मां प्रभु की वह रहमत हैं, जो बच्चों की रक्षा,सुरक्षा व गुरु की भूमिका में सारा जीवन निकाल देती है: विज

punjabkesari.in Sunday, Mar 20, 2022 - 11:27 AM (IST)

चंडीगढ़( चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा के गृह स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अपने सचिव कृष्ण भारद्वाज के निवास पर पहुंचे तथा उनके माता रामरति देवी के निधन पर दुख व्यक्त किया। कृष्ण भारद्वाज ने बताया कि वह चार भाई तथा दो बहने है।कृष्ण भारद्वाज की माता जी रामरति देवी 84 वर्ष की थी तथा उनका उनकी अंतिम अंतिम रसम क्रिया 23 मार्च को उनके पैतृक गांव लखन माजरा जो कि जींद से गोहाना के मध्य पड़ता है में की जाएगी। रामरति देवी अपने पीछे अपने पुत्र दिलबाग कृष्ण भारद्वाज सतीश भारद्वाज विजेंद्र भारद्वाज वाह पुत्री अनीता अनीता को छोड़ गई।

गृह मंत्री अनिल विज ने कहां की बच्चे जितने भी बड़े क्यों ना हो जाए लेकिन तब तक बच्चे ही होते हैं जब तक मां बाप का साया ऊपर बना रहे। उन्होंने कहा कि मां परिवार में बच्चों के लिए जहां गुरु की भूमिका मैं नजर आती है वही परिवार को एक सूत्र में बांधे रखने के लिए महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में भी नजर आती है। माँ व्यक्ति के जीवन में उसकी प्रथम गुरु होती है, उसे विभिन्ना रूपों-स्वरूपों में पूजा जाता है। कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में मातृ ऋण से मुक्त नहीं हो सकता। भारतीय संस्कृति में जननी एवं जन्मभूमि दोनों को ही माँ का स्थान दिया गया है।विज ने कहां की मां की जगह दुनिया में दूसरा कोई नहीं ले सकता। 

माँ की ममता वो नींव का पत्थर होती है जिस पर एक बच्चे के भविष्य की ईमारत खड़ी होती है । बच्चे की ज़िन्दगी का पहला अहसास ही माँ की ममता होती है । उसका माँ से सिर्फ़ जनम का ही नही सांसों का नाता होता है । पहली साँस वो माँ की कोख में जब लेता है तभी से उसके जीवन की डोर माँ से बंध जाती है ।मां प्रभु की वह रहमत हैं जो बच्चे रक्षा,सुरक्षा व गुरु की भूमिका में सारा जीवन निकाल देती है।उन्होंने भारद्वाज परिवार से अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।

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Content Writer

Isha

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