नहीं सुधरे हालात तो फरीदाबाद में भी कभी ही हो सकता है दिल्ली जैसा अग्निकांड
punjabkesari.in Monday, Dec 09, 2019 - 10:41 AM (IST)
फरीदाबाद (सुधीर राघव) : दिल्ली की अनाजमंडी में आग लगने की दिल दहला देने वाली घटना से यदि जल्दी सबक नहीं लिया तो औघोगिक नगरी फरीदाबाद में भी अग्निकांड हो सकता है। फरीदाबाद में भी भारी संख्या में बड़े होटल, मॉल और बहुमंजिला रिहायशी इमारतें हैं। लेकिन इसके बावजूद शहर के फायर ब्रिगेड के पास आज भी आग से निपटने के आधुनिक संसाधन मौजूद नहीं हैं।
आग लगने की बड़ी घटना हो जाने पर फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों के हाथ पैर फूलने लग जाते हैं। बड़ी आग लग जाने पर काबू पाने के लिए अक्सर निजी कंपनियों, एयरफोर्स, इंडियल ऑयल के अलावा गुरुग्राम की फायर ब्रिगेड की मदद लेनी पड़ती है। लेकिन इसके बावजूद नगर निगम ने फायर ब्रिगेड को मजबूती प्रदान करने के प्रयास कभी भी नहीं किए।
दूसरों पर निर्भर है विभाग:
शहर में आग लगने की बड़ी घटना होने पर फायर ब्रिगेड के कर्मचारी बुरी तरह परेशान हो जाते हैं। आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड को हमेशा दूसरों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। बड़ी घटना होने पर फायर ब्रिगेड को शहर की निजी कंपनियों, एयरफोर्स और गुरुग्राम फायर ब्रिगेड की मदद लेनी पड़ती है। पिछले महिनों डबुआ कॉलोनी में एक स्कूल में आग लगने, लखानी कंपनी में आग लगने की घटना के दौरान निजी कंपनियों के साथ-साथ गुरुग्राम से भी गाडिय़ां यहां बुलानी पड़ी थीं। इस कंपनी में आग लगने की घटना को कई साल पहले हुई। लेकिन इससे सबक लेकर भी नगर निगम ने फायर ब्रिगेड के बेड़े को मजबूती प्रदान करने का प्रयास नहीं किया।
आधुनिक संसाधनों की भारी कमी:
फायर ब्रिगेड के पास आधुनिक संसाधनों का भारी अभाव है। ग्रेटर फ रीदाबाद और शहर के कई हिस्सों में अनेक बहुमंजिला इमारतों का निर्माण हो चुका है। कई जगह बहुमंजिला इमारतें निर्माणाधीन हैं। कई इमारतों में लोगों ने रहना भी शुरू कर दिया। लेकिन यदि इन इमारतों में आग लगने का हादसा हो जाने पर फायर ब्रिगेड के पास इससे निपटने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। बहुमंजिला इमारतों में आग बुझाने के लिए हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की जरूरत होती है। लेकिन फायर ब्रिगेड ने आज तक यह मशीन खरीदने की जरूरत महसूस नहीं की। इसके अलावा कर्मचारियों में पास आधुनिक मास्क और अन्य उपकरणों की भी भारी कमी है।
एनओसी लेने में नहीं ले रहे रुचि:
जिले में हजारों की संख्या में छोटे बड़े कारखाने, वर्कशॉप, गोदाम, दर्जनभर से ज्यादा मॉल, सैंकड़ों शिक्षण एवं व्यवसायिक स्थल, अस्पताल और बड़े होटल मौजूद है। लेकिन इतनी बड़ी आबादी वाले शहर में संस्थान चलाने वाले लोग फायर ब्रिगेड से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेने की जरूरत महसूस नहीं करते है। इतनी संख्या में संस्थान होने के बावजूद अभी तक मात्र 725 संस्थानों ने ही फायर ब्रिगेड से एनओसी लिया हुआ है। अधिकारियों और कर्मचारियों की भारी कमी के कारण फ ायर ब्रिगेड ने भी कभी संस्थान संचालकों को एनओसी लेने के लिए जागरूक करने अथवा दबाव बनाने का प्रयास नहीं किया।