हिसार में RT-PCR पर आधारित प्रशिक्षण शिविर का समापन, LUVAS के 17 वैज्ञानिकों ने लिया भाग
punjabkesari.in Wednesday, Sep 21, 2022 - 08:55 PM (IST)
हिसार: लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार के एनिमल बायोटेक विभाग द्वारा 19 से 21 सितम्बर तक “रीयल-टाइम पीसीआर सिद्धांत, प्रक्रिया और अनुप्रयोग" पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर एक समारोह का आयोजन किया गया। कार्यशाला में प्रतिभागियों को विभिन्न प्रयोग सिखाए गए और उन्हें व्यावहारिक अभ्यास दिया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में लुवास के 17 वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
मुख्य अतिथि डॉ. गुलशन नारंग ने प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट किए वितरित
प्रशिक्षण निदेशक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. सुशीला मान ने मुख्य अतिथि लुवास के डीन वेटरनरी कॉलेज एवं कुलसचिव डॉ. गुलशन नारंग का स्वागत किया। इस अवसर संबोधित करते हुए डॉ. गुलशन नारंग ने कहा कि इस प्रयोगशाला का आयोजन कुलपति प्रोफेसर डॉ विनोद कुमार वर्मा के आदेश पर कर्मचारियों की कार्य शक्ति बढ़ाने और संकाय सदस्यों के ज्ञान को ताज़ा करने के उद्देश्य से किया गया है। उन्होंने कहा कि रियल टाइम पीसीआर तकनीक के कई उपयोग हैं और इसे कई विषयों द्वारा अनुसंधान में इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समस्या का चयन क्षेत्रोन्मुखी होना चाहिए और परियोजना का चयन कम से कम एक उत्पाद उत्पन्न करने के लिए परियोजना प्रस्तुत किया जाना चाहिए। डॉ. गुलशन नारंग ने सभी प्रतिभागियो को सर्टिफिकेट वितरित किए साथ ही भविष्य में इस विधि को अपने अनुसंधान में प्रयोग में लाने के लिए भी अनुरोध किया।
आरटी-पीसीआर को लेकर प्रतिभागियों के दिया गया प्रशिक्षण
प्रशिक्षण संयोजक डॉ. अमन ने मुख्य अतिथि डीन वेटरनरी कॉलेज एवं कुलसचिव लुवास डॉ. गुलशन नारंग का आभार प्रकट किया व प्रशिक्षण के बारे में बात करते हुए बताया कि इन तीन दिनों के दौरान प्रतिभागियों को आरटी-पीसीआर के एक्सपोजर से आरएनए अलगाव और मात्रा का ठहराव, सीडीएनए संश्लेषण, आरटी-पीसीआर की स्थापना और परिणामों के विश्लेषण में शामिल उपकरणों और चरणों के काम करने के बारे में बताया गया और साथ ही सभी प्रतिभागियों द्वारा व्यावहारिक प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के दौरान रियल टाइम पीसीआर के विभिन्न अनुप्रयोगों पर गहन चर्चा की गई।
डॉ कनिष्ठ बत्रा ने मुख्य अतिथि का बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कार्यशाला के सुचारू संचालन के लिए प्रतिभागियों और कार्यशाला के संकाय सदस्यों डॉ. विनय जोशी और डॉ. पवन का भी धन्यवाद दिया।
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