कोरोना संकट में मिसाल बनी हरियाणा की चीफ सेक्रेटरी केशनी आनंद, बिना अवकाश लिए किया काम

punjabkesari.in Sunday, Sep 27, 2020 - 01:50 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): हरियाणा की चीफ सेक्रेटरी केशनी आनंद अरोड़ा की सेवानिवृत्ति 30 सितम्बर को हैं। ऐसे कायास लगाए जा रहें कि उन्हें राइट टू सर्विस विभाग में चेयरमैन लगाया जा रहा है। केशनी आनंद अरोड़ा ने कॅरोना के चुनोती पूर्ण काल मे अपनी वर्किंग सुबह 5 बजे से रात 12 बजे तक सामान्यता रखी। इन्होंने न कोई रविवार न कोई अवकाश की नीति के तहत इस संकट काल मे कार्य किया। हरियाणा के अधिकांश विभागों की मीटिंगों के दायित्व, कोरोना से कैसे निपटा जाए कि रणनीति, कानून व्यवस्था,विजिलेंस विभाग की सभी जानकारियां व सेल्युशन जैसे अनेको चुनोतिपूर्ण कामों के साथ मोबाइल कॉल्स, वाट्सएप हर मूमेंट से अपडेट रहना इनकी दिनचर्या का हिस्सा रहा। महिला होने के बावजूद प्रशाशनिक व्यवस्था को लेकर पूर्ण सक्रियता देखते ही बनती है।सुबह से शाम तक पूर्ण उत्साह व खुश मन से बिना टेम्परामेंट खोए सब कामों को यह अंजाम देती है। पूरे हरियाणा भर से आने वाली सभी सूचनायों पर तुरन्त प्रभावी कार्यवाही होती है।कारोना काल मे ही इसी माह 30 सितंबर को केशनी आनंद अरोड़ा की सेवानिवृत्ति भी है। 
PunjabKesari
यह चीफ सेक्रेटरी पद पर पहुंचने वाली 5 वी महिला आई ए एस हैं। हरियाणा में चीफ सेक्रेटरी पद तक पहुंचने वाली पहली महिला आई ए एस अधिकारी प्रोमिला इस्सर बनी थी।उनके बाद मीनाक्षी आनंद चौधरी,उर्वशी गुलाटी,शकुंतला जाखू बनी हैं।केशनी आनंद अरोड़ा को दो बहनें भी हरियाणा की मुख्य सचिव रह चुकी हैं। उनकी बड़ी बहन मीनाक्षी आनंद 8 नवंबर 2005 से 30 अप्रैल 2016 तक मुख्य सचिव रहीं, जबकि उर्वशी गुलाटी को 31 अक्टूबर 2009 से 31 मार्च 2012 तक मुख्य सचिव पद संभालने का मौका मिला। 20 सितंबर 1960 को पंजाब में जन्मी केशनी आनंद अरोड़ा बेहद प्रतिभाशाली ब्यूरो क्रेट हैं। ये राजनीति विज्ञान से एमए और एम फील करने के दौरान अपने बैच की टॉपर थीं। यहीं नहीं बल्कि हरियाणा कैडर के 1983 आईएएस बैच का टॉपर बनने का गौरव भी केशनी आनंद अरोड़ा को हासिल है। इन्होंने ऑस्ट्रेलिया के सिडनी विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री प्राप्त की। पंजाब से अलग होकर हरियाणा राज्य बना तो 16 अप्रैल 1990 प्रदेश की पहली महिला उपायुक्त के पद पर केशनी आनंद अरोड़ा की नियुक्ति हुई।

उन दिनों लोग तो इस बात पर शर्त लगाते थे कि किसी महिला को डिप्टी कमिश्नर या दूसरे अहम पद नहीं मिल सकते हैं। जब हरियाणा अलग राज्य बना और केशनी राज्य की पहली महिला डिप्टी कमिश्नर बनीं। न्याय पसंद,कोमल ह्यरदय,व्यवहार कुशल व ज़रूरत मन्दों की मदद के लिए सदैव ततपर रहना केशनी आनंद अरोड़ा के व्यक्तित्व का हिस्सा है। केशनी आनंद अरोड़ा के पिता जेसी आनंद पंजाब विश्वविद्यालय में प्रफेसर रहे। उनकी बड़ी बहन मीनाक्षी आनंद चौधरी 1969 बैच की आईएएस अधिकारी रही हैं। वह 8 नवंबर 2005 से 30 अप्रैल 2006 के बीच मुख्य सचिव के पद पर रही हैं । इसी प्रकार उनकी दूसरी बहन उर्वशी गुलाटी भी 1975 बैच की आईएएस अधिकारी रहीं हैं और वह 31 अक्टूबर 2009 से 31 मार्च 2012 के बीच मुख्य सचिव के पद पर विराजमान रही हैं।
PunjabKesari
हरियाणा में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक नया मुख्य सचिव है, क्योंकि 1983 बैच के आईएएस अधिकारी केशनी आनंद अरोड़ा ने रविवार को डीएनएस ढेसी से पदभार संभाला। अरोड़ा, जो अतिरिक्त मुख्य सचिव और राजस्व विभाग के प्रभारी के रूप में सेवारत थे, तीन बहनों में सबसे छोटी हैं, सभी हरियाणा-कैडर के सिविल सेवक। उनकी बड़ी बहनें मीनाक्षी आनंद चौधरी और उर्वशी गुलाटी भी राज्य के मुख्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुईं। अरोड़ा नागरिक सेवाओं के 1983 बैच में दूसरे स्थान पर थे, और विभिन्न पदों पर सेवा दे चुके हैं, विशेष रूप से चंडीगढ़ में UIDAI के उप महानिदेशक, जब भारत सरकार देश भर में आधार पंजीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रही थी। वह 1991 में हरियाणा की पहली महिला उपायुक्त होने का रिकॉर्ड रखती हैं, जब उन्होंने यमुनानगर जिले की बागडोर संभाली थी।तब कहा था कि -“मेरा मुख्य जोर भारत सरकार और राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को लागू करने पर होगा। दूसरे, मैं सुशासन और बढ़ी हुई पारदर्शिता पर ध्यान दूंगा। मैंने विकास में समावेशी विकास सुनिश्चित करने का भी इरादा किया है।

यह भारत में सिविल सेवकों का एकमात्र परिवार है जिसने तीन बहनों को एक राज्य में शीर्ष पद पर पहुँचाया है। राजस्व के अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में, उन्होंने कई ई-गवर्नेंस परियोजनाओं को लागू किया, जो राज्य में स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क को बढ़ाने में मदद करते हैं। हरियाणा ने राजस्व सचिव (2017-2017) के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान केवल एक वर्ष में स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क में 33 प्रतिशत की उच्च वृद्धि दर्ज की।अरोड़ा को हरियाणा में ऑनलाइन शिक्षकों की स्थानांतरण नीति शुरू करने का श्रेय दिया जाता है, जो एक पहली पहल थी। नीति का उद्देश्य पारदर्शिता लाना था।

इन तीनो बहनों के पिता, डॉ जे.सी. आनंद, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में राजनीति विज्ञान के शिक्षक थे। तीनों को उनके पिता ने पढ़ाया और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर किया। आनंद ने अपनी बेटियों को सिविल सेवाओं में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। अरोरा की 25 वर्षीय इंजीनियर बेटी श्रुति ने पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए पिछले साल यूपीएससी परीक्षा में 118 वीं रैंक हासिल की।वर्त्तमान में इनकी बेटी श्रुति आई पी एस अधिकारी के रूप में चंडीगढ़ में ही कार्यरत हैं।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News

static