हरियाणा में वैक्सीन आने को लेकर तैयारी पूरी, जनवरी में करवाई जा सकती है उपलब्ध : राजीव अरोड़ा

punjabkesari.in Friday, Dec 25, 2020 - 11:28 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : लंबे समय से वैक्सीन का इंतजार अब खत्म होता नजर आ रहा है। जल्द ही जनवरी के पहले सप्ताह के बाद वैक्सीन भारत सरकार द्वारा हरियाणा को भी उपलब्ध करवाने की उम्मीद लगाई जा रही है। किस प्रकार से - किन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी? कौन लोग इस वैक्सीन को लगाने के लिए ट्रेंड किए गए हैं ? किन माध्यमों से वैक्सीन को ट्रांसपोर्ट किया जाएगा? इन सब जानकारियों को लेने के लिए हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी से पंजाब केसरी ने एक्सक्लूसिव बातचीत की। जिसमें उन्होंने एक-एक बात को बड़े  संक्षेप में वर्णन किया। उनसे बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत है:-

प्रश्न : वैक्सीन के जल्द आने की सूचना है। इसको लेकर हरियाणा में क्या तैयारी है और इनका डिस्ट्रीब्यूशन कैसे हो पाएगा?
उत्तर : हरियाणा में वैक्सीन आने को लेकर हमने तैयारी पूरी कर ली है और  उम्मीद है कि जनवरी के पहले हफ्ते के बाद हमें भारत सरकार द्वारा कभी भी वैक्सीन उपलब्ध करवाई जा सकती है। हमारे पास स्टेट लेवल पर वैक्सीनेशन स्टोरेज के लिए एक मेन स्टोर है। फिर चार रीजनल स्टोर हैं और फिर सभी जिलों में लगभग 700 कोल्ड चेन पॉइंट्स हरियाणा में चिन्हित किए गए हैं। 22 वैन हमारे पास ऐसी हैं जिनसे हम इनको ट्रांसपोर्ट करेंगे। मेन चीज है हमारा यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्लेटफार्म और दूसरा प्लेटफार्म जो हम इस्तेमाल करते हैं जिसे हम एविन बोलते हैं। यह एक इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीनेशन इटेलीजेशन नेटवर्क इन दोनों को कंबाइन करके एक कोविड-19 तैयार किया गया है और उनके द्वारा ही सारा का सारा वैक्सीनेशन प्रोग्राम मॉनिटर किया जाएगा।

प्रश्न : वैक्सीन आने के बाद प्रथम चरण में किन लोगों को चयनित किया गया है, जिन्हें यह दी जाएगी?
उत्तर : भारत सरकार में सेंट्रल लेवल पर एक कमेटी बनाई हुई है जिसका नाम नेगविक है और उस कमेटी द्वारा ही इसकी प्राथमिकता निर्धारित की गई है। इस समय सबसे प्राथमिकता हेल्थ वर्कर्स को दी जा रही है। चाहे वह प्राइवेट सेक्टर में हो या सरकारी हेलथ विभाग में डॉक्टर से लेकर नीचे तक हेल्थ वर्कर और नॉन हेल्थ वर्कर जो अस्पतालों में काम करते हैं। उन्हें प्राथमिकता में दी जाएगी। इसके साथ ही आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर भी हमारी फ्रंटलाइन वर्कर्स में आती हैं। दूसरे हमारी फ्रंटलाइन वर्कर में पुलिस, सिविल डिफेंस या सैनिटेशन डिपार्टमेंट या लोकल बॉडी डिपार्टमेंट के लोग हैं और तीसरी प्राथमिकता में 50 साल से ऊपर के लोग शामिल किए गए हैं। इनका भी डाटा इकट्ठा किया गया है। चौथी प्राथमिकता में 50 साल से कम के वह लोग जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं।

प्रश्न : करीब कितने लोगों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन दी जानी है?
उत्तर : 1 लाख 10 हजार के करीब सरकारी हेल्थ सिस्टम में और बाकी प्राइवेट हेल्थ सिस्टम, आंगनवाड़ी वर्कर, हेल्पर इत्यादि को मिलाकर करीब सवा दो लाख लोगों को फर्स्ट कैटेगरी में प्राथमिकता दी जानी है। इसी प्रकार दूसरी कैटेगरी में करीब साडे चार लाख जिसमें पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स, सिविल डिफेंस के लोग हैं। इसके बाद 50 साल से ज्यादा उम्र के करीब 58 से 60 लाख लोग है और चौथी कैटेगरी में करीब ढाई लाख लोग हैं। जिन्हें वैक्सीन दी जानी है। फर्स्ट फेज में लगभग 70 लाख के लोग कवर होंगे।

प्रश्न : वैक्सीन देने के लिए क्या किसी को ट्रेनिंग दी गई है?
उत्तर : हमने 5154 एएनएम वैक्सीन देने के लिए ट्रेंड किए हैं। अगर प्रतिदिन एक सेशन में सो वैक्सीन भी एक वैक्सीनेटर द्वारा दी जाती है तो इसका मतलब 5 लाख वैक्सीन 1 दिन में दी जा सकेंगी।

प्रश्न : विधायक, मंत्री, अधिकारी लगातार जनता के संपर्क में रहते हैं। क्या केंद्र द्वारा इनके लिए कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई?
उत्तर : केंद्र के द्वारा जो पहली कम्युनिकेशन हमारे पास आई थी वह प्राथमिकता मैंने आपको बता दी है। नेगविक कमेटी द्वारा यह भी कहा गया है कि सरकार इनपुट या सलाह दे कि कौन सी कैटेगरी कवर होनी चाहिए। हमने अपनी स्टेट के द्वारा भी अपनी इनपुट्स कमेटी के सामने रखी थी। अब उनकी वैक्सीनेशन से पहले फाइनल गाइडलाइन आ जाती है तो उसमें पता चल पाएगा कि हमारे इस प्रकार के जनता के प्रतिनिधि इत्यादि कौन सी कैटेगरी में आते हैं।

प्रश्न : जिला लेवल पर मॉनिटरिंग को लेकर क्या व्यवस्था है?
उत्तर : जिस हिसाब से चुनाव का सिस्टम चलता है ।उसी पैटर्न से इसकी ट्रेनिंग दी गई है। अ पार्ट फ्रॉम नेशनल गवर्नमेंट की नेशनल लेवल की जो कमेटी बनी है। स्टेट लेवल पर एक स्टेट स्टेरिंग कमेटी बनी है।उसके बाद स्टेट टास्क फोर्स है जो कि मेरे नेतृत्व में काम कर रही है। उसके बाद हमारी साप्ताहिक मीटिंग होती रहती हैं। जो हमारे एनएचएम के एमडी नोडल अधिकारी रहेंगे । स्टेट टास्क फोर्स के नीचे हमारे जिला टास्क फोर्स जिसमें उपायुक्त हेड हैं। उसके बाद ब्लॉक टास्क फोर्स है जिसमें तहसीलदार, बीडीओ जो भी वहां सीनियर अधिकारी हैं वह उसके हेड होंगे। इस प्रकार हर लेवल पर हमारी अलग-अलग कमेटियां बनी है। जिस प्रकार से चुनाव में पोलिंग बूथ होते हैं। उसी प्रकार से 21 हजार वैक्सीनेशन साइट हमने चुनी है। हमारे 7 सो कोल्ड चेन पॉइंट 21000 वैक्सीनेशन साइट को सर्विस करेंगे। जिस दिन वहां पर सेशन लगेंगे उसमें एक ग्रुप बनाया गया है। जिसमें 5 लोग शामिल होंगे। जिसमें एक एएनएम वैक्सीनेटर होगे, दो सिक्योरिटी के लोग होंगे, एक आईडेंटिफायर यानी वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्ति के पेपर देखने के लिए और दूसरा वेरीफायर होगा। इन 5 लोगों की टीम वैक्सीनेशन साइट पर काम करेगी और एक सेशन में 100 लोगों को वैक्सीन दी जाएगी। अगर 200 लोगों को वैक्सीन देनी है तो इसमें एक और वैक्सीनेटर शामिल कर दिया जाएगा। पूरी प्लानिंग कर ली गई है। अब जैसे ही हमारे पास वैक्सीन आ जाती है तो हम उम्मीद करते हैं कि सप्लाई के हिसाब से जल्द हरियाणा की पूरी आबादी को वैक्सीन देकर कवर किया जाए।

प्रश्न : ब्रिटेन में कोरोना का एक बिगड़ा स्वरूप सामने आया है। गुरुग्राम के साथ ही दिल्ली में इंटरनेशनल एयरपोर्ट ह। हरियाणा किस प्रकार तैयार है?
उत्तर : आपको याद होगा कि जब इंटरनेशनल ट्रैवल बंद किया गया था तो उस समय हर स्टेट दोबारा एयरपोर्ट पर अपनी अपनी टीमों को बिठाया गया और कोरोना पीड़ित देश से आने वाले यात्री सभी डाटा ब्यूरो आफ इमीग्रेशन के माध्यम से कन्वे होना शुरू हो जाता है। हमने भी इमीग्रेशन और भारत सरकार के माध्यम से जो भी यूके से यात्री हरियाणा में आए हैं। सभी का डाटा लेकर जिलों को भेज दिया है। उनकी शारीरिक गतिविधियां देख कर उनकी देखरेख हो रही है और उनके लक्षण देखकर तो तुरंत उनकी टेस्टिंग कर रहे हैं।

प्रश्न : अनलॉक पीरियड है। लेकिन भीड़ भाड़, रैलियां, विवाह-शादियां हो रही हैं। कोरोना की क्या स्थिति है?
उत्तर : बहुत कम पाजीटिव केस आ रहे हैं। फिटालिटी रेट भी काफी कम है। लेकिन हमारी टेस्टिंग में कोई कमी नहीं आई है। हम उम्मीद करते हैं जो अधिक मात्रा में पॉजिटिव केस कम हुए हैं। उसे बरकरार रखें और अगर इसी प्रकार से बरकरार रहा और वैक्सीन आ गई तो मैं मानता हूं कि देश के लिए बहुत अच्छा होगा।


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Manisha rana

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