गुर्जर ने किसान आंदोलन को बताया फ्लॉप शो, डिप्टी CM के इस्तीफे की मांग करने वालों को दिया जवाब

punjabkesari.in Sunday, Sep 27, 2020 - 05:39 PM (IST)

यमुनानगर (सुमित ओबेरॉय): एक तरफ जहां किसान कृषि बिल को लेकर प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन कर आंदोलन कर रहे है, वहीं कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने हाल ही में हुए किसान आंदोलन को फ्लॉप शो बताया और कहा कि इसमें कोई किसान नहीं आया। क्योंकि अब किसानों को धीरे धीरे बात समझ आ चुकी है। 

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ये कांग्रेस का आंदोलन है, क्योंकि इससे कांग्रेस का नाश होगा, किसानों का नही। सौ परसेंट ये किसानों के हित में है। वही सरकार गिर जाने और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के इस्तीफे की मांग करने वाले विपक्षी नेताओं के बयान पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ये ख्याली हलवा खा रहे है, ऐसा कुछ भी होने वाला नहीं है।

सरकार बहुत अच्छी चल रही है। हम चाहते हैं किसान मजबूत हो और इस बिल से किसान मजबूत होगा। वही उन्होंने कहा कि कुछ लोग माहौल खराब करना चाहते हैं, लेकिन हरियाणा में माहौल खराब नहीं होगा। चाहे कांग्रेस हो या कोई विपक्षी दल सबको पता है और सबने सबका समय देखा है। किसानों के ऊपर जितने अत्याचार हुए वह अभी भी सब लोगों को याद हैं।

हाल ही में हुए किसान आंदोलन पर निशाना साधते हुए कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि मैंने अभी 20 तारीख को एक प्रेस वार्ता की थी। उस दिन मैंने यह कहा था कि यह जो आंदोलन है, वह आने वाले 15 दिन में समाप्त हो जाएगा और अभी आपने देखा कि हाल ही में जो किसानों का आंदोलन था बन्द का, कहीं भी किसान निकल कर नहीं आया। क्योंकि धीरे-धीरे किसान की समझ में यह बात आती जा रही है। यह जो बिल है सौ फीसदी किसान हितेषी है । 

किसान को स्वतंत्रता दी जा रही है व्यापार करने की। जो परिस्थितियों पहले थी चाहे एमएसपी की बात थी। एमएसपी वैसे ही है, मंडी वैसे की वैसी है। केवल एक ऑप्शन यह दिया किसान कि वह बाहर भी अपनी चीज बेच सकता है। कुछ लोग कह रहे हैं कि पहले भी बेच सकता था। बिल्कुल पहले भी बेच सकता था। लेकिन वह गैरकानूनी था। 

गैरकानूनी होने से किसी समय कोई भी अधिकारी जाकर उस बात के लिए दंडित कर सकता है, सजा कर सकता था। अब इस रिस्क को खत्म कर दिया। कोई आदमी कहीं भी अपनी चीज को बेच सकता है, कोई खरीद सकता है। कहीं भी ट्रांसपोर्ट कर सकते। इससे किसानों को लाभ ही होगा।

गुर्जर ने कहा और जिस प्रकार की बातें की जा रही है कि जो बड़ी-बड़ी कंपनियां आएंगी वह खरीद लेंगे, अभी काम को शुरू तो होने दो। अगर कोई इस प्रकार की बात सामने आएगी। तो ऐसा तो नहीं है कि कोई एक चीज एक बार बनी तो उस पर विचार नहीं कर सकते। हिंदुस्तान का संविधान कब बना, उसके बाद उसमें बदलाव नहीं हो रहे क्या, कितने बदलाव हुए हैं। जब कोई बात सामने आएगी तभी तो। ऐसे ही एक कल्पना कर दी कितनी बड़ी-बड़ी कंपनियां खरीद लेंगी, वह पेमेंट नहीं देंगी। 

वह यह नहीं करेंगी वो नहीं करेंगे। वास्तविकता क्या है मैक्सिमम अनाज एमएसपी पर मंडी में जाता है और व्यापार चलता रहता है। बड़े किसानों से लेकर छोटे किसान भी मंडी में 2 से 5 क्विंटल तक अनाज लाते है। निश्चित रूप से किसानों को लाभ होगा और कांट्रेक्ट फार्मिंग के नाम पर कह रहे है बंधुआ मजदूर बन जाएंगे जबकि ऐसा कुछ नही है। कांट्रेक्ट फार्मिंग पहले से ही हो रही है।

भाकियू प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह यह कहते हैं कि यह किसानों के हित में नहीं है और अब हम बीजेपी नेताओं का विरोध करेंगे। इस पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि गुरनाम सिंह किस बात पर कह रहे हैं कि ये किसानों के हित में नहीं है। सारे देश के किसानों ने मान लिया यह बिल किसान का हितैषी है। 


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vinod kumar

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