हरियाणा सरकार ने मलेरिया से बचाव के लिए शुरू किया "मलेरिया मंथ"
punjabkesari.in Tuesday, Aug 09, 2022 - 08:31 PM (IST)

अंबाला(अमन कपूर): हरियाणा सरकार हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मलेरिया से बचाव के लिए "मलेरिया मंथ" मना रही है। अक्सर बरसात के दिनों में जगह-जगह मलेरिया के मच्छर उत्पन्न हो जाते हैं, जिससे मलेरिया फैलने का खतरा बढ़ जाता है। सिविल अस्पताल मलेरिया व डेंगू उन्मूलन इंचार्ज डॉक्टर संजीव सिंगला की माने तो लोगों की लापरवाही के चलते घरों में रखे गमलों में गंदा पानी, कूलर के अंदर कई दिनों का पानी जमा रहने और घरों के ऊपर फेंके गए, टायर में बरसात के पानी से मच्छर का लारवा पनप जाता है। जिससे मलेरिया व डेंगू फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए हरियाणा सरकार हर साल इन दिनों में मलेरिया की जांच करने के लिए कई टीमों को गठित करती है, जो घरों में जाकर लोगों को मलेरिया से बचाव के लिए समझाती हैं। मलेरिया व डेंगू विभाग के मुखिया डॉ संजीव सिंगला ने बताया कि बरसात के मौसम में मलेरिया व डेंगू से बचाव के लिए इस बार भी उन्होंने जिला में 60 स्वास्थ्य वर्कर की टीमें तैनात की गई हैं। हर टीम में 4 से लेकर 8 स्वास्थ्य वर्कर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जुलाई से लेकर अक्टूबर तक मलेरिया का खतरा बना रहता है और इसके बाद डेंगू अपने पाव पसारता है। उनकी यह टीमें जगह-जगह जाकर घरों के बाहर रखे गमले, कूलर, फ्रिज की ट्रे सहित टायर इत्यादि की जांच करते हैं। जिनमें पड़े गंदे पानी को बाहर फेंका जाता है और कई एरिया में बनी डेयरियों में गाय और भैंसों के पानी पीने की हौदियों में पनपे लारवा में काला तेल अथवा मच्छर मार दवाई "केमिकॉस" का स्प्रे करते है, ताकि मलेरिया का लारवा नष्ट किया जा सके। डॉक्टर सिंगला ने बताया कि मच्छर कहां, कब और कैसे पनप जाए, इसके लिए अपने घरों के बाहर रखे गमलों में रोजाना साफ पानी डाला जाए। कूलर का पानी रोजाना बदला जाए और टायर में रखे पानी को ड्रेन किया जाना चाहिए, ताकि मच्छर उत्पन्न न हो सके और मलेरिया अपने पांव न पसार सके। उन्होंने बताया कि इस बार अभी तक 20 हज़ार 500 घरों में स्वास्थ्य वर्कर की टीम जाकर जांच कर चुकी हैं और नियमों का उल्लंघन करने वालों के 13 सौ के करीब चालान काट चुकी है।
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