निजी स्कूल खुलेआम बेच रहे किताबें व वर्दी

punjabkesari.in Wednesday, Apr 03, 2019 - 09:49 AM (IST)

पुन्हाना(ब्यूरो): क्षेत्र के  कुछ निजी स्कूल संचालकों की मनमानी के चलते सरकार और प्रशासन के नियमों को जमकर पलीता लगाया जा रहा है। 
स्कूलों में किताब बिक्री रोक के बावजूद स्कूल में खुलेआम मनमाने पब्लिशर्स की किताबों को महंगे दामो में बेचने का धंधा किया जा रहा है। जबकि सरकार और प्रशासन के लगातार निर्देश है कि एनसीईआरटी और सीबीएसई द्वारा निर्धारित पुस्तके हीं लगानी अनिवार्य है,जिन्हें भी स्कूल में नहीं बेचा जा सकता। बावजूद इसके अभिभावकों को मनमाने पब्लिशर्स की महंगी किताबों को मजबूर लूटने का धंधा चल रहा है। 

जिनके खिलाफ स्थानीय शिक्षा विभाग भी चुप्पी साधे हुए है। सूत्र बताते है कि उक्त स्कूल एक बड़े स्तर पर राजनैतिक सरंक्षण प्राप्त नेता का है, जिसके चलते शिक्षा विभाग का  स्थानीय तो क्या जिला शिक्षा विभाग का कोई भी अधिकारी कार्यवाहीं कदम उठाने को तैयार नहीं है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि इसी राजनैतिक दम पर हीं एक शिक्षा अधिकारी को स्कूल इंचार्ज से मिलने के लिए हीं कई घंटो तक इंतजार कराया गया। बहरहाल राजनीति के दम पर चलने वाले इस स्कूल के मनमाने नियमों के आगे स्थानीय अभिभावक भी नस्मस्तक है।

कई चार्ज के जरिए वसूलते हैं पैसे:-  आपकों बताते चले कि पुन्हाना में सीबीएसई के नाम पर चलने वाले एसडीवीएन स्कूल में फीस की बात करे तो हर वर्ष फीस बढौत्तरी करना, स्कूल बस चार्ज बढ़ाना, एनुअल व एड़मिशन फीस में बढौत्तरी करने सहित अनेकों ऐसे चार्ज वसूली की जाती है, जिनका छात्रों की पढ़ाई से कोई लेना देना नहीं होता। 

इसके अलावा स्कूल के मनमाने नियमों के मुताबिक हर वर्ष नए पब्लिशर्स की पुस्तके लेने को मजबूर करना इस स्कूल प्रशासन की खासियत है। सरकार और प्रशासन द्वारा जिन पुस्तकों को पढाई के चयन किया गया उनकी कीमत मात्र चार सौ से पांच सौ तक बताई जा रही है, जबकि इस स्कूल द्वारा दी जाने वाली किताबे पांच से छह हजार रूपये की है। जो अभिभावकों के किसी बोझ से कम नहीं है।

 


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kamal

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