शुद्ध सरसों के तेल के नाम पर जहर बेचने की इजाजत कैसे दी जा सकती है: हाईकोर्ट

punjabkesari.in Wednesday, Apr 15, 2020 - 06:39 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र समेत सभी प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। शुद्ध सरसों तेल के नाम पर मिलावटी तेल को बेचने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पूछा कि आखिर क्यों जहर परोसने दिया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार की मिलावट को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता ऐसे में राज्य और केंद्र सरकार को इस विषय को गंभीरता से लेने की जरूरत है। 

याचिका में कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता बनाए रखने और नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए खाद्य पदार्थ के मानक तय करते हुए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 लागू किया था। इसके तहत प्रावधान है कि खाद्य पदार्थों में किसी प्रकार की मिलावट न हो। यदि आवश्यक है तो उसके लिए पहले सरकार से इजाजत लेनी होगी। साथ ही यह भी कि जिन चीजों को मिलाया जा रहा है उसे सामने की ओर बड़े अक्षरों में लिखा जाना चाहिए। 

कोर्ट को बताया गया कि सरसों के तेल की बोतल पर मोटे अक्षरों में शुद्घ कच्ची घानी तेल लिखा होता है और पीछे की तरफ छोटे अक्षरों में मस्टर्ड ऑयल मिक्स 30 प्रतिशत और इसके साथ ही अन्य तेलों के मिलावट की बात भी लिखी जाती है। कई बोतलों पर तो मिलावट का जिक्र तक नहीं था जबकि याची के अनुसार वे अन्य तेलों की मिलावट के साथ तैयार हुई है। याची ने कहा कि एगमार्क का इस्तेमाल भी गलत तरीके से बोतलों पर किया जा रहा है। इसके अलावा कंपनियां शुद्ध सरसों का तेल बोतलों पर लिखती है और अंदर अन्य तेलों की मिलावट वाला तरल बेचा जाता है। 

सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने केंद्र समेत सभी प्रतिवादी पक्ष को इस मामले में जवाब देने का आदेश दिया।


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Shivam

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