Karnal News: 5 साल की बच्ची ने किया कमाल, इतनी सी उम्र में Taekwondo में बनाया World Record
punjabkesari.in Wednesday, Aug 27, 2025 - 08:08 PM (IST)

करनाल: करनाल जिले के बागपत गांव की महज 5 साल की मानवी ने ताइक्वांडो में असाधारण उपलब्धि हासिल कर विश्व रिकॉर्ड बना डाला है। मानवी को 24 अगस्त को मुंबई में वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस लंदन बुक की ओर से सम्मानित किया गया। उसकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए अब उसका नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस लंदन बुक में दर्ज हो चुका है। वह ताइक्वांडो में सबसे कम उम्र में दो ब्लैक बेल्ट हासिल करने वाली विश्व की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गई है।
मानवी ने महज 3 साल की उम्र में 28 फरवरी 2023 को कोरिया कुक्कीवोन से पहली ब्लैक बेल्ट प्राप्त की थी। इसके बाद 5 साल की उम्र में, 28 अप्रैल 2025 को उसने दूसरी ब्लैक बेल्ट भी कोरिया कुक्कीवोन से प्राप्त कर ली। यह रिकॉर्ड कायम करते ही उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली और वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में नाम दर्ज किया गया।
मुंबई में भव्य सम्मान समारोह
24 अगस्त को मुंबई में आयोजित समारोह में मानवी को वर्ल्ड रिकॉर्ड और एक्सीलेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उसे वर्ल्ड रिकॉर्ड लंदन की ओर से डॉ. दिवाकर शुक्ला, यूएसए से डॉ. मधु किशन, महाराष्ट्र के लोकपद अध्यक्ष राजेंद्र दास, ISKCON के अध्यक्ष सूरदास प्रभु जी, डॉ. सोमनी शास्त्र, MSE DCL के डायरेक्टर राजेंद्र पवार, टीवी अभिनेत्री रूपल पाटिल (कोकिला), अभिनेता पंकज बेरी, फैशन आइकॉन विशाल कपूर, मराठी फिल्म अभिनेत्री कंचन पागरे सहित कई गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में प्रदान किया गया।
मानवी की उपलब्धियां
- करनाल जिला स्तरीय ताइक्वांडो चैंपियनशिप 2023 – गोल्ड मेडल
- करनाल कप ताइक्वांडो चैंपियनशिप 2023 – गोल्ड मेडल
- ओपन इंटरनेशनल स्पीड किक ताइक्वांडो चैंपियनशिप 2024 – सिल्वर मेडल
- हरियाणा स्टेट अस्मिता ताइक्वांडो चैंपियनशिप 2025 – सिल्वर मेडल
- नेशनल डायमंड अवॉर्ड 2024 – सम्मानित
पिता की प्रेरणा बनी बेटी
मानवी के पिता और कोच मास्टर सतीश स्वयं एक ताइक्वांडो प्रशिक्षक हैं। उन्होंने बताया कि मानवी ने मात्र तीन वर्ष की उम्र में ताइक्वांडो में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया था और देखते ही देखते पहली ब्लैक बेल्ट हासिल कर ली। अब पांच साल की उम्र में उसने दूसरी ब्लैक बेल्ट भी प्राप्त कर ली है। इस उपलब्धि को देखकर उन्हें मुंबई बुलाया गया था, जहां बेटी को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
ओलंपिक का सपना
मानवी की मां भी पूर्व ताइक्वांडो खिलाड़ी रह चुकी हैं। पिता सतीश रोजाना उसे दो घंटे की सघन प्रैक्टिस करवाते हैं। उनका सपना है कि मानवी एक दिन ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतकर देश, राज्य और अपने शहर करनाल का नाम रोशन करे। मानवी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर पूरे गांव और जिले में हर्ष और गर्व का माहौल है। घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
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