धरने पर बैठी रेप पीड़िता की बिगडी तबीयत, आर्म्स लाइसेंस बनवाने के लिए कर रही संघर्ष

punjabkesari.in Monday, May 30, 2022 - 08:10 PM (IST)

रेवाड़ी(महेंद्र): हरियाणा के रेवाड़ी में पिछले 10 दिन से धरने पर बैठी गैंगरेप पीड़िता की तबीयत सोमवार अचानक को बिगड़ गई। पीड़िता का परिवार आर्म्स लाइसेंस बनवाने के लिए लंबे समय से धक्के खा रहा है। परिवार का कहना है कि सारे मापदंड पूरे करने के बाद भी उनकी फाइल रिजेक्ट हो गई, जबकि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही है।

दरअसल, गैंगरेप पीड़िता अपने माता-पिता व भाई के साथ 20 मई से जिला सचिवालय स्थित उपायुक्त कार्यालय के सामने धरने पर बैठी है। सुरक्षा के लिए पीड़िता के पिता ने आर्म्स लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। पीड़िता का कहना है कि सभी मापदंड पूरे करने के बाद भी डीसी कार्यालय की ओर से उनकी आर्म्स लाइसेंस की फाइल को रिजेक्ट कर दिया गया है। वहीं उसे व उसके परिवार को आरोपी लगातार धमकियां दे रहे हैं। इसके बावजूद भी प्रशासन की ओर से सुरक्षा को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही। 

एक सप्ताह में लाइसेंस बनवाने का दिया था आश्वासन

पीड़िता की माने तो वह लंबे समय से लाइसेंस के लिए चक्कर काट रही है। 15 अप्रैल को एक सप्ताह में लाइसेंस जारी करने का आश्वासन दिया गया था। एक माह बीतने के बाद भी जब कुछ नहीं हुआ तो 17 मई को फिर से डीसी से मुलाकात की। डीसी ने दो दिन में लाइसेंस जारी करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद भी जब प्रशासन की ओर से लाइसेंस बनवाने को लेकर कोई अमल नहीं हुआ तो मजबूरी में उन्हें धरने पर बैठना पड़ा। वैसे दुष्कर्म पीड़िता व उसके परिवार को पुलिस ने सुरक्षा दी हुई है।

मंत्री ने तुरंत बुलाई डॉक्टरों की टीम

धरने पर बैठी पीड़िता की आज तबीयत बिगड़ गई। जिला सचिवालय में बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे  सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल व कोसली विधायक लक्ष्मण सिंह को पीड़िता की मां ने तबीयत खराब होने की जानकारी दी। सहकारिता मंत्री के निर्देश के बाद डॉक्टर की टीम ने जिला सचिवालय पहुंचकर पीड़िता की स्वास्थ्य जांच की और उपचार शुरू किया। पीड़िता के खून के नमूने भी जांच के लिए लैब में भेजे गए है।

तीन साल पहले दुष्कर्म का शिकार बनी थी सीबीएसई टॉपर

सितंबर 2018 में रेवाड़ी जिले की एक छात्रा के साथ गांव के ही तीन युवकों ने गैंगरेप किया था। छात्रा से दुष्कर्म का यह मामला देशभर में चर्चित रहा था। प्रशासन की ओर से पीड़िता व उसके परिजनों को सुरक्षा भी उपलब्ध कराई थी। राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से भी सरकार से सुरक्षा देने के निर्देश जारी किए गए थे। 29 अक्टूबर 2021 को जिला अदालत ने तीन दोषियों को सजा सुनाई थी, जबकि पांच आरोपी बरी हो गए थे।

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Content Writer

Vivek Rai

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