हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों में पढ़ाई का क्रेज, ग्रैजुएशन के लिए सबसे ज्यादा नामांकन
punjabkesari.in Saturday, Dec 13, 2025 - 08:44 AM (IST)
चंडीगढ़ : हरियाणा की जेलों में अब शिक्षा का माहौल तेजी से विकसित हो रहा है। इसका असर साफ दिखाई दे रहा है, क्योंकि पिछले 10 वर्षों की तुलना में केवल इस साल ही उतने बंदी और कैदी पढ़ाई के लिए नामांकित हुए हैं, जितने पहले पूरे दशक में हुए थे। इस साल रिकॉर्ड संख्या में बंदियों ने नामांकन करवाया है। शुक्रवार को जेल निदेशालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जेल महानिदेशक आलोक राय ने बताया कि वर्तमान वर्ष में नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल के तहत 10वीं कक्षा में 550 बंदी, 12वीं में 377 बंदी और वैल्डिंग कोर्स में 20 बंदी नामांकित हुए हैं। वहीं इग्नू के माध्यम से ग्रैजुएशन के लिए 704, पोस्ट ग्रैजुएशन के लिए 16 और सर्टीफिकेट कोर्स के लिए 134 बंदियों ने नामांकन करवाया है। इनकी परीक्षाएं इसी माह आयोजित की जानी प्रस्तावित हैं।
14 साल में 1900 से अधिक बंदियों ने पास की परीक्षाः जेल महानिदेशक ने बताया कि पिछले 14 वर्षों में 1138 बंदियों ने 10वीं, 771 ने 12वीं कक्षा पास की है, जबकि 20 बंदियों ने व्यवसायिक कोर्स पूरे किए हैं। इस निरंतर प्रयास के परिणामस्वरूप इस वर्ष नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। डी.जी. जेल आलोक राय ने कहा कि उनका लक्ष्य है कि जो बंदी जेल में अंगूठा लगाकर आते हैं, वे शिक्षा प्राप्त कर हस्ताक्षर करके बाहर जाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से बंदियों को सुधार का दूसरा अवसर दिया जा रहा है। साक्षरता न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगी बल्कि जेलों में अनुशासन और शांति बनाए रखने में भी सहायक होगी।
5 जेलों में शुरू हुए वोकेशनल और आई.टी.आई. कोर्स
हरियाणा की 5 जेलों गुरुग्राम, अम्बाला, करनाल, पानीपत और फरीदाबाद में वोकेशनल ट्रेनिंग और आई.टी. आई. कोर्स शुरू किए जा चुके हैं। इन जेलों में कक्षाओं के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवा दिए गए हैं। इस पहल के लिए जेल विभाग और हरियाणा कौशल रोजगार निगम के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किएगए हैं। इस पर जेल विभाग के चीफ प्रोबेशन ऑफिसर विशाल सिंह और एच. के.आर.एन.की जी. एम. अंबिका पटियाल ने हस्ताक्षर किए। जेल प्रशासन का मानना है कि शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से बंदियों को समाज की मुख्यधारा में लौटने का अवसर मिलेगा। यह पहल न केवल पुनर्वास की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि अपराध की पुनरावृत्ति को रोकने में भी सहायक सिद्ध होगी।
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