अब संदीप सिंह को मंत्री पद से स्वयं दे देना चाहिए इस्तीफा: अभय सिंह चौटाला
punjabkesari.in Saturday, Aug 26, 2023 - 05:21 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने इनेलो मुख्यालय में आयोजित प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी परिवर्तन यात्रा का समापन नहीं होगा। यह यात्रा तब तक जारी रहेगी जब तक भाजपा-जजपा का प्रदेश से सूपड़ा साफ नहीं हो जाता। जिस दिन इनकी सुरक्षा हट जाएगी उस दिन जो पत्थरबाजी इन्होंने नूंह में करवाई थी वो पत्थरबाजी लोग इनके साथ करेंगे। एसपी और डीसी तक मुख्यमंत्री की बात नहीं मानते, इससे लगता है कि मुख्यमंत्री का दिवालिया पिट चुका है।
नशा तस्करों के सिर पर है सरकार का हाथ
इनेलो नेता ने कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रदेश में नशा बहुत बढ़ा है। नशा इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि नशा तस्करों के सिर पर सरकार का हाथ है। परिवर्तन यात्रा के दौरान उन्होंने देखा कि प्रदेश के युवा विदेश जा रहे हैं जिसके कारण गांव के गांव खाली हो गए हैं। भाजपा-जजपा द्वारा यह कहा गया था कि युवाओं को सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में नौकरी देगी। आज नौकरी और रोजगार न मिलने के कारण युवा अपनी जमीनों को बेचकर विदेशों में जा रहे हैं। डोंकी करके गए बहुत से बच्चे तो डिपोर्ट हो जाते हैं। जो बच्चे डोंकी से जाते हैं उनमें से कई पहुंच ही नहीं पाते उनकी मौत हो जाती है।
क्षति पूर्ति पोर्ट बना किसानों के लिए परेशानी
अभय सिंह ने कहा कि प्रदेश के लोग मुझसे उम्मीद रखते हैं कि मैं विधानसभा में उनके लिए बोलूं लेकिन विधानसभा में भी मुझे लोगों की आवाज उठाने नहीं दिया जाता। भाजपा-जजपा सरकार इस बात से डरी हुई है कि अगर मैं विधानसभा में बोलूंगा तो इनकी पोल खुल जाएगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ से किसानों की खराब हुई फसल के लिए क्षति पूर्ति पोर्टल बनाया गया है जो किसानों के लिए परेशानी बन गया है। सरकार किसानों को मुआवजा नहीं दे रही। पोर्टल पर जिसने लिखा कि उसकी फसल खराब है और उसके बाद वह किसान अगली फसल उगा लेता है और जब वह अपनी फसल मंडी में बेचने जाएगा तो उससे यह पूछा जाएगा कि तुम्हारी फसल तो खराब थी फिर ये फसल कहां से आई?
80 फीसदी गांवों में नहीं पीने का पानी
परिवर्तन यात्रा के दौरान उन्होंने देखा कि 80 फीसदी गांवों में पीने का पानी नहीं है। 80 फीसदी स्कूलों में अध्यापक नहीं हैं। प्रदेश में सरकारी अस्पतालों की हालात बेहद खराब है। चाहे शहर हो, कस्बा हो या गांव हो जो भी आदमी अपना इलाज करवाने सरकारी अस्पताल जाता है वो भगवान भरोसे हैं। इसलिए लोग इलाज करवाने प्राइवेट अस्पतालों में जाते हैं। इनेलो नेता ने बताया कि उन्होंने पिछले विधानसभा सत्र में स्पीकर से कहा था कि आपके बारे में उन्हें बहुत सारी जानकारियां मिली हैं जिन्हें वे विधानसभा में सभी सदस्यों के साथ सांझा करना चाहते हैं और साथ ही स्पीकर से भी जानना चाहते हैं कि उनमें कितनी सच्चाई है। इसके लिए स्पीकर को एक ई-मेल भी की थी और उसका जवाब देने के लिए भी कहा था। लेकिन समय बीत जाने के बाद भी उन्हें समय नहीं मिला। अगर उन्हें सदन में अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला तो 29 अगस्त को प्रैस के सामने सारे मुद्दे रखेंगे। उन्होंने पहले शराब घोटाले और किसानों पर कर्ज से जुड़े मुद्दों पर सवाल पूछे थे जिसके लिए 15 दिन का समय दिया गया था लेकिन आज तक उन सवालों का जवाब नहीं मिला है।
संदीप सिंह को मंत्री पद से दे देना चाहिए इस्तीफा
भाजपा के मंत्री संदीप सिंह पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए अभय सिंह ने कहा कि पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। मुख्यमंत्री तो उसका इस्तीफा लेंगे नहीं लेकिन अब संदीप सिंह के अंदर थोड़ी सी भी शर्म और गैरत बची है तो उसको मंत्री पद से स्वयं इस्तीफा दे देना चाहिए। मुख्यमंत्री को इस बात के लिए प्रदेश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए कि उन्होंने ऐसे व्यक्ति को बचाने का काम किया जो एक महिला कोच के साथ छेड़छाड़ और उत्पीड़न का दोषी है जो पुलिस द्वारा दायर की गई चार्जशीट से साबित भी हो गया है। यह हमारे प्रदेश का दुर्भाग्य है कि मंत्री महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। महिला कोच पर केस वापिस लेने के लिए दबाव बनाया गया यहां तक कि उसे कोच के पद से सस्पेंड कर दिया गया और जिस घर में वो रह रही थी उसे उस घर से भी निकलवा दिया गया।
नूंह में ब्रजमंडल यात्रा में हुई हिंसा पर पूछे गए सवाल पर कहा कि सरकारी गुंडों ने बजरंग दल और गौरक्षा दल के नाम माहौल खराब किया, लेकिन आज तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ये हिंसा भाजपा सरकार ने जानबूझकर करवाई थी। इस मामले पर कांग्रेस की भी पोल खुल गई। कांग्रेस ने सदन में काम रोको प्रस्ताव दे रखा था, कांग्रेस विधायकों ने पूरा दिन ऐसे ही निकाल दिया लेकिन इस पर चर्चा के लिए एक बार भी नहीं कहा। अभय ने कहा सिरसा के किसानों का 2021-22 का फसल बीमा जो 600 करोड़ के लगभग बनता है वो अब तक नहीं मिला है। किसानों के प्रधानमंत्री फसल बीमा पर विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाया है जो 29 तारीख को लगा है, उस दिन तथ्यों के साथ सारी बात कहेंगे।