किसानों के समर्थन में ‘नारी शक्ति’ ने भरी हुंकार, दिल्ली कूच कर संसद भवन पर धरना शुरू करने की दी चेतावनी

punjabkesari.in Friday, Mar 08, 2024 - 04:12 PM (IST)

चरखी दादरी (पूनीत श्योरण): किसान आंदोलन के समर्थन में चरखी दादरी जिले के समसपुर के समीप धरना शुक्रवार को भी जारी रहा। आज धरने पर विभिन्न संगठनों के अलावा महिलाओं और बच्चों ने भी शिरकत की। इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रोष जताया गया और किसानों की मांगों को शीघ्र पूरा करने की मांग की गई है। महिलाओं ने दिल्ली कूच कर संसद भवन पर धरना शुरू करने और आगामी चुनाव में मौजूदा सरकार का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।

बता दें कि MSP सहित दूसरी मांगों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में चरखी दादरी जिले के गांव समसपुर के समीप नेशनल हाईवे के पास फोगाट खाप प्रधान बलवंत सिंह की अगुवाई में एक मार्च को धरना शुरू किया गया था। जो 8वें दिन आज भी जारी रहा। शुक्रवार को धरने पर काफी संख्या में महिलाओं ने बच्चों सहित धरने पर शिरकत की और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया।

इस दौरान धरने पर पहुंची आशा वर्कर्स की जिला उपाध्यक्ष कमलेश भैरवी और मुन्नी देवी खातीवास ने सरकार की ईंट से ईंट बजाने का ऐलान किया। इस दौरान मुन्नी देवी ने कहा कि किसान लंबे समय से सड़कों पर है, लेकिन सरकार किसानों की बात सुनने की बजाय किसानों को दबाने के लिए उन पर गोली, लाठी-डंडे, आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार करवा रही हैं। लेकिन किसान अपनी मांग पूरी होने से पहले पीछे हटने वाले नहीं हैं। मुन्नी देवी ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में वे सरकार को इसका करारा जवाब देंगी और वोट की चोट से हिसाब चुकता किया जाएगा।

भाजपा का किया बहिष्कार

उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान भाजपा का बहिष्कार किया जाएगा और जो भी प्रत्याशी या उनके समर्थक वोट मांगने आएंगे उनको जूते मारे जाएंगे। इसके लिए वे गांव-गांव जाकर मुहिम भी शुरू करेंगी। वहीं मुन्नी देवी ने कहा कि महिओं ने आगे आकर लड़ाई लड़ने का निर्णय कर लिया है और इसके लिए तैयारी भी पूरी की जा चुकी है।

दिल्ली कूच करेंगी महिलाएं

अब महिलाएं दिल्ली कूच करेंगी और संसद भवन पर धरना शुरू करेंगी। उन्होंने कहा कि वे अपने हकों के लिए गोली खाने को तैयार हैं, लेकिन पीछे हटने को नहीं। धरना स्थल पर पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान, कांग्रेसी नेता राजू मान सहित विभिन्न खाप पंचायतों, किसान संगठनों, सामाजिक संगठनों, कर्मचारी संगठनों से जुड़े लोग मौजूद रहे।

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Content Editor

Nitish Jamwal

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