हरियाणा में "नमक लोटा अभियान" के तहत होगा नशे पर प्रहार, NCB ने बनाई ये रणनीति

punjabkesari.in Wednesday, Mar 26, 2025 - 08:42 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी) : प्रदेश को नशा मुक्त बनाने और नशा तस्करों और उनके नेक्सस को तोड़ने को लेकर हरियाणा एनसीबी प्रमुख पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह की अध्यक्षता में संपूर्ण हरियाणा एनसीबी विभाग की हरियाणा पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन पंचकूला सैक्टर 6 में मीटिंग का आयोजन किया गया। मीटिंग में इस वर्ष प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए व नशा तस्करों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए सभी नोडल अधिकारियों व एनसीबी हरियाणा के अधिकारियों व इंचार्ज को दिशा निर्देश दिए गए। 

एनसीबी प्रमुख ने कहा कि नशे को खत्म करने के लिए जन आंदोलन तैयार करने की ज़रूरत है। मीटिंग में पुलिस महानिदेशक ने PIT NDPS के तहत आदतन नशा तस्करों की नजरबंदी, NDPS मामलों मे रिकवरी, नशा तस्कर की प्रॉपर्टी अटैच करने और कमर्शियल नशे के मामलों को बढ़ाने के लिए सभी जिलों के संबंधित नोडल अधिकारियों, थाना अध्यक्षों और हरियाणा एनसीबी के इकाई प्रभारियों को कार्रवाई करने के लिए कहा गया। इस मीटिंग में सभी अधिकारियों को हरियाणा सरकार के "नशा मुक्त हरियाणा" एवं पुलिस महानिदेशक हरियाणा  शत्रुजीत कपूर के "नशा मुक्त वार्ड - नशा मुक्त गांव" के मिशन पर और बेहतर काम करने और इस वर्ष के अंत तक प्रदेश को नशा मुक्त करने के लिए सभी से आह्वान किया गया।

नमक-लोटा अभियान से करेंगें जागरूक

पंचकुला स्थित एचएनसीबी मुख्यालय से आयोजित इस मीटिंग में हरियाणा एनसीबी प्रमुख ने सभी जिलों के एनडीपीएस के नोडल अधिकारियों, पुलिस विभाग के जनसंपर्क सुचना अधिकारी और हरियाणा एनसीबी के इकाई प्रभारियों को "नमक लोटा अभियान" को अपने अपने कार्यक्षेत्रों में साप्ताहिक तौर पर आयोजित करने के बारे में कहा गया था। उन्होंने कहा कि “नमक लोटा अभियान" में लोटे में गंगाजल और नमक लेकर समाज के लोग नशा ना करने और नशे के खिलाफ आगामी पीढ़ी को जागरूक करने की कसम ली जाती है और उसे हर कीमत पर निभाया जाता है। यानी गांव में या समाज में अगर सामूहिक रूप से कसम ली गई है तो इसके व्यापक परिणाम सामने आते हैं। 

विदित है कि इस ऑनलाइन आंदोलन का प्रभाव प्रदेश के गाँव व वार्ड तक पहुँच गया है। इस आंदोलन में मीडिया के प्रभावशाली व्यक्ति वीडियो बनाकर आमजन को नशे को छोड़ने और उससे दूर जाने का निवेदन करते है। अभियान के तहत गांव में नशीली दवाओं के तस्कर और उपभोक्ताओं की पहचान करने के बाद, उन्हें गांव में ही समुदाय, बुजुर्गों और पंडितों के सामने लाया जाएगा। सबके सामने उन्हें बताया जाएगा कि नशे से उन्हें, उनके परिवार और समुदाय को कितना नुकसान हो रहा है। एनसीबी प्रमुख का कहना है कि पहले युवाओं को नुकसान के बारे में बताने के बाद और यह बताया जाएगा कि राज्य में नशीली दवाओं के तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जा रहा है। पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। इस कारण से दर्जनों तस्कर जेल की हवा खा रहे हैं।

आमजन को बताएं सरकारी स्कीम 

एचएसएनसीबी प्रमुख पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने बताया की जागरूकता कार्यक्रम नमक लोटा अभियान, रामगुरूकुल गमन के साथ साथ प्रदेश सरकार भी नशे के खिलाफ अनेकों योजनाएं चला रही है। सरकार ने मादक पदार्थों की लत के दुष्परिणामों और इसके बढ़ते प्रसार को संज्ञान में लिया है। इसलिए युवाओं और किशोरों को नशे से बचाने के लिए एक राज्य कार्य-योजना शुरू की गई। इस योजना के तीन पहलू हैं- जन जागरूकता अभियान, नशा मुक्ति व पुनर्वास और नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई। नशा मुक्ति व पुनर्वास के लिए प्रदेश में नशा मुक्ति केंद्र खोले गए हैं, वहीं सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भी नशा मुक्ति वार्ड स्थापित किए गए हैं। 

इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न सिविल अस्पतालों में नशा मुक्ति केंद्र बनाए गए हैं। नशा मुक्ति व पुनर्वास के लिए ग्राम व वार्ड स्तर से लेकर राज्य स्तर तक मिशन टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि नशे के खिलाफ इस लड़ाई के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। यह व्यक्तियों, समुदायों और सरकारी निकायों की सक्रिय भागीदारी की मांग करता है। सहयोग, जागरूकता और प्रभावी पुनर्वास के माध्यम से हम समाज को नशा मुक्त बना सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने पुलिस अधिकारीयों और कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर भी जोर दिया।

अतिरिक्त जानकारी देते हुए बताया कि मीटिंग में सभी अधिकारियों व पुलिस इकाइयों को निर्देश दिए गए कि वो शहरों तक सिमित ना रहें। नशे के नेक्सस को तोड़ने के लिए गांव तक पहुंचना होगा और प्रदेश सरपंचो को भी जोड़ने की ज़रूरत है। वहां के लोगों से बात की जाए और देखा जाए कि नशे पर ज़मीनी स्थिति क्या है। अगर वहां कोई नशे से पीड़ित मिलता है तो उसे सभी प्रकार की सरकारी सहायता उपलब्ध ज़रूर करवाई जाए।

नशे से संबंधित डेटा कलेक्शन ज़रूरी

पुलिस महानिदेशक ने बताया कि नशा पीड़ितों की मदद करने और अपने क्षेत्र में ड्रग पैडलिंग की गतिविधियों के बारे में जनता से जानकारी एकत्र करने के लिए प्रदेश में टोल फ्री एंटी-ड्रग हेल्पलाइन नंबर 9050891508 पहले ही शुरू की जा चुकी है। नशे के उद्देश्य से उपयोग की जाने वाली दवाओं की अवैध बिक्री को रोकने के लिए राज्य के सभी केमिस्ट स्टोर के लिए एक मोबाइल ऐप ‘साथी’ तैयार किया गया है। एक अन्य मोबाइल ऐप ‘प्रयास’ का विकास किया गया है। 

इस ऐप में सभी नशा पीड़ितों का राज्यव्यापी डेटा तैयार किया जा रहा है और यह ऐप नशा तस्करों के बारे में जानकारी देने में भी मदद करेगा। बच्चों और युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के स्तर पर कार्यक्रम शुरू किये जायेंगे। मादक पदार्थों की तस्करी और बिक्री पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के लिए हरियाणा में जिला, रेंज और राज्य स्तर पर एंटी नारकोटिक्स सैल्स (ANCs) स्थापित किए गए हैं। वहीं, हम अब नशे और उसके उपयोग का डिजिटलकरण करेंगे ताकि उसी अनुसार आगामी कदम उठाएं जा सकें। वहीं उन्होंने सभी नोडल अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वो फार्मा कंपनियों के साथ मीटिंग करें ताकि अलग अलग प्रकार के ड्रग्स जैसे फार्मा ड्रग्स और सिन्थेटिक ड्रग्स के बारे  के बारे में हम अपडेट रह सकें और जागरूक हो सकें। इस मीटिंग हरियाणा एनसीबी के एसपी मोहित हांडा और श्रीमति पंखुरी कुमार, उप पुलिस अधीक्षक श्री जगबीर सिंह, सतेंद्र कुमार, गजेन्द्र कुमार व जिला न्यायवादी महिपाल सिंह सांगवान, सभी युनिट इंचार्ज व अन्य सभी कर्मचारी शामिल हुए।

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Content Writer

Yakeen Kumar

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