स्टेपलचेज में प्रीती ने जीता कांस्य पदक; गांव में रात भर चला जश्न, 2017 में चयन से पहले टूट गया था पैर

punjabkesari.in Thursday, Oct 12, 2023 - 04:40 PM (IST)

फरीदाबाद (अनिल राठी): चीन आयोजित 19 वें एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीतने वाली प्रीति लांबा कल देर शाम पृथला पहुंची। प्रीती लांबा ने 300 मीटर स्टेपलजेच में कांस्य पद जीता है। इस दौरान गांव जवा में उनका जोरदार स्वागत किया गया। मौके पर आसपास के सैकड़ों लोगों ने पहुंचकर विजय यात्रा निकाली। यात्रा की शुरुआत शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माला पहनाकर की गई। रात भर पुरे गांव में सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में जश्न मनाया गया और गांव की महिलाओं ने नाच गाकर गाकर अपनी खुशी का इजहार किया। 

PunjabKesari

संघर्षों से हासिल की कामयाबी

बता दें कि प्रीति लांबा बचपन से ही लंबी  में दौड़ में दक्ष हो चुकीं थी और वह लड़कों के साथ भागती थी और उन्हें पछाड़ देती थी। शादी के बाद प्रीति के खिलाड़ी पति ने उनके सपनों को साकार करने के लिए भरपूर सहयोग दिया। जिसके चलते प्रीति अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाईं। प्रीति लांबा ने बातचीत करते हुए बताया कि इस कामयाबी तक पहुंचने में उसे बहुत संघर्ष करना पड़ा। उसने बताया कि वर्ष 2009 में उसने जूनियर वर्ग में गेम की शुरुआत करते हुए नेशनल गेम में मेडल हासिल किया था। इसके बाद वह धीरे-धीरे सीनियर गेम तक पहुंची।

एशियन गेम्स में तय था सिलेक्शन, टूट गया पैर

प्रीति ने कहा कि उसका खराब समय तब आया जब 2017 में उसका सिलेक्शन एशियन गेम के लिए लगभग तय हो चुका था, लेकिन उसका पैर टूट गया। जिसके कारण वह डिप्रेशन में चली गईं थी। जब गांव वापस लौटी तो जो लोग घर पर आते थे उनमें कुछ कहते थे की शादी कर लो, जबकि कुछ लोग कहते थे तुम सब कर सकती हो। उस वक्त मैंने पॉजिटिव सोच को अपनाया, जिसके कारण आज मेडल हासिल कर पाई।

ओलंपिक में लाउंगी गोल्डः प्रीती

उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री खिलाड़ियों का बहुत सम्मान करते हैं। उन्होंने खिलाड़ियों का कोटा 2500 करोड़ से बढाकर 3000 करोड़ कर दिया है। जिसके चलते खिलाड़ियों को और अधिक सुविधाएं मिलेंगी। सरकार के इन प्रयासों के चलते ही अब देश में मेडलों की संख्या बढ़ रही है। लांबा ने कहा कि अब ओलंपिक ही उनका टारगेट है और वह वादा करती है कि वह गोल्ड मेडल लेकर आएंगी।

PunjabKesari

पति ने दिया भरपूर सहयोग

प्रीति के पति ने बताया कि जब उसकी शादी हुई तो वह नहीं चाहते थे कि खेल के प्रति प्रीति के सपने दम तोड़ जाएं। उन्होंने प्रीति को साफ कहा कि वह जब तक और जहां तक खेलना चाहे वह खेल सकती है।प्रीति के पिता जगदीश ने बेटी की कामयाबी पर उत्साहित होते हुए कहां की हर औलाद अपने बाप के नाम से पहचानी जाती है। जब आप औलाद के नाम से जाना जाने लगे तो इससे बड़ी कोई खुशी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि इस कामयाबी में सभी का योगदान है, जिसमें प्रीति की खुद की मेहनत भी शामिल है।

लड़कों पछाड़ देती थी प्रीती

गांव के सरपंच और प्रीति के शिक्षक रहे मलिक ने बताया कि प्रीति लांबा बचपन से ही लंबी दौड़ में दक्ष हो चुकी थी। वह लड़कों के साथ भागती थी और उन्हें पछाड़ देती थी। जिसके चलते वह जान चुके थे कि प्रीति एक दिन कुछ बड़ा करेगी। बेटल जीत कर उसने साबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि प्रीति ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतेगी।

(हरियाणा की खबरें अब व्हाट्सऐप पर भी, बस यहां क्लिक करें और Punjab Kesari Haryana का ग्रुप ज्वाइन करें।) 
(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Saurabh Pal

Related News

static