गुड़गांव- ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, चुप्पी साधे बैठी पुलिस

punjabkesari.in Friday, Jan 03, 2025 - 05:57 PM (IST)

गुड़गांव,(ब्यूरो): गुड़गांव के गांव लोकरा में पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों की निजी गाड़ी को भी तोड़ दिया। वहीं, सूचना मिलते ही पटौदी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक पुलिसकर्मी की हालत गंभीर होने के कारण उसे मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, मामले में पटौदी थाना प्रभारी ने चुप्पी साध ली है। 

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बताया जा रहा है कि डीसीपी के एसए को गांव लोकरा में अवैध गतिविधि होने की सूचना मिली थी। इस पर वह पुलिस राइडर व एक अन्य पुलिसकर्मी के साथ अपनी निजी गाड़ी से मौके पर पहुंच गए। बताया जा रहा है कि मौके पर पहुंचे इन पुलिसकर्मियों में से केवल दो ने ही वर्दी डाली हुई थी और वह गांव के दो लोगों को गाड़ी में जबरन बैठा कर थाने ले जाने का प्रयास करने लगे। बताया जा रहा है कि जब गांव के दो लोगों को निजी गाड़ी में बैठाने का प्रयास किया जा रहा था तो ग्रामीणों को यह नकली पुलिसकर्मी लगे जिसके बाद पूरे गांव में हल्ला हो गया और कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया और उनकी जमकर पिटाई कर दी।

 

 

इस पर उक्त पुलिसकर्मियों ने उनसे बचने के लिए दौड़ भी लगाई, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीट दिया। इतना ही नहीं ग्रामीणों द्वारा पुलिसकर्मियों की निजी गाड़ी को भी तोड़ दिया गया। इसकी सूचना पटौदी थाना पुलिस काे मिली तो थाने से फोर्स को मौके पर भेजा गया और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, मामले में जब पटौदी थाना प्रभारी से बात की गई तो उन्होंने इस वारदात होने की बात तो स्वीकारी लेकिन मामले में कुछ भी बोलने व घायल पुलिसकर्मियों के नाम तक बताने से इंकार कर दिया। वहीं, मामले में पुलिस प्रवक्ता संदीप ने भी कुछ समय बाद जानकारी देने की बात कहकर मामले को टाल दिया। 

 

वहीं, गांव में चर्चा है कि यहां अवैध गतिविधि करने वालों से उगाही करने के लिए पुलिसकर्मी सादी वर्दी व निजी वाहन से आए थे, लेकिन नशे में धुत इन लोगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया। वहीं, पुलिस दबी जुबान में इसे अवैध गांजा पत्ती बेचने वाले को पकड़ने के लिए रेड करना बता रही है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर पुलिसकर्मी रेड करने के लिए गए थे तो वह सरकारी गाड़ी ले जाने की बजाय निजी गाड़ी में क्यों गए थे। जांच के बाद ही मामले की असलियत सामने आएगी।

 


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Content Editor

Pawan Kumar Sethi

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