हरियाणा रोडवेज के कंडक्टरों के हाथों में होंगी टिकट काटने के लिए मशीनें, विभाग रखेगा पैनी नजर

punjabkesari.in Tuesday, May 10, 2022 - 02:51 PM (IST)

सिरसा(सतनाम सिंह): हरियाणा सरकार लगातार डिजिटलाइजेशन कि ओऱ कदम बढ़ा रही है इसी दिशा में अब हरियाणा राज्य परिवहन भी काम कर रहा है। जिसके चलते अब रोडवेज कंडक्टरों को मैन्यूअल टिकेट व पंच से पूरी तरह छुटकारा दिलाया जाएगा। ई टिकटों के जारी होने से कंडक्टरों द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार की शिकायतें भी बंद हो जाएगी।

बात अगर सिरसा जिले कि करें तो इसके लिए सिरसा डिपों में 210 मशीनें पहुंच चुकी है। इन मशीनों के रखने की व्यवस्था अलग से की गई है। इसके लिए जल्द ही सभी कंडक्टरों के लिए प्रशिक्षण प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।  इसके बाद डिपो की सभी बसों में मैन्यूअल पंचिंग टिकटों की बजाए मशीनी टिकट देने की व्यवस्था लागू हो जाएगी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार अगले महीने के पहले हफ्ते से ई-टिकटिंग प्रणाली के माध्यम से टिकट काटे जाने शुरू हो जाएंगे।

ई-टिकटिंग व्यवस्था से हर बस में मौजूद सवारियों की संख्या परिवहन विभाग के अधिकारियों के पास ऑनलाइन मौजूद रहेगी। मुख्यालय बैठे अधिकारी एक क्लिक भर में यह जान सकेंगे कि सिरसा डिपो की किस बस में किस समय, किस रूट पर, कितने यात्री सवार हुए और आमदन कितनी हुई।

सिरसा रोडवेज के जीएम खूबी राम कौशल ने बताया कि इससे सिस्टम में और पारदर्शिता आएगी। ई-टिकटिंग शुरू होने से रोडवेज बसों में फ्री पास और रियायती कोटे के तहत यात्रा करने वाली सवारियों को एक नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) जारी किया जाएगा। इस कार्ड को जैसे ही कंडक्टर अपने ई-टिकटिंग कियोस्क पर स्कैन करेगा, यात्री की यात्रा से संबंधित डाटा कंट्रोल रूम में आ जाएगा। इससे विभाग को यह जानकारी रहेगी कि फ्री पास और रियायती कोटे के तहत कितने यात्रियों ने सफर किया है। इससे जिस रूट पर ज्यादा सवारियां यात्रा कर रही हैं, उस रूट पर ज्यादा बसों की शेड्यूलिंग की जा सकती है। इससे रोडवेज के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।

ई-टिकटिंग सिस्टम के शुरू होने से विभाग में रिवेन्यू लीकेज भी कम होगी। कई बार टिकटों के रि-इश्यू करने व नकली टिकटों के मामले सामने आते हैं। ई-टिकटिंग मशीन से जारी टिकट को न तो रि-इश्यू किया जा सकता है और न ही उसका नकली टिकट काटा जा सकता है। समय समय पर रोडवेज फ्लाइंग द्वारा ऐसे कंडक्टरों की धरपकड़ भी की जाती रहती है जो यात्रियों को या तो टिकट ही नहीं देते, या पुरानी टिकट ही दे देते हैं। मगर ई-टिकट प्रणाली शुरू होने के बाद कंडक्टर ऐसा गड़बड़झाला नहीं कर सकेंगे।

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Content Writer

Vivek Rai

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