जाट खाप-पंचायतों की बैठक में खट्टर ने लिए अहम फैसले

punjabkesari.in Saturday, Jan 28, 2017 - 08:25 AM (IST)

चंडीगढ़ (बंसल):मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस बार पूरी तरह से प्रयासरत है कि किसी भी तरीके से जाट आंदोलन टल जाए,जिसके चलते प्रदेश के जाट खाप-पंचायतों के साथ हुई बैठक में रखी गई अधिकांश मांगों को मान लिया गया। एक तरफ जहां सरकार आंदोलन को सख्ती से निपटने का संदेश दे रही है तो वही बातचीत के माध्यम से भी आंदोलन को टालने के प्रयास कर रही है। जाट संगठनों की मुख्य मांग यही रही है कि पिछले वर्ष जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी दी जाए और जेलों में बंद युवाओं को रिहा किया जाए। आज की बैठक में शामिल करीब डेढ़ दर्जन खाप-पंचायतों की तरफ से यह मांग रखी गई तो मुख्यमंत्री ने मांगों को मान लिया। पिछले साल फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान हिंसा में मारे गए मृतकों के परिजनों को हरियाणा सरकार 15 दिन में नौकरी देगी। साथ ही हिंसा और आगजनी के आरोप में जेलों में बंद युवाओं को आम माफी की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ करीब डेढ़ दर्जन खापों के प्रतिनिधियों की बैठक में यह सहमति बनी। 

मुख्यमंत्री निवास पर करीब साढ़े 3 घंटे तक चली बैठक में प्रदेश भर से 94 खाप प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री खाप प्रतिनिधियों को कहा कि मृतकों के परिवार से किसी एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। आवेदन के 15 दिन के भीतर आश्रितों को सरकारी सेवा का नियुक्ति पत्र मिल जाएगा। इसके अलावा सरकार पहले ही निर्दोष लोगों के आश्रितों को 10 लाख रुपए मुआवजा दे चुकी है। जेल में बंद लोगों की रिहाई और उन पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग पर उन्होंने साफ कहा कि निर्दोष लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों की दोबारा जांच करवाई जाएगी। परंतु दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। बैठक में जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष हवा सिंह सांगवान, जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश मान, समैण खाप के प्रधान सूबे सिंह समैण, हुड्डा खाप के प्रधान इंद्रजीत सिंह, मलिक तथा कंडेला, गहलावत, दहिया, कादियान, चहल के अलावा दर्जनभर अन्य खापों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जाट प्रतिनिधियों ने कहा कि आंदोलन में शामिल रहे लोगों को आम माफी देकर जेलों से रिहा किया जाए। इसके लिए उन्होंने मणिपुर का हवाला दिया जहां पुलिस अधिकारियों की हत्या के आरोपियों को आम माफी देकर छोड़ दिया गया था। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस पर कानूनी विशेषज्ञों से राय लेने के बाद ही कोई फैसला कर सकती है। आंदोलन के दौरान मारे गए सभी लोगों के एक-एक परिजन को आवेदन करने पर 15 दिन में नौकरी दे दी जाएगी। 


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