Haryana: जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में पाइपों की खरीद पर उठे सवाल, हाईकोर्ट वकील ने किया ये दावा

punjabkesari.in Wednesday, Nov 12, 2025 - 06:43 PM (IST)

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी) : हरियाणा के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा की जा रही डीआई पाइपों की खरीद सवालों के घेरे में आ गई है। विभाग द्वारा खरीद के लिए अपनाई जा रही दो वर्ष की अनुबंध दरों के कारण गंभीर वित्तीय हानि हो सकती है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट एवं विधि सलाहकार गौरव दीप गोयल ने इस संबंध में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मंत्री एवं उच्च स्तरीय खरीद समिति के सदस्य विपुल गोयल तथा अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की हे। गोयल ने इस वित्तीय हानि को रोकने के लिए हाईकोर्ट में पीआईएल दायर करने की बात भी की है।

आज यहां जारी एक जानकारी में उन्होंने दावा किया कि पाइप खरीद के अनुबंध में  मूल्य परिवर्तन से संबंधित प्रावधान शामिल है, फिर भी यह बाजार के उतार-चढ़ाव के अनुकूल नहीं है। इसका स्पष्ट उदाहरण दर अनुबंध संख्या 99/एचआर/आरसी/ई-2/2023-24/4256-59 दिनांक 17 जुलाई 2024 (जो 17.07.2025 तक मान्य था) के तहत फरवरी 2025 में लगभग 800 करोड़ रुपये के डी.आई. पाइप ऊंची दरों पर खरीदे गए। 100 मि.मी. (के-7) पाइप की दर पीवीसी फार्मूले के अनुसार 1260 से घटकर 1157 प्रति मीटर हुई, जबकि अगले माह 28 मार्च 2025 को खुली निविदा में वही दर 1085 प्रति मीटर तक गिर गई। लेकिन विभाग ने उसी पुराने अनुबंध के आधार पर ऊंची दरों पर खरीद की, जिससे लगभग 100 करोड़ की वित्तीय हानि हुई है।

किसी कारणवश यह निविदा रद्द कर दी गई और नई दो वर्षीय दर अनुबंध की निविदा 29 अगस्त 2025 को खोली गई, जिसकी अनुमानित कीमत 2800 करोड़ थी। यह पिछली दर अनुबंध की समाप्ति के तुरंत बाद किया गया। नए दर अनुबंध में दरें लगभग 30 प्रतिशत कम थी। 
वर्तमान में पाइपों की कीमतें घट रही हैं क्योंकि बाजार में मांग कम है। नई-पुरानी निर्माण इकाइयों की क्षमता बढ़ रही है। ऐसे में दो वर्ष के लिए दर तय करना उचित नहीं है। जन स्वास्थ्य विभाग के भंडारों में लगभग 700 करोड़ के डी.आई. पाइप पहले से ही मौजूद हैं और विभाग पर ठेकेदारों व आपूर्तिकर्ताओं के कुछ सौ करोड़ रुपये के देय भी लंबित हैं।


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Content Editor

Deepak Kumar

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