वायरस के संचरण को रोकने के लिए चेहरे पर ठीक से मास्क पहनना आवश्यक: न्यायमूर्ति राजन

punjabkesari.in Wednesday, Jun 09, 2021 - 08:31 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): न्यायमूर्ति राजन गुप्ता, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने बुधवार को आम जनता के बीच और कोविड महामारी के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लाभ एवं अधिकारों के बारे में अधिकतम जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से वर्चुअल मोड के माध्यम से बलदेव राज महाजन, महाधिवक्ता, हरियाणा की उपस्थिति में परियोजनाओं की एक श्रृंखला शुरू की है। इस कार्यक्रम में प्रमोद गोयल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं सदस्य सचिव, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा हरियाणा राज्य के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के मुख्य न्यायिक मजिस्टेट्स/सचिवों ने भाग लिया।

अपने संबोधन के दौरान न्यायमूर्ति ने जन जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया है क्योंकि यह एक मात्र प्रभावी तरीका है जो लोगों की सोच को उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ कोविड महामारी से लड़ने के लिए बदल सकता है।
1. मास्क शिष्टाचार पर एक लघु-एनिमेटेड क्लिप
2. ’’कोरोना होम वॉरियर्स’’ -एक जागरूकता अभियान
3. Hope- ’’संघर्ष से उत्कर्ष तक हम आपके साथ है’’ - कोविड-19 में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए एक परियोजना।

इसके अलावा, न्यायमूर्ति ने कहा कि मास्क को सही ढंग से पहनने के बारे में जनता के बीच ज्ञान को विकसित करने के उद्देश्य से कोविड एनिमेशन तैयार किया गया है। न्यायमूर्ति ने कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क शिष्टाचार के महत्व पर भी जोर दिया है। वायरस के संचरण को रोकने के लिए चेहरे पर ठीक से मास्क पहनना आवश्यक है। इससे पहले, 26-03-2021 को, इस प्राधिकरण ने ’’मत जा नजदीक, खुद को रखे ठीक, उनपे रहे आंख, ढके ना जो मुंह और नाक’’ नाम से कोविड जागरूकता अभियान की शुरूआत की। इस एनिमेटेड क्लिप की शुरूआत मास्क शिष्टाचार के बारें में आम जनता के बीच अधिकतम जागरूकता पैदा करने के लिए कोविड परियोजना का एक हिस्सा है।

न्यायमूर्ति ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सभी सचिवों से अनुरोध किया है कि वे विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से इस एनिमेशन का अधिकतम प्रसार सुनिश्चित करें। ताकि यह विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंच सके। हालसा द्वारा शुरू की गयी एक अन्य परियोजना ’’कोरोना होम वॉरियर्स’’- एक जागरूकता अभियान की संकल्पना कोविड-19 के खिलाफ रोकथाम पर अधिकतम जन जागरूकता पैदा करने और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के प्रभावी कार्यान्वयन जैसे कि सही तरीके से मास्क पहनना, सामाजिक दूरी, बार-बार हाथों को धोना, हाथों की सफाई आदि के लिए की गई थी। 

इस अभियान के तहत दो प्रभावी माध्यमों (1)- बच्चों और (2)- सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता पैदा की जाएगी। न्यायमूर्ति ने कहा कि बच्चों को इसलिए चुना गया है कि क्योंकि वे जागरूकता पैदा करने का एक बड़ा माध्यम हैं जब बच्चों द्वारा कुछ मुद्दे उठाए जाते हैं तो उन पर मुद्दों का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। इसके विपरीत, सोशल मीडिया लोगों को अपनी कहानियों व बातों को साझा करने तथा दुनिया भर में नए दर्शकों तक पहुंचने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य करता है। 

हालसा द्वारा बच्चों को उनके घर से बाहर कदम रखे बिना ऑनलाइन साझा करने के लिए एनिमेटेड फिल्में, पोस्टर, बैनर आदि जागरूकता सामग्री प्रदान की जाएंगी। बच्चें इस उद्देश्य के लिए किसी भी इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, स्नैपचैट या किसी अन्य सोशल मीडिया एकाउन्ट का उपयोग कर सकते हैं। भाग लेने वाले बच्चों को हालसा से प्रमाण-पत्र और मान्यता प्राप्त होंगी।

हालसा द्वारा शुरू की गई अगली परियोजना ’’HOPE - संघर्ष से उत्कर्ष तक हम आपके साथ हैं। इस परियोजना को उन दुर्भाग्यपूर्ण बच्चों की मदद करने के लिए तैयार किया गया है, जिन्होंने बीमारी से लड़ते हुए कोविड महामारी में अपने एक या दोनों माता-पिता को खो दिया है। न्यायमूर्ति ने कहा कि ऐसे बच्चों पर समाज को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उनकी सुरक्षा और पुनर्वास इस समय प्रमुख मुद्दों में से एक हैं यह परियोजना उन बच्चों के अधिकारों और लाभों को सुनिश्चित करेगी जो अकेले रह गए हैं या एक जीवित माता या पिता के साथ हैं।

गैर सरकारी संगठनों और सार्वजनिक एजेन्सियों की भागीदारी भोजन, आश्रय, कपड़े आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करके ऐसे बच्चों की पीड़ा को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिवों से अनुरोध किया गया है कि वे इस परियोजना की कार्य योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करके इन बच्चों की बेहतरी के लिए हर सम्भव प्रयास करें।

अपने संबोधन के दौरान, हरियाणा के महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन ने कहा कि बच्चे हमारे राष्ट्र का भविष्य हैं और उनकी सुरक्षा हमारा प्रमुख कर्तव्य है ताकि उन्हें उनके नागरिक व नैतिक विकास के लिए एक स्वस्थ वातावरण मिले। उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस अभियान में सरकार राज्य भर में परियोजना के सफल कार्यान्वयन में विधिक सेवा प्राधिकरणों को अपना पूरा समर्थन और सहयोग देगी और महामारी के दौरान अपने माता-पिता को खोने वाले प्रत्येक बच्चे तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

इसके अलावा, न्यायमूर्ति ने ’’न्याय सब के लिए’’ के आदर्श वाक्य को प्राप्त करने में विधिक सेवा प्राधिकरणों के सामने आने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों पर भी ध्यान केन्द्रित किया है। न्यायमूर्ति ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिवों को पैनल अधिवक्ताओं के माध्यम से उनकी चयन प्रक्रिया में सुधार करके और उन अधिवक्ताओं की पहचान करके गुणवत्तापूर्ण कानूनी सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए कहा है जो सक्षम हैं और कानूनी सहायता के प्रति प्रतिबद्धता की भावना रखते हैं।

दिनांक 26-03-2021 को शुरू की गई ’’मत जा नजदीक, खुद को रखे ठीक, उनपे रहे आंख, ढके ना जो मुंह और नाक’’ नामक परियोजना के तहत हरियाणा के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों ने राज्य भर में 182 टीकाकरण शिविर आयोजित किए और इन शिविरों के दौरान 24,911 व्यक्तियों को टीका लगाया गया। यह टीकाकरण अभियान स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा के सहयोग से टीकाकरण के बारें में आम जनता के बीच धारणा को स्पष्ट करने और इस स्तर पर टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है, जब पूरी दुनिया कोविड के कारण अपने अस्तित्व को जीवंत रखने के लिए संघर्ष कर रही है। गैर सरकारी संगठनों और जेल अधिकारियों के सहयोग से 46,096 मास्क तैयार किए गए और 64,426 मास्क जरूरतमंदों के बीच वितरित किए गए।

विधिक सेवा प्राधिकरणों ने समाज के किसी भी वर्ग को अछूता नहीं छोड़ा है और कोविड-19 के दौरान हर संभव सहायता प्रदान की है। लॉकडाउन के दौरान, हालसा ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के माध्यम से जिला प्रशासन और गैर सरकारी संगठनों के समन्वय में पारगमन और भोजन के सम्बन्ध में 3,50,000 प्रवासियों को सहायता प्रदान की। कोविड के बारें में जागरूकता पैदा करने के लिए 4000 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें 4,40,000 से अधिक व्यक्तियों ने भाग लिया, 2,00,000 मास्क और सैनिटाइजर वितरित किए गए, 2700 लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की गयी, 20,000 से अधिक सैनेटरी नैपकिन वितरित किए गए, 8121 लोगों को आश्रयरूपी सहायता प्रदान की गई, 20,103 को गृह राज्यों या गृह जिलों की यात्रा के सम्बन्ध में सहायता प्रदान की गई, 1,100 फंसे मजदूरों को आवाजाही पास के लिए सहायता प्रदान की गई।


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Content Writer

vinod kumar

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