Haryana: जींद में IMT को लेकर किसानों में रोष, सरकार की भूमि खरीद नीति पर सवाल
punjabkesari.in Thursday, Aug 21, 2025 - 04:29 PM (IST)

जींद (अमनदीप पिलानिया) : हरियाणा सरकार द्वारा जींद जिले में प्रस्तावित इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (IMT) को लेकर किसानों में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है। सरकार ने राज्य में 6 IMT स्थापित करने की घोषणा की है, जिनमें से एक जींद में बनाया जाएगा। इसके लिए कुल 35,000 एकड़ जमीन की आवश्यकता है, जिसमें से जींद IMT के लिए 12,000 एकड़ जमीन चाहिए। यह जमीन जींद के 12 गांवों अमरावली खेड़ा, अलेवा, ढाठरथ, ढिल्लूवाला, जामनी, हसनपुर, खरक गादियां, खांडा, मांडी खुर्द, नगूरां, मोहम्मद खेड़ा और गोहियां से ली जानी है।
किसानों का कहना है कि उनकी जमीन उपजाऊ है और वे इसे औद्योगिक उपयोग के लिए नहीं देना चाहते। उनका तर्क है कि IMT बंजर या कम उपजाऊ क्षेत्रों में बनाया जाना चाहिए। कुछ किसानों का आरोप है कि सरकार उनकी जमीन बड़े उद्योगपतियों को सौंपना चाहती है। एक किसान ने कहा, "हमारी जमीन हमारी माँ है, हम इसे नहीं देंगे।"
सरकार की नीति और किसानों की मांग
प्रदेश सरकार ने किसानों के विरोध को देखते हुए जबरन अधिग्रहण की बजाय स्वैच्छिक भूमि खरीद नीति अपनाई है। हरियाणा राज्य औद्योगिक विकास निगम (HSIIDC) के ई-भूमि पोर्टल पर इच्छुक किसान 31 अगस्त तक अपनी जमीन का पंजीकरण कर सकते हैं और अपनी मर्जी से रेट तय कर सकते हैं। सरकारी अधिकारी कलेक्टर रेट और बाजार मूल्य के आधार पर मोलभाव करेंगे।हालांकि, जींद के मोहम्मद खेड़ा गांव के निवासी और वकील सुनील कार्ल, जिनके परिवार के पास 40 एकड़ से अधिक जमीन है, ने IMT को जींद के विकास के लिए सकारात्मक कदम बताया। पंजाब केसरी से बातचीत में सुनील ने कहा, "IMT का निर्णय अच्छा है। यहाँ का क्षेत्र नेशनल हाइवे से जुड़ा है और चंडीगढ़ व दिल्ली से केवल दो घंटे की दूरी पर है।" लेकिन उन्होंने सरकार से नीति में स्पष्टता की मांग की। सुनील ने पूछा, "अगर कोई किसान प्रति एकड़ 5 या 8 करोड़ मांगता है, तो क्या सरकार उस रेट पर जमीन खरीदेगी? साथ ही, क्या IMT में किसानों के लिए नौकरी या अन्य आरक्षण होगा?"
कानूनी विवाद और विरोध
IMT के लिए भूमि खरीद नीति को लेकर मामला अब पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में पहुँच गया है। जींद के अलेवा गांव के किसान सुरेश कुमार ने इस नीति को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की है। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, और इस मामले की सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
सुनील कार्ल ने बताया कि कुछ किसानों को नीति की पूरी जानकारी नहीं है, और कुछ बाहरी लोग विरोध को भड़का रहे हैं। उन्होंने कहा, "IMT से युवाओं को रोजगार मिलेगा और जींद का विकास होगा।" फिर भी, कई गांवों में IMT के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं।किसानों का यह आंदोलन और हाई कोर्ट में चल रहा मामला सरकार के लिए चुनौती बन सकता है। अब सभी की नजर 23 सितंबर की सुनवाई पर टिकी है।
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