JEE Advanced Result 2025: हिसार के सक्षम जिंदल ने देश में हासिल किया दूसरा रैंक, परिवार में जश्न का माहौल

punjabkesari.in Sunday, Jun 08, 2025 - 02:01 PM (IST)

हिसार (विनोद सैनी): हिसार के सक्षम जिंदल ने जेईई एडवांस में ऑल इंडिया में दूसरी रैंक हासिल की है। सक्षम जिंदल ने जेईई मैन्स में पूर्ण 100 पर्सनटाइल स्कोर हासिल कर ऑल इंडिया रैंक में 10 वां स्थान प्राप्त किया था। सक्षम जिंदल का लक्ष्य आईआईटी मुंबई में दाखिला लेना है। हिसार के सेक्टर 14 में रहने वाले समक्ष जिदंल के परिजनों में खुशी का माहौल है। सक्षम जिंदल ने जेईई एसवास परीक्षा में देश में दूसरा स्थान हासिल किया है। परिजनों ने सक्षम को मिठाई खिला कर घर खुशी इजहार किया है। समक्ष के पिता डा. उमेश जिंदल, माता डा अनिता जिदंल, दादा सुभाष जिदंल, दादी मति मंजू रानी, बहन किंजल जिंदल व परिजनों में खुशी का माहौल है। परिजनों के अनुसार सक्षम शुरु से पढ़ाई में होशियार था उसने परीक्षा में दितीय स्थान हासिल करके हिसार का नाम रोशन किया है। बधाई देने वालो को घर पर तांता लगा हुआ है। परिजन बेटे की इस बड़ी उपलब्धि पर बडे़ खुश है।

सक्षम ने बताया कि वह अंडर 14 डिस्टि्रक क्रिकेट चैंपियनशिप भी खेल चुके हैं। सक्षम की दूसरी रैंक आने पर उसके डॉ. उमेश जिंदल, माता अनिता जिंदल सहित पूरा परिवार खुशी मनाने कोटा गया हुआ है। सक्षम जिंदल ने बताया कि सक्षम ने पहली से छठी कक्षा तक आर्यन स्कूल में पढ़ाई की थी। इसके बाद 10वीं कक्षा तक ओपी जिंदल स्कूल में पढ़ाई की, जहां उसने 98 प्रतिशत अंकों के साथ स्कूल टॉप किया था।

सक्षम ने जेईई मैन्स में ऑल इंडिया रैंक 10 हासिल किया था, जिसके बाद उसने नंबर वन का लक्ष्य बनाया। शुरूआत से ही उसने अपना लक्ष्य आईआईटी मुंबई तय किया हुआ है। वह नियमित तौर पर 13-14 पढ़ाई करता है। 15 मिनट ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है। जिसमें वह समय बर्बाद करने की बजाए पढ़ाई से संबंधित चीजों काे ही देखना पसंद करता है। पिछले दो साल से सक्षम कोटा में ही कोचिंग इस्टीच्यूट में पढ़ रहा था।

सक्षम के पिता डॉ. उमेश जिंदल ने बताया कि वह पैथोलॉजी में एमडी हैं। मां डॉ. अनीता जिंदल फिजियोथैरेपिस्ट हैं। माता-पिता मेडिकल की लाइन में होने के बावजूद सक्षम ने शुरू से ही तय कर लिया था कि उन्हें इंजीनियरिंग में जाना है। आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस पढ़ना है। इसी लक्ष्य के लिए उन्होंने कोटा में दाखिला लिया। उसे संभालने के लिए उसकी मां डॉ. अनिता जिंदल हर दूसरे महीने कोटा आती जाती थी।

सक्षम जिंदल ने कहा कि वह हर एक चैप्टर को पूरी गहराई से समझते थे। जब तक चैप्टर क्लीयर नहीं होता तब तक सवाल पूछते रहते थे। जहां भी दिक्कत होती उसे बार बार दोहराते थे। जब कांसेप्ट क्लीयर हो जाता तो कांफीडेंस मजबूत होता था। वीकली परफोरमेंस टेस्ट में लगातार सुधार करते थे। अन्य रैफरेंस बुक की बजाए एनसीईआरटी पर सबसे अधिक फोकस किया।

(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें)


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Deepak Kumar

Related News

static