और वह माननी चाहिए। हम कहते हैं कि हरियाणा सरकार किसानों की तरफ हाथ बढ़ाए लेकिन वह उनसे पंजा लड़ाने लग जाते हैं। कहीं पानी की बौछारें और कहीं लाठीचार्ज। क्योंकि वे लोग हरियाणा की भूमि पर बैठे हैं। इसलिए खासतौर पर हरियाणा की सरकार को आगे बढ़ कर किसानों से हाथ मिला कर उनकी जायज मांगों को लेकर दिल्ली में बात करनी चाहिए और इसका समाधान निकालना चाहिए।

प्रश्न : 75 फीसदी नौकरी वाला कानून क्या आपको इंप्लीमैंट होता नजर आ रहा है ?
उत्तर : एक तरफ तो कहते हैं कि 75 फीसदी नौकरियां प्राइवेट सैक्टर में हरियाणवियों को देंगे,दूसरी तरफ डोमिसाइल में पात्रता 15 साल से घटाकर 5 साल कर रहे हैं। इसका मतलब मूल हरियाणा निवासियों को लाभ होने वाला नहीं है। अगर यह फैसला वापस नहीं लिया तो आरक्षित लोग खास तौर पर अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति, पूर्व कर्मचारी और खिलाड़ी जिनका कोटा है, उसमें भी हमारे मूल हरियाणवी नहीं आएंगे। इन्होंने यह विरोधाभासी फैसला किया है।

प्रश्न : भाजपा-जजपा और निर्दलीयों की गठबंधन की सरकार पर आपकी टिप्पणी क्या है ?
उत्तर : सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। खुली लूट मची हुई है। घोटालों पर घोटाले हो रहे हैं। कानून व्यवस्था ठप्प हो चुकी है। 7 साल की सरकार में कोई एक संस्था नहीं लाई गई जो यह कह सके कि हमने यह काम किया है।      

प्रश्न : ऐसे कौन-कौन से घोटाले हैं जिन्हें लेकर आप लोग भविष्य में जनता में जाएंगे ?
उत्तर : रजिस्ट्री घोटाला हुआ, शराब घोटाला हुआ, मीटर खरीद में घोटाला हुआ और किलोमीटर स्कीम में भी घोटाला हुआ, बाद में इसका सुधार किया। एस.आई.टी. भी बिठाई लेकिन उसकी रिपोर्ट पब्लिश नहीं की गई।

प्रश्न : हरियाणा में उद्योगों की स्थिति आपको क्या नजर आती है ?
उत्तर : इन्होंने हैपनिंग हरियाणा के नाम पर सैंकड़ों करोड़ रुपए खर्च किए। कहा था कि चार लाख करोड़ की इन्वैस्टमैंट आएगी। लेकिन 4000 करोड़ की भी नहीं आई। कोई रोजगार नहीं मिला। वायदा दो लाख लोगों को रोजगार देने का किया था। अब भी बहुत से लघु उद्योग यहां से पलायन कर रहे हैं। नई इन्वैस्टमैंट नहीं आ रही है।

प्रश्न : दिल्ली के आसपास पंचग्राम बनाने की योजना सरकार के ड्रीम प्रोजैक्ट में रही है जिस पर काफी जोर-शोर से काम चल रहा है ?
 उत्तर : यह इनका ड्रीम प्रोजैक्ट नहीं है। वह तो हमारे समय में शुरू किया गया था। जो जमीन हमारे समय में मानेसर-पलवल रोड के लिए एक्वायर हुई थी, वह रोड भी शुरू हो गया लेकिन 7 साल में कु छ नहीं इन्होंने किया।

 प्रश्न : हरियाणा की शिक्षा प्रणाली सैंट्रल लेवल पर चेंज की जा रही है। आपकी इस पर क्या टिप्पणी है ?
 उत्तर : हरियाणा में शिक्षा की तरफ कोई ध्यान नहीं है। एक हजार के करीब स्कू ल बंद कर दिए गए। 45000 शिक्षकों की जगह खाली है। हैड मास्टरों की कमी है। मुख्यमंत्री के खुद के जिला करनाल में 56 फीसदी की कमी है। इनकी नीति स्कूल बंद, टीचरों की भर्ती नहीं करने और विद्यार्थियों की छुट्टी करने की लगती है।

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Content Writer

Manisha rana

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