कुरुक्षेत्र में पहली बार रेलवे तथा वन विभाग ने मनरेगा मजदूरों से करवाया कार्य

punjabkesari.in Monday, Nov 30, 2020 - 10:33 AM (IST)

कुरुक्षेत्र: कोरोना महामारी से हर वर्ग के लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है। यहां तक कि प्रवासी मजदूर भी घरों को लौट गए लेकिन महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत ग्रामीणों के लिए रोजगार की व्यवस्था है। लॉकडाऊन के बाद मनरेगा से बहुत परिवारों की रोटी मनरेगा से ही चली है। कोरोना महामारी के दौरान मनरेगा मजदूरों के चेहरे काफी खिले हैं। 

मिली जानकारी के अनुसार मनरेगा में अब गांवों तक काम सीमित नहीं रह गया है। बल्कि मनरेगा मजदूरों को जहां पहली बाद कुरुक्षेत्र में रेलवे विभाग का काम मिला है, वहीं शिक्षा विभाग, वन विभाग, पी.डब्ल्यू.डी. व मार्कीटिंग बोर्ड इत्यादि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा भी मनरेगा मजदूरों को काम दिया जा रहा है। मनरेगा में अब स्वयंसेवी संगठनों का काम भी मजदूरों को मिलने लगा है। मनरेगा मजदूरों के चेहरे खिले कि उन्हें रोजगार मिलने से उनके घरों की रोजी रोटी चल रही है। 

इस संबंध में कुरुक्षेत्र मनरेगा स्कीम के अतिरिक्त खंड पंचायत अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि कुरुक्षेत्र में रेलवे लाइन का कार्य किया जा रहा है। जिसे देखने के लिए वे मौके पर मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि रेलवे विभाग द्वारा पहले ठेकेदारों से काम करवाया जाता था लेकिन कुरुक्षेत्र में पहली बार मनरेगा मजदूरों को रेलवे का काम मिला है। इससे मनरेगा मजदूर भी जोश से काम कर रहे हैं। इसी के साथ शिक्षा विभाग, पी.डब्ल्यू.डी. व मार्कीटिंग बोर्ड इत्यादि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा काम दिए जाने से मनरेगा मजदूरों का काम बढ़ गया है। मनोज कुमार ने कहा कि खंड अधिकारी के रूप में मेरी यही कोशिश रहेगी कि मजदूरों को बढिय़ा तरीके से कार्य मिलता रहे तथा बढिय़ा तरीके से काम किया जाए। 

वर्तमान वर्ष में 3 लाख 31 हजार मैंडेट्स हो चुके हैं जनरेट : मलिक
मनरेगा के सी.ई.ओ. अश्वनी मलिक ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में 1 लाख 88 हजार मैंडेट्स जनरेट हुए थे लेकिन इस वर्ष जिम्मेवारी बढ़ी है। कोरोना के कारण जो लोग बाहर काम करते थे, उन्हें काम नहीं मिला था। ऐसे में बेरोजगारी बढऩे का खतरा था लेकिन वर्तमान वर्ष में 3 लाख 31 हजार मैंडेट्स जनरेट हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमें 4 लाख का टारगेट दिया था। उसे भी पार कर लिया जाएगा। लोगों को अधिक रोजगार उपलब्ध करवा सकेंगे। मलिक ने बताया कि इस बार वन विभाग का काम भी पहली बार हुआ है। मनरेगा में वन विभाग का पौधारोपण का कार्य किया है। मलिक ने बताया कि अगर कोई गरीब आदमी पशुओं के लिए शैड बनवाना चाहे तो उस पर भी काम होगा। जिला में इस समय 150 कैटल शैड पर काम चल भी रहा है। 

मनरेगा के काम से घर चलाने में मिल रही मदद: सुषमा
रेलवे लाइन पर काम कर रही मनरेगा मजदूर सुषमा ने बताया कि मनरेगा में जो काम मिला है उसके लिए सरकार का धन्यवाद करती हैं। इस समय वे रेलवे लाइन पर यह काम कर रहे हैं। मनरेगा के काम से उन्हें घर परिवार चलाने में मदद मिल रही है। उन्हें 309 रुपए दिहाड़ी मिल रही है। सुदेश कुमारी, शिमला देवी, महिंद्रो देवी, अशोक कुमार ने कहाकि लॉकडाउन में उन्हें दिक्कत आई थी काम के लिए लेकिन अब उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।


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Isha

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