रजिस्ट्रेशन के बाद लाल डोरा की संपत्तियों की कीमत में बढ़ोतरी के साथ बैंक लोन लेने में भी नहीं होगी दिक्कत: संजीव कौशल

punjabkesari.in Monday, Oct 18, 2021 - 09:52 AM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : स्वामित्व योजना के तहत लाल डोरा की जमीन के 9 लाख 80 हजार लोगों के प्रॉपर्टी सर्टिफिकेट विभाग द्वारा तैयार किए जा चुके हैं। बकाया बचे संपत्ति मालिकों के सर्टिफिकेट बनाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है और हर हफ्ते करीब डेढ़ लाख सर्टिफिकेट तैयार किए जा रहे हैं। यह जानकारी हरियाणा के वित्त आयुक्त संजीव कौशल ने देते हुए बताया है कि यह स्वामित्व योजना लागू करने वाला हरियाणा पहला राज्य बना और इसकी जरूरत और लाभ को समझते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे पूरे देश में लागू किया है।

हम इस काम में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। लगभग प्रदेश के सभी गांवों में ड्रोन फ्लाइंग पूरी हो चुकी है। सभी गांवों के बेसमैप बनाए जा चुके हैं और करीब 5000 गांवों के क्लेम और ऑब्जेक्शन की प्रक्रिया भी आगे बढ़ाई जा चुकी है। अगले 5-6 हफ्ते में प्रॉपर्टी सर्टिफिकेट का काम पूरा कर लिया जाएगा और यह आवंटित किए जाएंगे। कौशल ने बताया कि जो व्यक्ति अपनी संपत्ति का रजिस्ट्रेशन करवाना चाहेगा उसे करवाने का अधिकार होगा।लेकिन इस प्रॉपर्टी सर्टिफिकेट में सिंबल या कोड लगाकर संपत्ति मालिक को प्रोटेक्शन भी दी जाएगी।

कौशल ने बताया कि लाल डोरे की प्रॉपर्टी में असल मालिक की पहचान या डिस्प्यूट वाली संपत्तियों का सही आकलन हम ड्रोन फ्लाइंग से काफी हद तक पकड़ सकते हैं। क्योंकि इससे मैपिंग हो जाती है।लेकिन उसके बावजूद हमारे प्रोसेस का एक हिस्सा क्लेम और ऑब्जेक्शन भी है। हम ग्राम सभा की बैठक करवाते हैं और 1 माह का समय इसके लिए निश्चित किया जाता है। इसके लिए उपायुक्त एक अथॉरिटी हैं। जिनकी देखरेख में यह काम किया जाता है। अभी भी हमारे पास बहुत से डिस्प्यूट आ रहे हैं।जिसे हम हर हफ्ते रिव्यू करते हैं। कौशल ने बताया कि इस योजना का लाभ यह है कि इससे भूमि मालिक अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री तो करवा ही सकता है, साथ ही साथ जो समस्याएं इस संपत्ति की मलकियत न होने के कारण या किसी सरकारी अधिकारी द्वारा दिए गए सर्टिफिकेट में होने के कारण फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस (बैंक) द्वारा जो उन्हें अहमियत न दिए जाने की आती थी वह समस्या दूर हो जाएगी। खतो- खिताबत की आवश्यकता नहीं रहेगी।

रजिस्ट्री से अपनी संपत्ति को सही दाम पर बेचने पर लाभ होगा और बैंक भी लोन देने में संकोच नहीं करेगा। इससे संपत्ति की कीमत में भी काफी इजाफा होगा। कौशल ने बताया कि इस योजना के मामले में हमारा प्रदेश दूसरे सभी प्रदेशों से कहीं आगे चल रहा है। देश के कई बड़े राज्य उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश के विभाग भी पूरी तरह से क्रियाशील है। लेकिन इस मामले में हमारा प्रदेश काफी अच्छे स्तर पर है और मैं खुद इस योजना को मॉनिटर कर रहा हूं। प्रदेश के डिप्टी कमिश्नर, डीआरओ, डीडीपीओ भी इसे रिव्यु करते हैं। उपायुक्त की लीडरशिप और सारी सरकारी मशीनरी के सहयोग से हम जल्द ही इस योजना का लाभ लोगों को दे देंगे।

संजीव कौशल ने कहा कि प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने को लेकर हमने कई बदलाव किए। हालांकि रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस बहुत फ्रेंडली है। इसमें समय-समय पर जो भी दिक्कत सामने आती है उसे दूर किया जाता है। पहले रजिस्ट्रेशन में आधार कार्ड आवश्यक होता था। लेकिन हमारे संज्ञान में एक ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया जिसे कानूनन हमारे देश में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त का अधिकार प्राप्त है का मामला सामने आया। जिन्हें यहां कोई संपत्ति की खरीद करनी थी। हालांकि सेल के लिए पासपोर्ट दिखाकर अप्वाइंटमेंट मिल जाती थी। लेकिन सिटीजन ऑफ इंडिया न होने के कारण उनका आधार नंबर जनरेट नहीं हो सकता था। हमने उनकी समस्या को समझा और इसका रास्ता साफ किया। पहले कई जगह पर सरवर डाउन होने के कारण काम नहीं हो पाता था। अब हम सर्वर को ऑनलाइन चेक करके समस्या को दूर कर रहे हैं और इसका सीधा लाभ विभाग को हो रहा है। दिवाली के पावन पर्व के कारण भी अच्छी खरीद-फरोख्त होने के कारण स्टांप ड्यूटी से प्रदेश के रेवेन्यू में भी काफी बढ़ोतरी हुई है।

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Content Writer

Manisha rana

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