साल में 7-8 महीने विदेशों में रहने वाले राहुल गांधी ट्रक ड्राइवर, ट्रक कंडक्टर बन विलासिता पूर्ण जीवन को दर किनार नही कर सकते : गुप्ता

punjabkesari.in Tuesday, May 23, 2023 - 10:05 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता का कहना है  कि साल में 7- 8 महीने विदेशों में रहने वाले राहुल गांधी ट्रक ड्राइवर-ट्रक कंडक्टर बन विलासिता पूर्ण जीवन को दर किनार नही कर सकते। लगातार हरियाणा विधानसभा में अत्यंत सुधार करने और नए नए प्रयोग करने वाले बेहद सकारात्मक विचारधारा के विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने राहुल द्वारा ट्रक की यात्रा करने को लेकर कई तरह के कटाक्ष किए। उन्होंने इसे केवल जनता को मूर्ख बनाने की कोशिश बताया। उन्होंने कहा कि जनता आज बेहतर तरीके से जानती है कि सामने वाला नेता ऐसा क्यों कर रहा है। इन बातों में जनता कतई नहीं आएगी। उन्होंने मिशन 2024 को लेकर कई तरह के सवालों के जवाब दिए। गुप्ता ने मुंबई में होने वाले विधायक महाकुंभ को लेकर भी कई जानकारियां साझा की। इस मौके पर उन्होंने दावा किया कि देश में तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा प्रदेश में तीसरी बार मुख्यमंत्री मनोहर लाल के रूप में शपथ लेंगे। उनसे विधानसभा को लेकर भी कई सवाल-जवाब हुए। हुई बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं...

प्रश्न : राहुल गांधी द्वारा रात्रि में दिल्ली से ट्रक में बैठकर अंबाला आना, गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने को लेकर आपका दृष्टिकोण क्या है ?

उत्तर : वैसे तो यह उनकी व्यक्तिगत इच्छा है कि वह किस व्हीकल से आए, बैलगाड़ी से आएं, ट्रक से आए या पैदल आएं। लेकिन मुझे लगता है कि इस प्रकार के दिखावे से वह आम लोगों को प्रभावित नहीं कर सकते। उनका विलासितापूर्ण जीवन सभी लोग जानते हैं। लोगों को भ्रमित करने के लिए इस प्रकार के प्रपंच करना मुझे लगता है केवल जनता को मूर्ख बनाने की एक कोशिश है। लेकिन आज जनता सब समझती है कि कोई पैदल क्यों चल रहा है या कोई ट्रक में क्यों चल रहा है। राहुल की जीवन शैली पूरी तरह से विलासिता पूर्ण है। एक बार ट्रक में बैठकर वह कोई ट्रक ड्राइवर, ट्रक कंडक्टर या ट्रक में चलने वाले व्यक्ति नहीं बन सकते।

प्रश्न : भारत जोड़ो यात्रा के बाद आप क्या मानते हैं कि राहुल की पप्पू वाली छवि कम हुई है ?

उत्तर : केवल इस प्रकार के प्रपंच के रास्ते अपनाकर यह लोगों के दिलों में जगह नहीं बना सकते। साल के 7- 8 महीने विदेशों में रहने वाला व्यक्ति जिसकी जिंदगी में रहन-सहन पूरी तरह से विलासिता पूर्ण है, इन बातों से भारत के आम नागरिक और गरीब को वह प्रभावित नहीं कर पाएंगे।

प्रश्न : देखा गया है कि सदस्यता रद्द होने के बाद से राहुल बोलना कम कर गए हैं, लेकिन मेहनत कर रहे हैं ?

उत्तर : हर राजनीतिक पार्टी, हर नेता प्रयास करता है और यह उनका अधिकार है। लेकिन इस प्रकार से व्यक्ति अगर रहन-सहन, दिनचर्या, खानपान इत्यादि को दिखाने की कोशिश करता है तो आम आदमी को लगता है कि यह केवल ढोंग किया जा रहा है।

प्रश्न : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे आपका राजनीतिक विश्लेषण क्या है ?

उत्तर : यह केवल मेरा विश्लेषण नहीं बल्कि देश की 135 करोड़ जनता का विश्लेषण है। परसों एक देश के प्रमुख ने नरेंद्र मोदी के चरण स्पर्श किए, उनका आशीर्वाद लिया। अमेरिका जैसे देश का राष्ट्रपति कह रहा है कि मोदी के ऑटोग्राफ होने चाहिए। यह इस बात का प्रतीक है कि 9 साल में मोदी ने देश की छवि जो कभी भारत पर कटाक्ष हुआ करते थे कि इनका प्रधानमंत्री केवल मांगने आता है, भारत भीख मांगने वाला देश है, उस छवि को बदलकर आज एक मजबूत राष्ट्र की छवि नरेंद्र मोदी की कार्यशैली के कारण बन पाई है। कोविड-19 के दौरान बड़े बड़े देश धराशाई हो गए। जबकि भारत ने 27 देशों में कोविड के दौरान दवाइयां इंजेक्शन व अन्य सामान एक्सपोर्ट किए। पहले चाइना से 85 फ़ीसदी इंपोर्ट हुआ करता था, आज हम एक्सपोर्ट कर रहे हैं। आज जिस प्रकार का इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया गया जो सड़क पहले 6 किलोमीटर बनती थी, आज 100 घंटे में 100 किलोमीटर बनाई जा रही है। वंदे भारत ट्रेन का एक-एक पुर्जा देश निर्मित है। आज वंदे भारत रेल की कनेक्टिविटी को सुलभ और सुदृढ़ किया गया है। एयर कनेक्टिविटी बड़ी है। आज जहाज, एयरपोर्ट की संख्या में वृद्धि हुई है। देश में अस्त्र शस्त्र का निर्माण हो रहा है। बड़े से बड़ा हेलीकॉप्टर भारत में बन रहा है। 9 साल में देश की उपलब्धियां चाहे विकास में हो या महत्वपूर्ण निर्णय जैसे धारा 370 खत्म की गई, जिस पर धमकी दी जाती थी कि रक्तपात, खून खराबा हो जाएगा, लाखों लोग मर जाएंगे, लेकिन मोदी की लीडरशिप और पकड़ के कारण एक पत्ता भी जम्मू-कश्मीर में नहीं हिला। जिस राम मंदिर के लिए लाखों लोगों ने कुर्बानियां दी, वह राम मंदिर लगभग पूरा होने को है। बाबा काशी विश्वनाथ का विशाल कोरिडोर बनाया गया। देश की सभ्यता संस्कृति को विकसित किया गया। अच्छे धार्मिक स्थल बनाए। इसे लोगों ने पसंद किया है। इसके साथ साथ सैकड़ों कल्याणकारी योजनाएं गरीबों के लिए लाई गई। जनधन के तहत 50 करोड़ खाते देश में खोले गए। हर घर नल से जल योजना शुरू हुई। हर घर में शौचालय बनाने को लेकर 12 से 18 हजार तक गरीब को दिए गए। 4 साल से गरीबों को लगातार राशन देना उनके उत्थान की ओर एक बड़ा कदम है। मुफ्त गैस देकर महिला उत्थान की तरफ कदम बढ़ाए गए। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संकल्प हरियाणा की धरती से लिया गया जो एक बदनुमा दाग हरियाणा के माथे पर था कि बेटियों को कोख में मार दिया जाता है आज देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री से यह दाग बिल्कुल मिटा है।

प्रश्न : देश के प्रधानमंत्री 5 साल तक चंडीगढ़ पंचकूला में भाजपा संगठन की मजबूती को लेकर रहे, इसका भी पंचकूला को काफी लाभ मिला ?

उत्तर :  नरेंद्र मोदी का 5 साल का कार्यकाल चंडीगढ़ पंचकूला में रहा, यह बेहद प्रेरणादायक रहा। 5 वर्ष की उनकी कार्यशैली, काम करने का ढंग, लक्ष्य सामने रख कार्य करने की नीति हमने बहुत नजदीक से देखी। उसी का परिणाम है कि आज आयुष का एम्स पंचकूला में आया है। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी की क्लासेज शुरू हो चुकी हैं। भव्य इमारत बन चुकी है। गुरुद्वारा श्री नाडा साहब और माता मनसा देवी के लिए 25-25 करोड़ रुपए मिले। बहुत से केंद्र की योजनाएं हरियाणा में लागू हो रही हैं। मोदी का 9 साल का कार्यकाल इतना शानदार रहा कि 2024 में किसी भी पार्टी के पास मोदी का कोई विकल्प नहीं है और 2024 में तीसरी बार फिर से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री निश्चित तौर पर बनेंगे।

प्रश्न : मुख्यमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम को कांग्रेस प्रायोजित कार्यक्रम बता रही है ?

उत्तर : यह कहते थे यात्रा में अपने आप लोग आए, इसका मतलब वह भी फिक्सिंग कार्यक्रम था। आज मुख्यमंत्री को लोग सुनना चाहते हैं। मुख्यमंत्री स्वयं संवाद कर रहे हैं। लोगों की समस्याओं का समाधान मौके पर कर रहे हैं। जिसका निदान मौके पर नहीं होता, उसके लिए आदेश दिए जाते हैं। निश्चित तौर पर भाजपा इस कार्यक्रम के जरिए मजबूत होगी और लोकसभा विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को इसका बेहद लाभ मिलेगा। आज आम आदमी का भरोसा भाजपा में बड़ा है।

प्रश्न : महाराष्ट्र में होने वाले कार्यक्रम में हरियाणा के विधायक भी पहुंच रहे हैं, उसकी क्या रूपरेखा है ?

उत्तर : एमआईटी जो एक बड़ी यूनिवर्सिटी है, उनके डायरेक्टर राहुल के द्वारा एक इनीशएटिव लिया गया कि सभी विधायकों को एक स्थान पर इकट्ठा किया जाए ताकि आपसी भाईचारा बड़े। इस सम्मेलन, इस विधायक महाकुंभ में 80 राजनीतिक पार्टियों के विधायक शामिल होंगे। अलग-अलग विधायकों से मिलने के बाद निश्चित तौर पर पूरे देश के बारे में- अलग-अलग विधानसभाओं के बारे में, अलग-अलग कार्यशैली और नियम कानूनों के बारे में सभी को जानने का मौका मिलेगा। कुछ विशेष मुद्दों पर चर्चा होगी। मुख्य एजेंडा यही है कि देश सर्वोपरि है और हम सभी श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए काम कर रहे हैं।

प्रश्न : हरियाणा पंजाब हिमाचल के स्पीकर एक छत के नीचे इकट्ठे हुए, जबकि तीनों राज्यों में कई मुद्दों को लेकर आपसी टकराव है, क्या कहेंगे ?

उत्तर : हमारी किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। विचारों का केवल मतभेद है। सब की अलग अलग विचारधारा है। लेकिन हम सभी एक ही रेल के यात्री हैं। सभी विधायक हैं। जनता के प्रतिनिधि हैं और लोगों की हमारे प्रति अपेक्षाएं हैं। हम सभी मिलकर देश की उन्नति के लिए प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे हैं और निश्चित तौर पर अगर हम इकट्ठे होकर कार्य करेंगे तो समस्याएं कम होंगी। कई बार संवाद ना होने की वजह से समस्याएं जन्म लेती हैं। इस प्रकार के महासम्मेलन में भाईचारा बढ़ेगा। व्यक्तिगत तौर पर हम एक दूसरे को तथा अन्य प्रदेशों की कार्यशैली को जानने का अवसर प्राप्त होगा।

प्रश्न : इस महाकुंभ की तिथियां क्या रहेंगे और युवा विधायकों को इस कार्यक्रम से कितना सीखने को मिलेगा ?

उत्तर : 15- 16 जून को कार्यक्रम चलेगा तथा 17 जून को इसका समापन है। 3 दिन में युवा विधायक को उन्हें ओपनिंग मिलेगी, अच्छा वातावरण मिलेगा, 80 विषयों पर अलग-अलग बैठकें होंगी, अलग-अलग प्रदेशों के लोग इन पर चर्चा करेंगे। एक तरह से मिनी इंडिया देखने को मिलेगा।

प्रश्न : नई विधानसभा के आपके प्रयास काफी हद तक सफल रहे, हरियाणा को अलग विधानसभा कब तक मिलेगी ?

उत्तर : मेरा प्रयास निरंतर जारी है और मुझे पूरी उम्मीद है कि हरियाणा विधानसभा का अपना भवन चंडीगढ़ में जरूर बनेगा। समय अवश्य जरूर लग सकता है। लेकिन हमारी सोच पूरी अवश्य होगी।

प्रश्न : विधानसभा में अधिकतर कार्य आज पेपर सहित हो रहे हैं, क्या आपको इस उम्र में एक चैलेंज नहीं लगा ?

उत्तर : व्यक्ति जब कोई लक्ष्य निर्धारित कर लेता है, उसे मन में ठान लेता है तो वह लक्ष्य धीरे-धीरे नजदीक आने लगता है। यह प्रेरणा हमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली कि कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता, उसे पूरा करने के लिए मेहनत की आवश्यकता होती है, निरंतर कार्य करने की आवश्यकता होती है। कल ही मिनिस्ट्री आफ पार्लियामेंट्री अफेयर्स के अधिकारी आए, देखकर गए जहां हमारे विधायक प्रशिक्षण लेते हैं, हमारी विधानसभा के कर्मचारी- अधिकारी प्रशिक्षण लेते है, इस बात से मुझे बहुत खुशी है कि हमने पूरी तरह से एक रिकॉर्ड समय में 1 साल में ही विधानसभा के लक्ष्य को पूरा किया है।

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Content Editor

Mohammad Kumail

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