अस्पताल की 5 सदस्यीय टीम ने महिला के पेट से निकाला 2.5 किलो का बिनायन ट्यूमर

punjabkesari.in Tuesday, Jan 14, 2020 - 10:15 AM (IST)

अम्बाला छावनी (हरिंद्र) : सड़क दुर्घटना में घायल बराड़ा निवासी एक महिला की एक छोटी गांठ बड़े आकार की रसौली में तब्दील हो गई। छावनी सिविल अस्पताल के डाक्टरों ने महिला का उपचार शुरू किया और सोमवार एक बड़े आप्रेशन के बाद पेट से लगभग 2.5 किलो की रसौली को बाहर निकालकर महिला को नया जन्म दिया। परिजनों ने डाक्टरों की इस प्रकार की कार्रवाई की सराहना की व उन्हें आशीर्वाद दिया।

छावनी सिविल अस्पताल के महिला वार्ड में उपचाराधीन महिला के परिजनों ने बताया कि वर्ष 2012 में वह एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गई थी। दुर्घटना के कारण उनके शरीर में एक छोटी गांठ पड़ गई। जिसका विभिन्न प्रसिद्ध अस्पतालों में उपचार करवाया गया, लेकिन किसी को भी बीमारी की सही जड़ का पता नहीं लगा। आखिरकार जब महिला दर्द से कराहते हुए सिविल अस्पताल पहुंची तो यहां के सर्जन डा. पूजा शर्मा व डा. तुलित छाबड़ा ने महिला की जांच की और कई टैस्ट किए।जांच के दौरान सामने आया कि पेट के बड़े होने की वजह एक बिनायन नाम का ट्यूमर है जो लगातार बढ़ता जा रहा है और इससे कैंसर होने का खतरा बढ़ता जा रहा था।

5 सदस्य टीम का सराहनीय सहयोग
परिजनों से परमिशन मिलने के बाद डाक्टरों ने महिला को आप्रेशन के लिए तैयार किया। आप्रेशन के दौरान 5 सदस्य टीम ने उत्कृष्ट कार्य कर महिला के पेट से रसौली को बाहर निकाल दिया। इस कार्य में डा. पूजा शर्मा, डा. तुलित छाबड़ा, अनेस्थिसीय स्पैशलिस्ट डा. पूजा, डा. हरीश व डा. हरीश का आपसी सहयोग इस आप्रेशन में सफल रहा। 

35 साल से ऊपर की महिलाएं करवाएं गांठ की जांच
छावनी सिविल अस्पताल के एस.एम.ओ. डा. सतीश कुमार ने बताया कि कैंसर अस्पताल का निर्माण कार्य बड़ी तेजी से किया जा रहा है। लेकिन इससे पहले की कुछ कैंसर की सुविधाएं सिविल अस्पताल में दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि 35 वर्ष से ऊपर की महिलाओं के लिए छाती स्क्रीनिंग की सुविधा शुरू की गई है, इसमें उन महिलाओं की जांच की जाती है जिन्हें बैस्ट में गांठ की समस्या लगती है। महिलाओं को अगर ऐसा कोई शक है तो वह तुरंत सिविल अस्पताल में उपचार करवा सकती हैं।  


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Isha

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