हरियाणा की इस यूनिवर्सिटी पर आयकर विभाग ने लगाया करोड़ों का जुर्माना

punjabkesari.in Friday, Jan 31, 2020 - 12:36 PM (IST)

सिरसा(भारद्वाज): चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय प्रशासन उस नोटिस को लेकर हैरान हैं जिसमें आयकर विभाग ने दे.वि.वि. पर 16 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। इस नोटिस को लेकर आयकर विभाग व दे.वि.वि. प्रशासन में तकरार की स्थिति पैदा हो गई है। हालांकि दे.वि.वि. ने इस नोटिस को गलत ठहराते हुए इसको लेकर ‘अपील’ की प्रक्रिया शुरू कर दी है लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं है कि सरकारी ग्रांट को लेकर आयकर विभाग द्वारा जारी किए गए नोटिस और लगाए गए जुर्माने को लेकर दे.वि.वि. प्रशासन असमंजस की स्थिति में दिखाई दे रहा है।

फिलहाल दे.वि.वि. से लेखा विभाग से संबंधित अफसरों की एक टीम चंडीगढ़ मुख्यालय गई है जहां इस मामले को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की जाएगी। सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग ने दे.वि.वि. प्रशासन को कई दफा नोटिस जारी किए थे मगर किसी भी नोटिस का जवाब न देने पर ही विभाग ने कड़ा कदम उठाते हुए दे.वि.वि. पर भारी भरकम 16 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। 

वी.सी. ने लेखाधिकारियों की ली बैठक
आयकर विभाग ने यह नोटिस रजिस्ट्रार के नाम पर जारी किया है। लेकिन रजिस्ट्रार डा. राकेश वधवा बीते एक हफ्ते से अवकाश पर हैं और ऐसे में उनकी गैर-मौजूदगी में प्रो. विक्रम सिंह अतिरिक्त रूप से कार्यभार देख रहे हैं। जैसे ही प्रो. विक्रम सिंह को इस नोटिस के बारे में पता लगा तो उन्होंने इसकी सूचना तुरंत वी.सी. व विश्वविद्यालय की अकाऊंट ब्रांच के अधिकारियों को दी। वी.सी. प्रो. राजबीर सोलंकी के संज्ञान में यह मामला आते ही उन्होंने तुरंत विश्वविद्यालय के लेखाधिकारियों के साथ मीटिंग की। सूत्रों के अनुसार दिनभर यही मुद्दा मीटिंग में छाया रहा।

 बताया गया है कि विश्वविद्यालय की अपनी कोई आय के स्त्रोत नहीं है और ग्रांट प्रदेश सरकार की ओर से ही जारी की गई हैं तो ऐसे में आयकर विभाग द्वारा नोटिस जारी करना और हिसाब किताब का ब्यौरा मांगना कुछ समझ से परे था, इसी को लेकर चर्चा की जाती रही। वी.सी. ने इस मीटिंग में लेखाधिकारियों के एक पैनल को चंडीगढ़ में कानूनी प्रक्रिया के तहत अपील करने के निर्देश दिए और इस निर्देश के बाद यह पैनल चंडीगढ़ मुख्यालय की ओर रवाना हो गया है क्योंकि 3 फरवरी तक नोटिस का जवाब दाखिल करना है।

इसलिए है असमंजस
इस नोटिस को लेकर विश्वविद्यालय के लेखा विभाग में इसलिए भी असमंजस है कि इससे पहले कभी आयकर विभाग द्वारा ऐसे नोटिस इश्यू नहीं किए गए और खास बात ये है कि सरकारी ग्रांट मिलती है और किस मद में कितना खर्च हुआ इत्यादि का सब ब्यौरा दर्शाया जाता है। मगर आयकर विभाग किस लिए हिसाब मांग रहा है? इसे लेकर असमंजस का माहौल बना हुआ है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

vinod kumar

Recommended News

Related News

static