नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात की अनुमति से हाईकोर्ट का इन्कार, जानिए क्यों
punjabkesari.in Wednesday, Sep 24, 2025 - 11:26 AM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 14 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात की अनुमति देने से इन्कार कर दिया है। अदालत ने कहा कि मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार गर्भावस्था 29 सप्ताह की हो चुकी है और पीड़िता की सेहत की स्थिति गर्भपात के लिए उपयुक्त नहीं है। दुष्कर्म पीड़िता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए गर्भ गिराने की अनुमति मांगी थी।
कोर्ट ने इसके लिए मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश दिया था। मेडिकल बोर्ड ने कोर्ट को बताया कि भ्रूण लगभग 29 सप्ताह 6 दिन का है और पीड़िता की नाड़ी व रक्तचाप असामान्य हैं। इस स्थिति में गर्भपात चिकित्सकीय रूप से सुरक्षित नहीं है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी निर्णायक मेडिकल रिपोर्ट के बाद संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत गर्भपात की अनुमति देना संभव नहीं है।
पीड़िता को राहत देते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि उसे तुरंत न्यूनतम 4 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा दिया जाए। साथ ही हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को भी कहा गया है कि वह बीएनएसएस की धारा 396 (4) या किसी अन्य उपयुक्त योजना के तहत पीड़ित को अतिरिक्त मुआवजा और सहायता देने पर विचार करे।
अदालत ने साफ किया कि यह राहत आदेश प्राप्त होने के दो महीने के भीतर दी जानी चाहिए। कोर्ट ने आदेश दिया कि पीड़िता को चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर में भर्ती कराया जाएगा और बच्चे के जन्म तक उसे सभी जरूरी चिकित्सकीय सुविधाएं व सहायता उपलब्ध कराई जाएंगी।