बरोदा का चुनावी दंगल: सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड आज भी दर्ज है कृपाराम पूनिया के नाम

punjabkesari.in Friday, Nov 06, 2020 - 09:10 AM (IST)

चंडीगढ़(संजय अरोड़ा): बरोदा विधानसभा उपचुनाव को लेकर करीब 68 प्रतिशत मतदाताओं ने 14 उम्मीदवारों का भाग्य इ.वी.एम. में कैद कर दिया है और अब चार दिन बाद आने वाले चुनावी नतीजों पर सभी की निगाहें लगी हैं। बरोदा विधानसभा के सियासी अतीत पर नजर डालें तो यह विधानसभा क्षेत्र 1967 से लेकर 2005 तक आरक्षित था और 2009 में यह सामान्य सीट हो गई। अब तक यहां हुए 13 विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड सेवानिवृत्त आई.ए.एस. अधिकारी कृपाराम पूनिया के नाम दर्ज है। कृपाराम पूनिया ने साल 1987 के चुनाव में 50,882 (74.20 प्रतिशत) वोट प्राप्त करते हुए कांग्रेस के श्याम चंद को 37,005 वोटों के बड़े अंतर से हराया था।

गौरतलब है कि बरोदा में अब तक हुए 13 चुनावों में देवीलाल व चौटाला के नेतृत्व वाले दलों ने 7 बार, कांग्रेस ने 5 बार एवं एक बार हरियाणा विशाल पार्टी ने जीत दर्ज की है। जहां सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड कृपाराम पूनिया के नाम है, तो वहीं सबसे कम वोटों से जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस के रामधारी के नाम है। हरियाणा गठन के बाद 1967 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के रामधारी ङ्क्षसह ने मात्र 1527 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। 1968 के चुनाव में हरियाणा विशाल पार्टी के उम्मीदवार श्याम चंद ने कड़े मुकाबले में कांग्रेस के रामधारी ङ्क्षसह को 1842 वोटों के अंतर से हराया था।

1972 के चुनाव में कांग्रेस के श्याम चंद ने 8858 एवं 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के भलेराम ने 4023 वोटों के अंतर से विजय दर्ज की। 1982 के चुनाव में लोकदल के भलेराम ने 18,547, 1987 में लोकदल के कृपाराम पूनिया ने 37,005 वोटों से, 1991 के चुनाव में जनता पार्टी के रमेश खटक ने 10,936 वोट से 1996 के चुनाव में समता पार्टी के रमेश खटक ने 1,984 वोटों से 2000 के चुनाव में इनैलो के रमेश खटक ने 12,010 वोट से, 2005 के चुनाव में इनैलो के रामफल ने 3,227 वोटों, 2009 के चुनाव में कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा ने 25,325, 2014 के चुनाव में कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा ने 5,187 एवं 2019 के चुनाव में कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा ने 4,840 मतों के अंतर से जीत दर्ज की।

सियासी दिग्गजों की जमानतें हुईं जब्त
बरोदा विधानसभा क्षेत्र में साल 1967 से लेकर 2019 तक हुए 13 विधानसभा चुनाव में कई ऐसे मौके भी आए जब कई सियासी दलों के उम्मीदवारों की जमानतें भी जब्त हो गई। 1967 व 1968 के चुनाव में भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार दरिया ङ्क्षसह की जमानत जब्त हो गई। 1968 और 1972 में लगातार दो बार विधायक रह चुके श्याम चंद को 1977 के चुनाव में महज 3,651 (8.99 प्रतिशत) वोट ही मिले और उनकी जमानत तक जब्त हो गई। इसके बाद साल 1991 के चुनाव में जनता दल के चरण ङ्क्षसह को 4574 (7.83 प्रतिशत) वोट ही मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई।  साल 1996 में कांग्रेस के भलेराम को महज 5.51 प्रतिशत वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई जबकि भलेराम साल 1977 व 1982 में लगातार दो बार विधायक चुने गए थे। इसी प्रकार से 2000 के विधानसभा चुनाव में हविपा के चंद्रभान को केवल 941 वोट मिले और वे अपनी जमानत नहीं बचा सके। इसी तरह से 2009 के चुनाव में बसपा उम्मीदवार परनीत एवं भाजपा उम्मीदवार राजेश भारद्वाज भी अपनी जमानत नहीं बचा सके। 2014 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार बलजीत मलिक को 7.22 प्रतिशत, जबकि बसपा उम्मीदवार देवेंद्र ङ्क्षसह को 2.70 फीसदी मत मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई। 2019 के चुनाव में पहली बार ऐसा हुआ जब बरोदा में इनैलो उम्मीदवार की भी जमानत जब्त हो गई। इनैलो 1977 से लेकर 2005 तक लगातार 7 चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बना चुकी है।

क्या 33 वर्ष बाद बरोदा को मिलेगा मंत्री?
बरोदा विधानसभा उपचुनाव के नतीजे चार रोज बाद आ जाएंगे। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या बरोदा को 33 वर्षों के अंतराल के बाद मंत्री मिलेगा या नहीं? हरियाणा गठन के बाद अब तक के 54 वर्ष के इतिहास में केवल दो बार ही बरोदा के विधायक को मंत्री बनने का अवसर मिला है। सबसे पहले 1972 में विधायक बने श्याम चंद को बंसीलाल सरकार में मंत्री बनाया गया था। उसके बाद 1987 में बरोदा से विधायक बने कृपाराम पूनिया देवीलाल सरकार में कैबीनेट मंत्री बने। तब से लेकर अब तक किसी भी विधायक को प्रदेश सरकार में मंत्री बनने का सौभाग्य हासिल नहीं हुआ। ऐसे में अब देखना होगा कि बरोदा के मतदाता इस उपचुनाव में किसे अपना विधायक चुनते हैं और वह मंत्री बनता है या नहीं? गौरतलब है कि इस समय प्रदेश में भाजपा-जजपा की सरकार है और चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह कहा था कि बरोदा से भाजपा उम्मीदवार पहलवान योगेश्वर दत्त को विधायक बना दो, इन्हें झंडी वाली कार दे देंगे। 

अब तक ये बने विधायक
साल        विधायक    पार्टी
1967        रामधारी        कांग्रेस
1968        श्याम चंद    विशाल हरियाणा पार्टी
1972        श्याम चंद    कांग्रेस
1977        भलेराम        जनता पार्टी
1982        भलेराम        लोकदल
1987        कृपाराम        लोकदल
1991        रमेश खटक    जनता पार्टी
1996        रमेश खटक    समता पार्टी
2009        रमेश खटक    इनैलो
2005        रामफल        इनैलो
2009        श्रीकृष्ण हुड्डा    कांग्रेस
2014        श्रीकृष्ण हुड्डा    कांग्रेस
2019        श्रीकृष्ण हुड्डा    कांग्रेस


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Isha

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