हरियाणा में पेड़ काटने से पहले लेनी होगी परमिशन, इन जिलों में लागू हुआ नियम
punjabkesari.in Friday, Oct 10, 2025 - 10:28 PM (IST)

हरियाणा डेस्क : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तर्ज पर अब हरियाणा में कहीं भी पेड़ काटने से पहले वन विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। बिना अनुमति पेड़ काटने पर अब वन संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई और जुर्माने का प्रावधान होगा। इस कदम का उद्देश्य हरियाली बढ़ाना और पर्यावरण संरक्षण को सशक्त बनाना है।
पहले, केवल उन्हीं इलाकों में अनुमति की आवश्यकता थी जहाँ पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम की धारा-4 लागू थी, जबकि राज्य के बड़े हिस्से में पेड़ों की बिना रोक-टोक कटाई की जा रही थी। इस स्थिति को सुधारने के लिए रोहतक निवासी सुखबीर सिंह ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में याचिका दायर की थी। सुनवाई के बाद NGT ने 9 सितंबर को आदेश दिया कि पूरे हरियाणा में पेड़ काटने से पहले वन विभाग की स्वीकृति आवश्यक होगी।
इन जिलों में नियम हुआ लागू
इस आदेश के बाद विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इसे लागू कर दिया है। प्रारंभिक रूप से गुरुग्राम मंडल के अंतर्गत आने वाले जिले गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूंह, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में यह नियम प्रभावी कर दिया गया है, और जल्द ही पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
7 पेड़ों के लिए मिली छूट
हालांकि किसानों को कृषि वानिकी को प्रोत्साहन देने के लिए 7 पेड़ों सफेदा, पॉपलर, उल्लू नीम, बकायन, बांस, अमरूद और शहतूत की कटाई में छूट दी गई है। इन पेड़ों को पहले की तरह बिना अनुमति काटा जा सकेगा।
कृष्णा अरावली फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त मुख्य नगर योजनाकार प्रो. के.के. यादव का कहना है कि यदि पर्यावरण को स्वस्थ बनाए रखना है, तो केवल पौधारोपण ही नहीं, बल्कि मौजूदा पेड़ों का संरक्षण भी समान रूप से आवश्यक है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस दिशा में गंभीर प्रयास नहीं किए गए, तो आने वाले समय में स्वच्छ हवा में सांस लेना मुश्किल हो जाएगा।
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