फीस के चक्कर में छोटे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे प्राइवेट स्कूल, NCPC व CBSE को भेजी शिकायत

punjabkesari.in Saturday, May 16, 2020 - 06:43 PM (IST)

फरीदाबाद (सूरजमल): फीस के चक्कर में स्कूल प्रबंधक प्रेप, नर्सरी, एलकेजी व प्राइमरी क्लास के  छोटे बच्चों को ऑनलाइन क्लास व होमवर्क देकर उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग व चेयरमैन सीबीएसई से की है। मंच के जिला सचिव डा. मनोज शर्मा ने बताया कि वैसे तो मोबाइल के 2 इंच की स्क्रीन पर किसी भी क्लास की ऑनलाइन पढ़ाई कराना बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करना है लेकिन 3 से 6 साल के बच्चों को भी इस तरह की ऑनलाइन क्लास व होमवर्क देना पूरी तरह से अमानवीय है। 

मंच को मॉडर्न डीपीएस, डीपीएस, सेंट एंथोनी, मानव रचना, ग्रैंड कोलंबस आदि स्कूलों के अभिभावकों ने बताया है कि उनके छोटे बच्चों का शिक्षा सत्र 2020-21 में दाखिला अक्टूबर 2019 में ही कक्षा नर्सरी, एलकेजी में हो गया था, जिसकी एवज में उन्होंने हजारों रुपए एडवांस में स्कूल वालों को दिए थे, जिसमें अप्रैल-मई-जून 2020 की भी फीस भी शामिल थी। इस फीस को जायज ठहराने के लिए ही स्कूल वाले छोटे बच्चो की ऑनलाइन पढ़ाई का नाटक कर रहे हैं और ऐसा कराने के लिए दबाव डाल रहे हैं। 

अभिभावकों का कहना है कि स्कूल की ओर होमवर्क दिया जा रहा है और कहा गया कि 20 मई को इनका यूनिट टेस्ट लिया जाएगा। ऑनलाइन क्लास न लेने पर अभिभावकों को धमकाया भी जा रहा है। मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिवकुमार कुमार जोशी ने कहा कि एक ओर सीबीएसई स्कूलों की यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष व डिवाइन पब्लिक स्कूल के संचालक एसएस गोसाई ने नए दाखिला लेने वाले छात्रों की अप्रैल- मई-जून की फीस माफ कर दी है तो वहीं दूसरी ओर अन्य स्कूल प्रबंधक अप्रैल- मई-जून की फीस को जायज ठहराने के लिए ही नए दाखिला लेने वाले बच्चों को इस तरह की ऑनलाइन पढ़ाई कराने का जो यह शर्मनाक कार्य कर रहे हैं वह पूरी तरह से निंदनीय है और गैरकानूनी है। 

मंच उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। मंच ने अभिभावकों से कहा है कि नए दाखिलों में अप्रैल -मई-जून की फीस व फंड्स जमा करने की रसीद मंच के जिला कार्यालय चेंबर नंबर 56 जिला कोर्ट व हेल्पलाइन नंबर 9810499060 पर उपलब्ध कराएं। जिससे नए दाखिलों के लिए 6 महीने पहले ली गई एडवांस फीस लेने वाले स्कूलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके।


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Shivam

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