हरियाणा में कांग्रेस छोड़ने वाले जाट नेताओं को भाई BJP की राजनीति, मिला पूरा मान-सम्मान

punjabkesari.in Sunday, Feb 02, 2025 - 03:17 PM (IST)

चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी): आमतौर पर देश भर में राजनेताओं का एक दल से दूसरे दल में आना जाना लगा रहता है, लेकिन हरियाणा में अपने राजनीतिक दल को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में जाने वाले नेताओं की पूरी तरह से मौज रही। गैर जाट की राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में कांग्रेस छोड़कर पार्टी में आने वाले जाट नेताओं को भाजपा में पूरी तवज्जों मिलती दिखाई दे रही है।

बना डाला जीत का रिकॉर्ड

हरियाणा में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं का जिक्र करें तो चौधरी धर्मबीर सिंह का नाम सबसे पहले आता है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में चौ. धर्मबीर सिंह ने बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा और 404,542 वोट हासिल किए, जबकि इनेलो के बहादुर सिंह 2,75,148 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव भी चौ. धर्मबीर सिंह ने भाजपा से लड़ा। इसमें भी 736,699 वोट हासिल कर कांग्रेस की श्रुति चौधरी को हराया। श्रुति को इस चुनाव में 2,92,236 वोट मिले थे। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में फिर से भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा के रण में कूदे और जीत की हैट्रिक का इतिहास रच डाला। चौ. धर्मबीर सिंह ने कांग्रेस के राव दान सिंह को करीब 50 हजार से नीचे के बेहद कम मतों के अंदर से हरा जीत दर्ज की।

ट्रेजेडी किंग को मंत्री, पत्नी को विधायक और बेटे को सांसद बनाया

हरियाणा में जाटों के दबदबे वाले जींद और इससे लगते इलाके को बांगर बेल्ट कहा जाता है। बांगर का यही इलाका किसानों के सबसे बड़े नेता, सर छोटूराम के नाती बीरेंद्र सिंह की राजनीतिक कर्मभूमि रही है। हरियाणा की सियासत में बीरेंद्र सिंह को ट्रेजेडी किंग कहा जाता है और इसके पीछे भी रोचक कहानी है। 5 बार विधायक और 3 दफा सांसद रह चुके बीरेंद्र सिंह कभी सीएम नहीं बन पाए और इसकी टीस उन्हें हमेशा से रही। वह खुद अनेक बार अलग-अलग मंचों से इसका जिक्र भी करते रहे। साफ-सुथरी राजनीति करने वाले बीरेंद्र सिंह हर मुद्दे पर अपना पॉइंट ऑफ व्यू बिना किसी लागलपेट के रखते हैं। जो भी कहना, सीधे मुंह पर कहना, उनकी आदत है। इसी बेबाकी के चलते वह कई बार अपनी ही पार्टी , फिर चाहे वो कांग्रेस हो या भाजपा, के लिए मुश्किलें खड़ी कर चुके हैं। बीरेंद्र सिंह कई बार मौजूदा CM मनोहर लाल को भी आईना दिखाने का काम कर चुके हैं। कांग्रेस में 42 साल गुजारने वाले बीरेंद्र सिंह ने वर्ष 2014 में भाजपा ज्वाइन कर ली और नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में केंद्रीय मंत्री बन गए। 2019 में बीजेपी ने बीरेंद्र सिंह की जगह, आईएएस अफसर की नौकरी छोड़ने वाले उनके बेटे बृजेंद्र सिंह को हिसार से टिकट दिया। बृजेंद्र सिंह चुनाव जीतकर सांसद बन गए। इसके अलावा बीजेपी की टिकट पर उचाना विधानसभा से बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता भी विधायक रही।

मां का सालों पुराना सपना हुआ पूरा, बेटी भी बनी मंत्री

कांग्रेस में रहते राज्यसभा सदस्य नहीं बन पाने वाली पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधू किरण चौधरी के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने पर भाजपा ने उन्हें राज्यसभा में भेजकर सालों पुराना उनका अधूरा सपना पूरा किया। इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की राजनीतिक विरासत को सहेजते हुए भाजपा ने हरियाणा के विधानसभा चुनाव में किरण चौधरी की बेटी और बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी को तोशाम से टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा। विधानसभा चुनाव जितने पर भारतीय जनता पार्टी ने श्रुति चौधरी को प्रदेश की कैबिनेट में शामिल कर ईनाम देने का काम किया।

हरियाणा से बुलाकर बनाया दिल्ली की सीएम

दिल्ली में 1993 में पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल कर सरकार बनाई थी। इस दौरान भाजपा ने पहले मदनलाल खुराना और बाद में साहिब सिंह वर्मा को मुख्यमंत्री बनाया। इस दौरान बढ़ती महंगाई के चलते साहिब सिंह वर्मा को हटाकर भाजपा ने हरियाणा की नेता सुषमा स्वराज को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया था। हालांकि उसके बाद से आज तक भाजपा कभी दिल्ली में सरकार नहीं बना पाई।

इन पर भी बीजेपी ने जताया भरोसा

केवल जाट नेता ही नहीं बल्कि अन्य बिरादरी से भाजपा में आए नेताओं पर भी पार्टी की ओर से पूरा भरोसा जताया गया। इन नेताओं में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई और उनके पोते भव्य बिश्नोई के अलावा कांग्रेस के दिग्गज नेता और उद्योगपति नवीन जिंदल उनकी मां सावित्री जिंदल जैसे नाम भी शामिल हैं। हालांकि कुलदीप बिश्नोई की गाड़ी भाजपा की पटरी से फिलहाल उतरी हुई है। इन सबके बावजूद कुलदीप बिश्नोई अपनी राजनीतिक समझ और सोच के साथ पूरी समझदारी से अपना हर कदम रख रहे हैं।


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Content Writer

Isha

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