गरीबों के लिए हाईकोर्ट की पहल, कम किराए पर मकान को लेकर किया जवाब तलब

punjabkesari.in Wednesday, May 20, 2020 - 01:56 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी)- केंद्र सरकार ने मजदूरों और झोपड़पट्टियों में रह रहे गरीब लोगों को कम किराए के मकान देने की जो घोषणा की है उस पर हाई कोर्ट ने अब चंडीगढ़ सहित पंजाब और हरियाणा से जवाब तलब कर लिया है। कोर्ट ने पूछा कि बताएं कि इसके लिए कितना बजट रखा गया है और कब तक यह मकान बन कर तैयार हो जाएंगे। 

जस्टिस ऋतु बाहरी ने यह आदेश एक मामले की सुनवाई के दौरान दिए हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने गरीबों, मजदूरों और झोपड़पट्टियों में रहे लोगों के लिए कम किराए के मकान बनाए जाने का ऐलान किया है। अब इस ऐलान के बाद इसे कैसे अंजाम दिया जाएगा। इसकी पूरी रूपरेखा तैयार की जानी जरूरी है। लिहाजा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन सहित पंजाब और हरियाणा को इन कम किराए के मकानों के लिए तय की जा रही जगह, इस पर कितना खर्च आएगा और इन्हे कैसे बनाया जाएगा, इसकी पूरी जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर दिए जाने के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ भी हाई कोर्ट ने मनरेगा के लिए जारी किए जाने वाले बजट की भी जानकारी मांग ली है।

जहां आंगनबाड़ी केंद्र नहीं, वहां भी दी जाए मिड-डे मील 
हाई कोर्ट ने कहा कि मौजूदा समय में नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट को लागू किया जाना बेहद जरुरी है। जहां आंगनबाड़ी केंद्र हैं वहां तो बच्चों और महिलाओं को मिड-डे मील दिया जा रहा है लेकिन जहां आंगनबाड़ी केंद्र नहीं हैं वहां भी बच्चों और महिलाओं को मिड-डे मील दिए जाने के हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ सहित पंजाब और हरियाणा को आदेश दे दिए हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत प्रत्येक नागरिक को सम्मान से जीने का अधिकार दिया गया है। ऐसे में प्रत्येक तक भोजन पहुंचाना सरकार की जिम्मेदारी है।

गरीबो को बनाया जाए आत्मनिर्भर
हाई कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि वह झोपड़पट्टियों रहने वाली और गरीब महिलाओं को पेपर और कपड़े के बैग बनाए जाने की ट्रेनिंग दे। ताकि वह आत्मनिर्भर हो सकें और यह पर्यावरण के लिए भी काफी बेहतर होगा। मौजूदा हालात में जब गरीबों के समक्ष रोजगार का संकट खड़ा हो गया है तो ऐसा करने से रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।


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Isha

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