हरियाणा में जल्द तैनात होगा नया डीजीपी,  5 आईपीएस अधिकारी हैं योग्य

punjabkesari.in Tuesday, Jun 22, 2021 - 06:59 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): शीघ्र ही  हरियाणा प्रदेश का नया   डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) तैनात किया जाएगा चूँकि  वर्तमान डीजीपी मनोज यादव, जो 1988 बैच के आईपीएस हैं एवं जिनकी हालांकि अभी चार वर्ष की आईपीएस सेवा शेष हैं,  ने आज प्रदेश के गृह सचिव राजीव अरोड़ा को पत्र लिखकर उन्हें   डीजीपी पद से रिलीव (पदमुक्त) करने की बात कही है ताकि वो (यादव) वापिस केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) में बतौर एडीशनल डायरेक्टर (अतिरिक्त निदेशक) ज्वाइन कर सकें।

ज्ञात  रहे कि मनोज यादव को केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 4 माह पूर्व 2 मार्च  2021 को उनके  प्रदेश (पेरंट)  कैडर हरियाणा में 20 फरवरी 2021 से एक वर्ष या आगामी आदेशों, जो भी पहले हो, तक के लिए एक्सटेंशन प्रदान किया गया था. इससे पहले हरियाणा सरकार ने जनवरी, 2021 में ही उन्हें 20 फरवरी, 2021 के बाद अगले आदेशों तक एक्सटेंशन देने का आदेश जारी किया था।


पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने  बताया कि फरवरी, 2019 में मनोज यादव को जब हरियाणा का  डीजीपी तैनात किया गया था, तब वो इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) में हार्डकोर अधिकारी  के तौर पर एबसोर्ब  हो चुके थे एवं अतिरिक्त निदेशक पद पर थे।   मौजूदा  आइपीएस टेन्योर (कार्यकाल) पालिसी  के अनुसार  आईबी के हार्डकोर अधिकारी को गैर-गृह राज्य में केवल इंटेलिजेंस या सुरक्षा संबंधी पद पर ही डेपुटेशन पर भेजा जा  सकता है।   अब क्या यादव को हरियाणा प्रदेश का डीजीपी  तैनात करने के  लिए  उक्त पालिसी में  कोई ढील दी  गई थी, इस बारे में हेमंत ने इसी वर्ष मार्च में केंद्रीय  कैबिनेट सचिवालय में  आरटीआई दायर कर  सूचना मांगी थी परंतु उन्हें यही  जवाब दिया गया कि उनके पास  ऐसी कोई जानकारी नहीं है. उपरोक्त  पालिसी अनुसार आईबी का हार्डकोर अधिकारी, जो डीजी  (महानिदेशक) लेवल का हो, उसकी राज्य  सरकार में  किसी भी पद पर प्रतिनियुक्ति (तैनाती) ही निषेध है. इसी वर्ष फरवरी, 2021 में  केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय द्वारा यादव को  डीजी रैंक में इंपैनल्ड किया गया है। अब  इसके बावजूद क्या  मार्च माह में हरियाणा का डीजीपी कायम रहने के लिए  केंद्र सरकार ने पालिसी में ढील दी, इस बारे में ही आरटीआई में कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला।


हेमंत ने बताया कि सवा 18 वर्ष पूर्व फरवरी, 2003 में मनोज यादव आईबी में बतौर  प्रतिनियुक्ति पर  गए थे जहाँ उन्हें समय समय पर केंद्र सरकार द्वारा एक्सटेंशन प्राप्त होती  रही एवं इसी दौरान  वो असिस्टेंट डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर, ज्वाइंट डायरेक्टर और र एडिशनल डायरेक्टर पद पर आसीन रहे थे। फरवरी, 2019 तक अर्थात 16 वर्षों तक आईबी में उक्त पदों पर रहने के बाद उन्हें  दो वर्षों के लिए अर्थात 20 फरवरी 2021 तक हरियाणा का पुलिस प्रमुख (डीजीपी) तैनात किया गया था। आईबी में रहते हुए यादव आईबी में हार्ड- कोर अधिकारी के तौर पर भी शामिल कर लिए गए।  एक बार आईबी में हार्ड-कोर अधिकारी बनने के बाद संबंधित आईपीएस अधिकारी को सामान्यतः   उसके राज्य कैडर में नहीं भेजा जाता है।     

हेमंत ने बताया कि वर्तमान में यादव के अतिरिक्त  हरियाणा  में  5 आईपीएस डीजीपी बनने योग्य हैं. 1988 बैच के पी.के. अग्रवाल,  1989 बैच के मोहम्मद अकील और आर.सी. मिश्रा एवं 1990 बैच के शत्रुजीत कपूर और देश राज सिंह. 1991 बैच के आलोक कुमार रॉय  और एसके जैन भी हालांकि आईपीएस में 30 वर्ष पूरे कर चुके हैं परन्तु उन्हें अभी तक डीजीपी रैंक में प्रमोट नहीं किया गया है। इसलिए उनकी योग्यता पर संशय  हैं। 1984 बैच के एसएस देसवाल और 1986 बैच के केके सिंधु  दोनों अगस्त, 2021 में रिटायर होंगे। इसलिए दोनों  योग्य नहीं बनते.  जुलाई, 2018 के  सुप्रीम कोर्ट निर्देशानुसार यूपीएससी द्वारा योग्य आईपीएस अधिकारियों के बनाये गए पैनल में से राज्य सरकार अपनी पसंद का  अधिकारी उसे प्रदेश का डीजीपी तैनात कर सकती है।

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Content Writer

Isha

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