घट रहा जींद रोडवेज बेड़ा, इसी माह 12 बसें और हो जाएंगी डिपो से बाहर

punjabkesari.in Thursday, Jan 30, 2020 - 12:38 PM (IST)

जींद (राठी) : बसों की पहले से ही कमी झेल रहे जींद रोडवेज प्रबंधन की अब और ज्यादा परेशानी बढऩे वाली है। फरवरी माह की शुरूआत में ही बसों की संख्या में और ज्यादा कमी आएगी, क्योंकि जनवरी माह में 12 बसें और रूटों से बाहर हो जाएंगी। ये 12 बसों की वैधता जनवरी माह तक की है और यह बसें इसी माह अपने 8 लाख किलोमीटर पूरे कर लेंगी और इनकी आयु सीमा 8 वर्ष भी पूरी हो जाएगी। इससे बसों की संख्या में भारी कमी आएगी। इसके कारण लोकल व लम्बे रूट प्रभावित होंगे और यात्रियों को भी अपने गंतव्य जाने के लिए बसों के लिए काफी लम्बा इंतजार करना पड़ेगा।

जींद रोडवेज डिपो के पिछले 6 साल के आंकड़े पर बात करें तो 94 बसें कंडम हो चुकी हैं। जबकि 6 साल में केवल 42 बसें ही डिपो को नई मिल पाई हैं। नरवाना तथा सफीदों को छोड़ जींद डिपो में फिलहाल 105 बसें ऑन रूट हैं लेकिन जनवरी माह के अंत तक इन बसों की संख्या घटकर 93 रह जाएगी। वहीं, ढिगाना रूट पर जा रही रोडवेज बस पिछले 2 दिन से नहीं जा रही है। रोडवेज जींद डिपो को वर्ष 2015 में 12 नई बसें मिली थीं। इसके बाद रोडवेज बेड़े में वर्ष 2017 में 30 नई बसें शामिल हुईं। जिनमें से 20 बसें जींद डिपो, 5 बसें नरवाना सब डिपो तथा 5 बसें सफीदों सब-डिपो को मिली थीं। वर्ष 2018 में जींद डिपो में एक भी नई बस नहीं आई।

रोडवेज प्रबंधन ने कई बार निदेशालय को पत्र लिखकर नई बसें भिजवाने के लिए अवगत भी कराया था। बावजूद इसके बेड़े में नई बसें शामिल नहीं हो पाईं। ऐसे में साल दर साल बसों की संख्या घटती ही जा रही है। बसों की संख्या घटने का कारण सरकार द्वारा रोडवेज बेड़े में नई बसें शामिल न करना है। नई रोडवेज बस जब बेड़े में शामिल होती हैं तो उस बस की आयु सीमा व किलोमीटर तय होते हैं। नई बस की आयु सीमा 8 वर्ष होती है। इनको 8 वर्ष तक रूटों पर दौड़ाया जाता है और 8 लाख किलोमीटर तय करने होते हैं। जब आयु व किलोमीटर पूरे हो जाते हैं तो बसों को कंडम घोषित कर दिया जाता है। इसके बाद इन बसों को रूटों पर नहीं लाया जा सकता। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News

static