सरस्वती नदी को लेकर हेरिटेज बोर्ड के साथ मीटिंग जयपुर में हुई संपन्न, राजस्थान सरकार की पहल
punjabkesari.in Monday, Apr 28, 2025 - 09:53 PM (IST)

चंडीगढ (चन्द्र शेखर धरणी) : सरस्वती नदी को लेकर राजस्थान सरकार की पहल पर एक मीटिंग सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के साथ बिरला विज्ञान अनुसंधान संस्थान जयपुर में हुई जिसमें राजस्थान गवर्मेंट के इरीगेशन मंत्री सुरेश रावत शामिल हुए और सरस्वती बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन धूमन सिंह कीरमिच व बिरला विज्ञान अनुसंधान संस्थान जयपुर के सुदूर संवेदन विभाग प्रमुख डॉक्टर महावीर पूनिया और वर्चुअल जुड़ने वाले अधिकारी इसरो के रिटायर्ड डायरेक्टर डॉक्टर जे आर शर्मा और डॉक्टर बी के भद्रा भी उपस्थित रहे।
सरस्वती नदी को लेकर राजस्थान सरकार की पहल पर एक मीटिंग सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के साथ बिड़ला इंस्टीट्यूट जयपुर में हुई जिसमें राजस्थान गवर्मेंट के इरीगेशन म०त्री सुरेश रावत शामिल हुए और सरस्वती बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन धूमन सिंह कीरमिच व बिरला विज्ञान अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर महावीर पूनिया व वर्चुअल जुड़ने वाले अधिकारी इसरो के रिटायर्ड मुख्य सामान्य प्रबंधक डॉक्टर जे आर शर्मा और डॉक्टर बी के भद्रा डॉक्टर सुल्तान सिंह प्रोफ़ेसर एच. एस. शर्मा डॉक्टर एस. सी. धीमन पूर्व अध्यक्ष सी जी डब्ल्यू बी व विभिन्न वैज्ञानिक शामिल हुए जिसमें सरस्वती नदी को हरियाणा के तर्ज पर राजस्थान में बहाने को लेकर एक पलायन इरीगेशन निष्ठा के साथ बनाया गया।
इसका प्रपोज़ल सरस्वती बोर्ड हरियाणा के द्वारा रखा गया जिसमें प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश सिंह रावत ने इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की बात कही और इस प्रोजेक्ट को प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल के समक्ष रखने के लिए कहा। सरस्वती नदी इस क्षेत्र में युगों युगों से बहती थी और अब इस नदी को धरातल पर लाने का काम हरियाणा के साथ राजस्थान सरकार ने शुरू किया है। अभी तक राजस्थान में पुष्कर झील गुजरात का सिद्धपुर बड़ा क्षेत्र सरस्वती के फैबियो चैनल पर आता है। यह हरियाणा से हनुमानगढ अनूपगढ से होते हुए कच्छ का रण में गिरती थी। इसके ऊपर भी दोनों सरकारें मिलकर काम करना चाहती है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी भी इस प्रोजेक्ट में काम करने के इच्छुक हैं और राजस्थान सरकार की इच्छा शक्ति इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा सकती है और राजस्थान के सूखे क्षेत्र को हरा भरा बनाने में बहुत बड़ा काम कर सकती है।
आज इस बैठक में मुख्य मुख्य बिंदुओं पर चर्चा हुई जिस तरह से रावी ब्यास सतलुज का पानी हरियाणा पंजाब राजस्थान की नदियों को दिया जा सकता है उसी तर्ज पर राजस्थान में इस नदी प्रोजेक्ट में काम करने के लिए इरिगेशन डिपार्टमेंट के मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग भुवन भास्कर अग्रवाल भी शामिल हुए उन्होंने इस प्रपोज़ल को आगे बढ़ाने के लिए बात कही इस अवसर पर उनके साथ इस संस्थान के कार्यकारी निदेशक प्रोफ़ेसर पी. घोष इस संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर महावीर पूनिया पूनिया प्रमुख सदूर संवेदन विभाग भी उपस्थित रहे।