हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस सुनील गुलाटी बने विशेष मुख्य सचिव

punjabkesari.in Friday, Dec 04, 2020 - 08:06 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा शुक्रवार को एक आदेश जारी कर प्रदेश कैडर के सबसे वरिष्ठ 1984 बैच के आईएएस अधिकारी सुनील कुमार गुलाटी को विशेष मुख्य सचिव के तौर पर पदांकित किया गया है। हरियाणा में ऐसा पहला कोई आईएएस अधिकारी स्पेशल चीफ सेक्रेटरी बनाया गया है। इस वर्ष 30 सितम्बर को 1985 बैच के आईएएस विजय वर्धन को प्रदेश का मुख्य सचिव तैनात किया गया, जब 1983 बैच की आईएएस केशनी आनंद अरोड़ा सेवानिवृत्त हो गई थीं। 

हालांकि केशनी अरोड़ा के बाद हरियाणा कैडर में सबसे वरिष्ठ 1984 बैच के गुलाटी हैं, जो वर्तमान में मुख्य आवासीय आयुक्त, नई दिल्ली और साथ साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी विभाग के पद पर हैं, परन्तु उनसे एक बैच जूनियर विजय वर्धन को मुख्य सचिव लगाया गया। 

इससे पहले भी नवंबर, 2019 में 1984 बैच की आईएएस नवराज संधू के रिटायर होने के बाद 1985 बैच के धनपत सिंह को एफ.सी.आर. (वितायुक्त, राजस्व  विभाग) के पद पर, जो मुख्य सचिव के बाद प्रदेश अफसरशाही में दूसरा सबसे वरिष्ठ पद होता है, पर तैनात किया गया। अप्रैल, 2020 में धनपत की रिटायरमेंट के बाद भी 1985 बैच के विजय वर्धन को एफ.सी.आर. तैनात किया गया। इस प्रकार बीते एक वर्ष वर्ष में गुलाटी को तीन बार सुपरसीड दिया गया। वर्धन के मुख्य सचिव बनने के बाद 1986 बैच के आईएएस संजीव कौशल वर्तमान एफ.सी.आर हैं। 

बहरहाल, इस सम्बन्ध में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बीती 2 अक्तूबर को हरियाणा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव आदि को प्रतिवेदन भेज गुलाटी को विशेष मुख्य सचिव पदांकित करने बारे लिखा था। उन्होंने बताया कि सामान्यत: प्रदेश कैडर के सबसे वरिष्ठम आईएएस अधिकारी को ही राज्य का मुख्य सचिव तैनात किया जाता है। 

हालांकि अगर प्रदेश कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी केंद्र सरकार में डेपुटेशन (प्रतिनियुक्ति ) पर सचिव या अतिरिक्त सचिव के रैंक में तैनात हो एवं वह अपने गृह कैडर में वापस नहीं आते या नहीं भेजे जाते, तो उनसे नीचे प्रदेश में मौजूद आईएएस अधिकारियों में से किसी उपयुक्त आईएएस अधिकारी को राज्य सरकार मुख्य सचिव के पद पर तैनात कर सकती है, परन्तु अगर केंद्र से डेपुटेशन के बाद वरिष्ठ आईएएस गृह कैडर में वापिस आता है, तो उसे ऐसे पद पर तैनात किया जाता है जो पद मुख्य सचिव के समकक्ष हो एवं उस वरिष्ठ अधिकारी को अपने से जूनियर आईएएस, जो मुख्य सचिव के पद पर तैनात हो, उसे न रिपोर्ट करना पड़े।

हरियाणा के  मुख्य सचिव 1985 बैच के विजय वर्धन से वरिष्ठ कोई आईएएस केंद्र में डेपुटेशन पर तो नहीं है, हालांकि उनसे एक बैच सीनियर 1984 बैच के सुनील गुलाटी वर्धन के मुख्य सचिव बनने के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव के रैंक में ही थे, इसलिए उन्हें मुख्य सचिव के समकक्ष पद पर एवं उनके पद को स्पेशल चीफ सेक्रेटरी के तौर पर पदांकित किया जाना चाहिए ताकि दोनों सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करें। प्रशासनिक विधि के सिद्धांतो के अनुसार किसी वरिष्ठ अधिकारी को अपने से कनिष्ठ अधिकारी के अधीन नहीं किया जाना चाहिए। गुलाटी की सेवानिवृत्ति सात माह बाद अगले वर्ष अप्रैल, 2021 में है।

हेमंत ने बताया कि आज से सवा 26 वर्ष पूर्व अगस्त, 1994 में जब तत्कालीन भजन लाल सरकार में 1962 बैच के आईएएस एच.डी. बंसल को प्रदेश का  मुख्य सचिव तैनात किया गया तो उस समय प्रदेश कैडर में मौजूद 1961 बैच के आईएएस ए. बनर्जी को हरियाणा योजना बोर्ड का चेयरमैन तैनात किया गया था ताकि वह अपने से एक वर्ष जूनियर आईएएस अधिकारी के अधीन न हो जाएं. बंसल और बनर्जी दोनों मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करते थे।

यही नहीं जब मार्च, 2017 में पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने 1982 बैच के आईएएस सर्वेश कौशल के स्थान पर 1984 बैच के करण अवतार सिंह को प्रदेश का मुख्य सचिव तैनात कर दिया। हालांकि उनसे सीनियर सभी आईएएस अधिकारियों को स्पेशल चीफ सेक्रेटरी के तौर पर तैनात किया गया। ताकि उनका दर्जा भी मुख्य सचिव के समकक्ष हो। वर्तमान में बीते पांच माह से 1987 बैच की आईएएस विनी महाजन पंजाब की मुख्य सचिव हैं जबकि उनसे ऊपर सभी आईएएस स्पेशल चीफ सेक्रटरी रैंक में हैं।


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vinod kumar

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