दुष्यंत चौटाला व उनके परिवार का विरोध एक सोची समझी साजिश: ओपी सिहाग

punjabkesari.in Monday, Mar 29, 2021 - 04:16 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): पिछले कुछ दिनों से किसान आंदोलन की आड़ में राज्य के कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में पूरी योजना व साजिश के तहत हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व जजपा के खिलाफ कुछ लोगों द्वारा बहुत ही आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया जा रहा है। उनके खिलाफ ऐसा माहौल तैयार करने का माहौल तैयार किया जा रहा है कि तीनों कृषि कानून लागू करवाने में इनकी सबसे बड़ी भूमिका रही है। यह कहना है जजपा पंचकूला शहरी जिला अध्यक्ष ओपी सिहाग का।

सिहाग ने कहा कि इस सबके पीछे खात्मे के कगार पर खड़े लोकदल, कांग्रेस नेता और राजनीतिक दंगल में हार कर छटपटा रहे वो लोग शामिल हैं, जिन्हें वहां की जनता के सहयोग से दुष्यंत ने विगत विधानसभा चुनावों में हराया था। यही लोग अपनी राजनीति चमकाने व खोए हुए आधार को पाने की चेष्टा कर रहे हैं। सिहाग ने कहा कि कभी ये लोग उचाना, जहाँ के लोग हमेशा दुष्यंत के साथ रहे हैं, वहां पर माहौल को खराब करने की कोशिश करते हैं, वहीं अन्य कुछ जगहों पर अफवाहों के जरिए किसानों को बरगला कर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का खोखला प्रयास कर रहे हैं।

ओपी सिहाग ने कहा कि जहां तक तीनों कृषि कानूनों के पास करने की बात है तो ये कानून तो केंद्र सरकार लेकर आई है, अगर किसी को अच्छा नहीं लग रहा तो अपनी भड़ास केन्द्र सरकार के खिलाफ निकालें, इसमें दुष्यंत या नैना चौटाला का क्या दोष है ?  ये बिल लोकसभा व राज्य सभा मे केंद्र सरकार द्वारा पास करवाए गए हैं, जबकि जजपा का तो लोकसभा या राज्य सभा में एक भी सदस्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत ने तो किसानों के हक में अपनी आवाज उठाई है। तथा इस का हल निकालने के लिए प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री व अन्य मंत्रियों से भी मिले हैं तथा पैरवी भी की है। जजपा जिला प्रधान ने कहा कि जहां इस सारे मामले में दुष्यंत चौटाला को टारगेट किया जा रहा है तथा किसानों की स्टेज पर जो लोग उनके खिलाफ अनर्गल बातें कर रहे हैं, अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं, उन्होंने दुष्यंत तो क्या कभी जननायक श्रद्धेय चौधरी देवीलाल या उनके परिवार को वोट तक नहीं दी। ये सारे लोग या तो कांग्रेस के हैं या ज्यादातर राजनीति में पूरी तरह असफल हो चुके कामरेड हैं। 

ओपी सिहाग ने कहा कि मैं खुद किसान का बेटा हूँ, मुझे किसान की हर तकलीफ का पूरा ज्ञान है। मैं निजी तौर पर ये तीनों कानून हूबहू लागू हो, इसके खिलाफ हूं। मेरी केंद्र सरकार व किसान नेताओं से अपील है कि आपस में मिल बैठ कर इस बहुत ही लंबे हो चले किसान आंदोलन को खत्म कराएं। दिल्ली की सीमा पर या अन्य जगह जो हमारे बुजर्ग, नौजवान भाई या माताएं बहनें बैठी हैं, वो हमारे अपने हैं, उनके दर्द, तकलीफों को समझते हुए सरकार व किसान नेताओं को अपनी जिद को छोड़ कर आगे बढ़कर इस समस्या का तुरंत हल निकालने बारे कार्यवाही करनी चाहिए।
 

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Content Writer

Shivam

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