विजय हजारे के सेमीफाइनल में शतक जड़ने वाले हिमांशु पहुंचे घर, गांव में जश्न का माहौल
punjabkesari.in Monday, Dec 18, 2023 - 03:37 PM (IST)

सोनीपत(सन्नी मलिक): वैसे खेलों में हरियाणा का जवाब नहीं है। अभी तक हरियाणा एथलेटिक्स खेलों में शानदार प्रदर्शन करता आया है। इस बार देश के सबसे लोकप्रिय खेल क्रिकेट ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। हरियाणा क्रिकेट की टीम ने पहली बार विजय हजारे ट्रॉफी पर अपना कब्जा जमाया है। फाइनल मैच में राजस्थान की टीम को हराकर हरियाणा की टीम ने विजय हजारी ट्रॉफी जीती है।
वहीं इसी टीम में बतौर बल्लेबाज सोनीपत के निवासी हिमांशु राणा भी शामिल थे। हिमांशु राणा का कहना है कि पूरी टीम ने एक जुट होकर मेहनत किया। इसी का नतीजा है कि हरियाणा की टीम पहली बार विजय हजारे ट्रॉफी जीत ली। राणा ने कहा कि अब वह रणजी ट्रॉफी की तैयारी कर रहे हैं। वहीं बल्लेबाज हिमांशु राणा के घर पहुंचने पर घर वालों ने मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की और कहा कि अब वह अच्छा प्रदर्शन करते हुए इंडिया की टीम के लिए खेलें।
बता दें कि विजय हजारे ट्रॉफी पर इस बार हरियाणा की टीम ने कब्जा किया है। सोनीपत के रहने वाले हिमांशु भी इस टीम एक बल्लेबाज रूप में शामिल थे। हालांकि हिमांशु फाइनल मैच में कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाए, लेकिन सेमीफाइनल में शतक मार कर हिमांशु राणा ने फाइनल की राह आसान की थी। हिमांशु राणा को बचपन से ही क्रिकेट खेलना पसंद था और महज तीसरी क्लास से ही वह सोनीपत की एक अकादमी में क्रिकेट खेल रहे हैं। बचपन में उनके पिता उन्हें क्रिकेट खिलाने के लिए लेकर जाते थे। सबसे पहले अंडर-19 की टीम में खेले उसके बाद जिला और फिर स्टेट की टीम में खेल रहे हैं। फिलहाल हिमांशु हरियाणा की टीम में बतौर बल्लेबाज की भूमिका में खेल रहा है।
हिमांशु राणा ने कहा कि उनका आइडिल सचिन तेंदुलकर हैं। बचपन में सचिन तेंदुलकर को देखकर उन्होंने क्रिकेट खेलने ठानी। उसके बाद से वह लगातार खेल रहे हैं। हिमांशु राणा ने कहा कि उनकी टीम ने बहुत अच्छी मेहनत की है, तभी पहली बार हरियाणा की टीम विजय हजारे ट्रॉफी जीत पाई है। रणजी ट्रॉफी तो हम पहले भी जीत चुके हैं, लेकिन विजय हजारे ट्रॉफी हम पहली बार जीते हैं। जिसके बाद हमारी टीम के सभी खिलाड़ी कप्तान का वह धन्यवाद करते हैं। अब सभी खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी की तैयारी कर रहे हैं, ताकि अच्छा प्रदर्शन कर सकें। वहीं हिमांशु का सपना अच्छा प्रदर्शन करते इंडियन टीम के लिए खेलना है।
घर पहुंचने पर हिमांशु राणा का उसके परिवार ने जोरदार स्वागत किया और मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की है। हिमांशु राणा की पत्नी निजी अस्पताल में डॉक्टर हैं। हिमांशु राणा की पत्नी का कहना है कि उन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और इसी कारण विजय हजारे ट्रॉफी जीती है। आने वाले समय में वह प्रार्थना करते हैं कि इसी तरह प्रदर्शन करते हुए इंडिया की टीम के लिए खेले। वहीं हिमांशु की मां का कहना है कि तीसरी कक्षा से ही हिमांशु क्रिकेट खेलना शुरू कर चुका था और उसके बाद वह अब भी क्रिकेट खेल रहा है। उसने अच्छा प्रदर्शन किया इसी कारण ट्रॉफी जीते हैं। भगवान से प्रार्थना करती हूं कि वह इसी तरह खेलते रहे और आने वाले समय में इंडिया की टीम के लिए खेले। उसके पिता अब दुनिया में नहीं है, लेकिन उनका सपना था कि उनका बेटा बड़ा क्रिकेटर बने। वह उसी राह पर चल रहा है और अब हम कामना करते हैं कि वह इंडिया की टीम के लिए खेल कर हमारा नाम रोशन करे।
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