राजस्थान में करीब दो दर्जन विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है जेजेपी
punjabkesari.in Thursday, Jul 27, 2023 - 12:00 AM (IST)

चंडीगढ़: जननायक जनता पार्टी अब हरियाणा के अलावा पड़ौसी राज्य राजस्थान में भी पूरी तरह से सक्रिय नजर आ रही है और पार्टी राजस्थान के हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, भरतपुर, सूरतगढ़ समेत कई जिलों की करीब दो दर्जन सीटों पर विधानसभा के चुनाव लडऩे की रणनीति बना रही है और इस कड़ी में अब तक राजस्थान के भरतपुर, सूरतगढ़ एवं जयपुर में जजपा कई बड़े सियासी कार्यक्रम भी कर चुकी है। खास बात यह है कि जजपा हरियाणा की तर्ज पर ही राजस्थान की जनता से महिलाओं को पंचायती राज प्रणाली में 50 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के अलावा युवाओं को निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत रोजगार देने, किसानों को खराब फसलों का मुआवजा देने, सब्जियों व फलों का संरक्षित मूल्य देने के लिए भावांतर भरपाई योजना लागू करने एवं 2750 रुपए प्रति माह बुढ़ापा पैंशन देने का दावा कर रहे हैं। इससे पहले अक्तूबर 2019 के विधानसभा चुनाव में यह तमाम वादे दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा की जनता से भी किए थे और फिर भाजपा के साथ गठबंधन सरकार बनने पर न्यूनतम सांझा कार्यक्रम के तहत अनेक वादे लागू भी करवाने में सफल हुए हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान में इस साल के अंत में 200 सीटों पर विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन चुनावों को लेकर जननायक जनता पार्टी भी लगातार सक्रिय है और राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में बैठकें कर रही है। पिछले साल भी जजपा की विद्यार्थी इकाई इनसो के स्थापना दिवस पर राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक समारोह किया गया था। जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अजय सिंह चौटाला व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी लगातार राजस्थान में बैठकें कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राजस्थान चौ. देवीलाल परिवार के लिए सियासी रूप से कोई नया प्रदेश नहीं है, क्योंकि यहां से स्वयं चौ. देवीलाल के साथ-साथ वर्तमान में जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अजय सिंह चौटाला भी चुनाव लड़ चुके हैं।
अब जजपा ने इस साल के अंत में होने वाले राजस्थान चुनाव को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं और इस कड़ी में दो दिन पहले भरतपुर, सूरतगढ़ में जनसभाओं का आयोजन किया गया, जिनमें उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शिरकत की और चुनावों से संबंधित अनेक घोषणाएं भी की थीं। सियासी गलियारों में इन दिनों यह चर्चा जोरों पर है कि जजपा राजस्थान में 18 से 25 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है और इसको लेकर पार्टी ने हरियाणा की तरह राजस्थान में भी चुनावी संकल्प पत्र जनता के बीच रखना शुरू कर दिया है। जजपा द्वारा हरियाणा की तर्ज पर राजस्थान में भी पंचायती राज प्रणाली में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने एवं निजी क्षेत्रों में युवाओं के लिए 75 प्रतिशत रोजगार देने का वादा किया जा रहा है। वैसे चौ. देवीलाल परिवार इससे पहले भी राजस्थान में चुनावी ताल ठोकता रहा है। स्वयं चौ. देवीलाल 1989 में बलराम जाखड़ को हराकर सीकर से सांसद बने थे, तो डा. अजय सिंह चौटाला दात्ताराम गढ़ और नोहर से विधायक रह चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में इसी साल दिसंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसको लेकर जननायक जनता पार्टी तो सक्रिय है ही, वहीं पार्टी की छात्र विंग इनसो भी राजस्थान की छात्र राजनीति में लंबे समय से सक्रिय भूमिका में है। पिछले साल राजस्थान छात्र संघ के चुनावों में भी इनसो ने बढ़चढ़ कर शिरकत की थी। राजस्थान में एक विश्वविद्यालय के अलावा 2 कालेजों के छात्र संघ के अध्यक्ष इनसो से हैं। अब अपने पड़दादा चौधरी देवीलाल, दादा ओमप्रकाश चौटाला और पिता डा. अजय ङ्क्षसह चौटाला की राह पर चलते हुए दुष्यंत चौटाल व दिग्विजय चौटाला राजस्थान में सियासी जमीन संवारने निकले हैं।
खास बात यह है कि साल 1989 में चौधरी देवीलाल हरियाणा की राजनीति के साथ-साथ केंद्र की राजनीति में बड़े किरदार के रूप में तब उभरकर सामने आए, जब उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा खड़ा करते हुए स्वयं एक साथ ही तीन राज्यों की संसदीय सीटों से चुनाव लड़ा था। साल 1989 में हरियाणा के रोहतक और पंजाब के फिरोजपुर के अलावा चौ. देवीलाल ने राजस्थान के सीकर से लोकसभा का चुनाव लड़ा। सीकर सीट से चौधरी देवीलाल ने 3 लाख 75 हजार वोट लेते हुए कांग्रेस के उम्मीदवार बलराम जाखड़ को करीब 46 हजार वोटों के अंतर से पराजित किया। साल 1989 में चौधरी देवीलाल देश के उपप्रधानमंत्री बन गए।
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