अग्निपथ के विरोध में टोल फ्री करवाने पहुंचे किसानों पर भारी पड़ी पुलिस, 1 घंटे बाद ही लौटे घर

punjabkesari.in Monday, Jun 20, 2022 - 08:20 PM (IST)

घरौंडा(विवेक): अग्निपथ योजना के विरोध में भारतीय किसान यूनियन के चढूनी ग्रुप ने करनाल जिले के बसताड़ा टोल को फ्री करवाने के लिए प्रदर्शन किया। हालांकि प्रशासन की मुस्तैदी ने टोल फ्री नहीं होने दिया। पुलिस प्रशासन के सख्त तेवर देख किसानों ने एक घंटे पहले ही अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया और अपने घरों को लौट गए। किसान नेताओं ने चेताया कि यदि सरकार ने युवाओं के हित में अग्निपथ योजना में कोई संशोधन नहीं किया तो वे सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन करने से भी नहीं चूकेंगे।

वाटर कैनन और वज्र वाहन तैनात कर पुलिस ने किसानों को रोका

अग्निपथ योजना के तहत सरकार युवाओं को चार साल तक सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने का मौका दे रही हैं, लेकिन देश के कई राज्यों में अग्निपथ योजना के विरोध में उपद्रव हो रहे हैं। देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। भाकियू के चढूनी ग्रुप ने सोमवार को 12 बजे से तीन बजे तक बसताड़ा टोल फ्री करवाकर अग्निपथ योजना के विरोध का ऐलान किया था। जिसके चलते डीएसपी मनोज कुमार के नेतृत्व में भारी पुलिस बल बसताड़ा टोल प्लाजा पर तैनात कर दिया गया था। इसके साथ ही वाटर कैनन और वज्र वाहन भी तैनात कर दिए गए थे। किसी भी तरह का उपद्रव ना हो, इसके लिए पुलिस ने मोर्चा संभाला हुआ था। 12 बजे के बाद 18 से 20 किसान बसताड़ा टोल प्लाजा पर पहुंचे और केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए टोल फ्री करवाना चाहा, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि टोल फ्री नहीं होगा। हालांकि किसानों ने टोल फ्री करवाने के भरसक प्रयास किए, लेकिन पुलिस ने उनकी एक ना सुनी।

3 घंटे के प्रदर्शन में एक घंटे बाद ही घर लौट गए किसान

किसानों ने 12 बजे से तीन बजे तक टोल फ्री करवाने का ऐलान किया था, लेकिन पुलिस प्रशासन ने टोल फ्री नहीं होने दिया। 12 बजे से दो बजे तक किसान टोल की एक लेन में बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे और दो बजकर 10 मिनट पर अपनी दरी उठाकर घरों की तरफ चल दिए। वहीं डीएसपी मनोज ने कहा कि किसान बसताड़ा टोल प्लाजा पर पहुंचे थे। यहां उन्होंने टोल फ्री करवाना चाहा था, लेकिन टोल फ्री नहीं किया गया। किसानों ने एक लेन में बैठकर प्रदर्शन किया। किसानों को समझाया गया था। किसानों ने तीन बजे तक प्रदर्शन करना था, लेकिन वे एक घंटे पहले ही चले गए। किसी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।

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Content Writer

Vivek Rai

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