लाडो पंचायत में राजस्थान की बेटियों ने भरी हुंकार, लड़कियों की शादी की उम्र हो 21 के पार

punjabkesari.in Friday, Nov 19, 2021 - 04:27 PM (IST)

जयपुर: बाल विवाह के का गढ़ कहे जाने वाले राज्य राजस्थान में आज नया इतिहास रचा गया जब जयपुर जिले के गांव बधाल में  शुक्रवार को राजस्थान की पहली लाडो पंचायत में लड़कियों ने सरकार से सवैंधानिक तौर पर लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल करने की पुरजोर मांग करते इसमे बदलाव करने को कहा। इस लाडो पंचायत में 11 सदस्यीय कमेटी ने प्रस्ताव पास किये। जिसमें कम उम्र में शादी करने पर लड़की के माता-पिता व शादी में शामिल होने वालों को 3 साल की जेल का प्रावधान तथा 5 लाख रुपये जुर्माना लगाने की मांग की गई।
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इसके अलावा कम उम्र में शादी करवाने वाले को भी 3 साल की सजा के प्रावधान की मांग की। इसके अलावा पंचायत में बाल विवाह करने वालो के सामाजिक बहिष्कार की भी बात कही। राजस्थान की पहली इस लाडो पंचायत का आयोजन हरियाणा के दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व राष्ट्रपति से कई बार प्रशंसा प्राप्त अन्तर्राष्ट्रीय अभियान सेल्फी विद डॉटर के फांउडर सुनील जागलान ने करवाया जिसमे सैंकड़ो की तादात में लड़कियों व महिलाओं ने हिस्सा लिया।

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इस पंचायत में आई हुई लड़कियों में से ही ड्रॉ के माध्यम से कुमारी मंजू को पंचायत का अध्यक्ष बनाया गया और पूरी कार्यवाही इन्ही की अध्यक्षता में चली। सचिव के तौर पर सुनील जागलान ने हिस्सेदारी निभाई। इस पंचायत में सबसे पहले विभिन्न गॉंवों  से आई हुई लडकीयों ने शादी की उम्र 18 से 21 करने को लेकर विचार सांझा किए। इसमे ममता ने कहा कि हम लड़कियों को पढ़ने लिखने का बराबर का अधिकार मिलना चाहिए ,हमारे अधिकार लड़को से कम नही होने चाहिए। लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज की लेक्चरर दिव्या ने कहा कि संवैधानिक तौर पर सरकार आसानी से अनुछेद में बदलाव कर लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 कर सकती है, जिसके लिए सरकार को अब समय नही लगाना चाहिए।

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सुमन  ने कहा कि देश को एक तरक्की शील राष्ट्र बनाने के लिए लड़कियों को बराबर के अधिकार मिलने जरूरी है। रीना चौधरी ने कहा कि सरकार लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने में क्यों देर कर रही है हर दिन 18 की उम्र में शादी होने के कारण हजारों बेटियों के सपने टूट रहे है। 62 वर्षीय सुगनी देवी ने बताया कि किस तरह उसकी शादी 7 वर्ष में हुई व 19 वर्ष में विधवा हुई और उसे समझ आया और अपनी बेटी की शादी 25 वर्ष में करवाई । अब सरकार को भी क़ानून में बदलाव कर कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए ।  इसी प्रकार रितु ने कहा कि शारीरिक व मानसिक रूप से तैयार ना होने का बाद भी किस तरह 18 साल की लड़की की शादी करवाकर उसका शारीरिक व मानसिक शोषण होता है। लाडो पंचायत में लडकीयों ने खुले रूप से आटे साटे से हो रही शादियों से लडकीयों के हो रहे शोषण बारे भी खुलकर बात की ।

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इसके लाडो पंचायत के संयोजक सुनील जागलान ने कहा कि देश को 1947 में आजादी मिल गई लेकिन  देश की बेटियां अपने ही देश के संविधान में बंधी होने के कारण उस आजादी से महरूम है। अब सही समय आ गई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लाल किले के प्राचीर से लड़कियों की शादी की उम्र पर बातचीत करने की बात कहकर लाड़ो की आजादी का समर्थन किया है। इसके साथ ही सरकार को बाल विवाह रोकने के लिए शादी का प्रमाण पत्र अनिवार्य कर देना चाहिए।राजस्थान सरकार को हमारी लाडो पंचायत पर साथ देना चाहिए ताकि राजस्थान से बाल विवाह की कुप्रथा का भी अंत हो ।

 इस लाडो पंचायत में उपस्थित सैंकड़ो लड़कियों ने पंचायत की अध्यक्ष बनने के लिए पर्ची पर अपना नाम लिखकर दिया। गॉंव की एक लड़की ने इन सभी पर्चियों में से पंचायत की अध्यक्ष के नाम का ड्रा निकाला और फिर पंचायत की कार्यवाही शुरू हुई। सैकड़ों लडकीयों ने आज की पंचायत की कार्यवाही देखी। इन छात्राओं ने अपने अनुभव सांझा कर इस पंचायत के माध्यम से मांग की कि शादी की उम्र 18 नही 21 वर्ष हो।
 


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Content Writer

Isha

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