नवजात के हाथ कटने का मामला- मानव अधिकार आयोग ने सिविल सर्जन को किया तलब

punjabkesari.in Wednesday, Aug 06, 2025 - 02:28 PM (IST)

गुड़गांव/ नूंह, (ब्यूरो): नूंह अस्पताल में नवजात के हाथ काटने के मामले में हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। मानव अधिकार आयोग ने सिविल सर्जन को नोटिस जारी कर 15 दिन में मामले की रिपोर्ट मांगी है। मानव अधिकार आयोग की तरफ से यह नोटिस नूंह सिविल सर्जन को भेजने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, डीजी हेल्थ को भेजकर 15 दिन में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। इसके साथ ही इस नोटिस में पांच बिंदुओं पर यह रिपोर्ट बनाने के लिए कहा है।

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आयोग द्वारा जारी किए गए नोटिस में सिविल सर्जन से यह भी पूछा गया है कि महिला की डिलीवरी के दौरान कौन-कौन स्टाफ ड्यूटी पर था और डिलीवरी के दौरान क्या हालात थे।  डिलीवरी के दौरान ऐसे क्या हालात बने कि नवजात का हाथ कटा। जब हाथ कट गया था तो उसके ट्रीटमेंट के लिए क्या कदम उठाए गए। क्या सिविल सर्जन ने इस मामले में कोई जांच की है तो उसकी जांच रिपोर्ट देने के साथ ही पीड़ित परिवार के साथ धक्का मुक्की करने के कारण भी आयोग ने पूछा है। यह जवाब सिविल सर्जन व स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को 26 अगस्त तक आयोग में दाखिल करना होगा।

 

आपको बता दें कि गांव दोहा निवासी मुकीम ने बताया कि 30 जुलाई को उनकी भाभी सरजीना की डिलीवरी होनी थी। उन्होंने अपनी भाभी को शाम करीब साढ़े 6 बजे अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा के लेबर रूम में भर्ती कर दिया। डॉक्टर ने करीब 3 घंटे के बाद उनकी भाभी की सिजेरियन ऑपरेशन कर डिलीवरी कर दी। थोड़ी देर बाद डॉक्टर बाहर आए और कहने लगे कि उनकी भाभी की डिलीवरी हो चुकी है, लेकिन नवजात के हाथ पर ब्लेड से हल्का सा कट लग गया।

 

पीड़ित ने बताया कि जब अंदर जाकर देखा बच्चे का हाथ बाजू से अलग था और हाथ पर पट्टी बंधी हुई थी। जब डॉक्टरों को इसके बारे में बोला गया तो वह तैश में आ गए और गाली गलौज करते हुए धक्के मारकर अस्पताल से बाहर निकाल दिया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने गुस्से में कहा कि हमने जानबूझकर हाथ काटा है जो करना है कर लो। अगर कानूनी कार्रवाई की तो जच्चा बच्चा को जहर का टीका देकर मार देंगे। जिसके बाद उन्होंने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और मौके पर डायल 112 नंबर पर फोन कर पुलिस को बुला लिया।

 


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Content Editor

Pawan Kumar Sethi

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