चूल्हा-चौका छोड़ मिड डे मील वर्करो ने सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी
punjabkesari.in Wednesday, Sep 04, 2019 - 05:29 PM (IST)

नूंह मेवात (ऐ के बघेल): बुधवार को मिड डे मील वर्कर अपनी मांगों के चलते घरेलू कामकाज छोड़कर गांधी पार्क नूंह में बड़ी संख्या में एकत्रित हुई। मिड डे मील वर्कर्स यूनियन हरियाणा के आहवान पर डीसी नूंह के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी को अपनी मांगों से जुड़ा ज्ञापन महिलाओं ने सौंपा। गांधी पार्क नूंह से पैदल चलकर लघु सचिवालय परिसर पहुंची महिलाओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। चेतावनी भरे लहजे में महिलाओं ने कहा कि अगर एक दिवसीय धरना - प्रदर्शन से सरकार की आंख नहीं खुली तो अनिश्चितकालीन धरना - प्रदर्शन से भी मिड डे मील कर्मचारी पीछे नहीं हटेंगी।
महिलाओं ने कहा कि दुनिया भर में दोपहर भोजन सरकारी स्कूलों में प्रदान करने की सबसे बड़ी योजना मिड डे मील में करीब 26 लाख वर्कर , 12 लाख स्कूल , 11 करोड़ बच्चे जुड़े हुए हैं। मिड डे मील वर्कर अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलनरत हैं। सरकार ने आंगनवाड़ी , आशा का वेतन जब बढ़ाया था , तब भी मिड डे मील वर्कर के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। ज्ञापन के माध्यम से मिड डे मिल वर्कर की मांग है कि उनको चौथे दर्जे का सरकारी कर्मचारी नियुक्त किया जाये , वेतन में बढ़ोतरी की जाये।
न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये प्रति माह दिया जाये। मिड डे मील योजना के निजीकरण पर रोक लगाई जाये। वर्कर को काम से हटाया नहीं जाये , सुरक्षा व स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाये , प्रसूति लाभ दिया जाये , मृत्यु पर 5 लाख , घायल होने पर एक लाख रुपये दिए जाएं , नियुक्ति पत्र - पहचान पत्र दिए जाएं , पर्याप्त बजट का प्रावधान किया जाये , श्रम कानूनों में किये गए मजदूर विरोधी बदलावों को तुरंत वापस लिया जाये। कुल मिलाकर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मिड डे मील वर्करों की मांगों को सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया तो इसके गंभीर परिणामों से इंकार नहीं किया जा सकता।
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