व्‍यापारी हत्‍याकांड: 6 बच्चों का बाप था रमलू, पत्नी बोली- पति के सीने पर चूडि़यां भी न तोड़ पाई

punjabkesari.in Sunday, Oct 11, 2020 - 01:42 PM (IST)

हांसी(संदीप सैनी): कार के अंदर खुद के जिंदा जल जाने की कहानी रचने वाले राममेहर ने अपने ही गांव के युवक को मौत के घाट उतारा था। कार में पुलिस को जो जला हुआ शव मिला था वह डाटा गांव के ही 26 वर्षीय युवक रमलू का था, जो बेहद गरीब परिवार से था और गांव-गांव डेरू बजाकर आजीविका कमाता था। बिलासपुर से हांसी लाए जाने के बाद पूछताछ करने पर ये नई बात सामने आते ही पुलिस भी हैरान रह गई वहीं, राममेहर के पल-पल बदलते बयान भी पुलिस के लिए सिरदर्दी पैदा कर रहे हैं।

रमलू के घर वालों ने नहीं दर्ज करवाई गुमशुदगी की रिपोर्ट
पुलिस के अनुसार रमलू के गायब होने पर परिवार द्वारा पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई। गांव के सरपंच विनोद ने भी बताया कि रमलू बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखता था और उसके परिवार को ऐसी भनक भी नहीं थी कि उसके साथ ऐसी कोई वारदात हो सकती है। अक्सर वह कई दिनों तक घर नहीं आता था तो परिवार ने सोचा कहीं बाहर गांव में डेरू बजाकर अपनी आजीविका कमाने के लिए गया हुआ है। रमलू के छह बच्चे हैं। रमलू की हत्या की बात सामने आने के बाद परिवार में मातम छाया हुआ है। मृतक की पत्नी ने आंसू बहाते हुए कहा कि मैं अब ये चूडिय़ां कहां तोड़ूं। मेरे छोटे-छोटे बच्चे अपने पिता का आखरी बार चेहरा भी नहीं देख पाए। मैं पति के सीने पर सिर रख विलाप भी नहीं कर पाई। चूडि़यां नहीं तोड़ पाई।
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पीएनबी व एसबीआई से करीब डेढ़ करोड़ के लोन के अलावा भी लाखों रुपये का कर्ज राममेहर के सिर था। पुलिस ने आरोपित को राममेहर को बीते रोज शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से गिरफ्तार किया था। लेकिन पुलिस भी नहीं समझ पा रही है कि राममेहर के जहन में अभी इस वारदात से जुड़ कितने और रहस्य दफन हैं। एसपी लोकेंद्र सिंह ने शनिवार को खुद शातिर व्यापारी से कई घंटों तक बंद कमरे में अकेले पूछताछ की। दोपहर को पुलिस ने राममेहर को कोर्ट में पेश करके दस दिनों का रिमांड मांगा। कोर्ट ने राममेहर का सात दिनों का पुलिस रिमांड मंजूर किया है।
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जाहाज से गई बिलासपुर पहुंची टीम
जिला पुलिस इस मामले में जल्द से जल्द सुलझाना चाहती थी। क्योंकि विपक्षी पार्टियों ने क्राइम के मुद्दे को लेकर राजनीति करनी शुरु कर दी थी। हांसी एक टीम गाड़ी के जरिये बिलासपुर गई तो दूसरी हवाई जाहज के जरिये भेजी गई। पुलिस टीम ने ने 36 घंटे में ही सुलझा दी ब्लाड केस की गुत्थी को सुलझाकर हकीकत को सामने ला दिया। इस कार्य में साइबर टीम की सबसे अहम भूमिका रही। टीम में सीआइए इंचार्ज सुभाष, साइबर सेल इंचार्ज विपिन यादव व एचसी रविंद्र, एएसआइ वेद, एचसी कर्मबीर, कन्स्टेबल सिकंदर व विजेंद्र शामिल थे। एसपी लोकेंद्र सिंह ने पूरे मामले की कमान अपने हाथों में ले रखी थी और पल-पल के अपडेट बदलते घटनाक्रम पर दिशानिर्देश जारी कर रहे थे।
 


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Isha

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