हरियाणा: चलती स्कूल बसों को चेकिंग के लिए बीच रास्ते में नहीं रोका जाएगा, इस वजह से लिया ये निर्णय
punjabkesari.in Wednesday, Aug 06, 2025 - 10:10 AM (IST)

फरीदाबाद : अब सड़क पर चलती स्कूल बसों को बीच रास्ते में चेकिंग के नाम पर नहीं रोका जाएगा। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) के अधिकारी स्कूलों में आकर ही बसों की जांच करेंगे। यह निर्णय हरियाणा सरकार की सुरक्षित स्कूल वाहन मीति के तहत बच्चों की सुरक्षा, यातायात की सहजता और आमजन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बच्चों, स्कूल व पेरेंट्स की तरफ से मिले फीडबैक पर लिया गया है। क्योंकि रास्तों में होने वाली अचानक चेकिंग से बस में सवार स्कूली बच्चों को घंटों परेशान होना पड़ता था।
गर्मी के मौसम में बच्चे रोने लगते थे और घबरा जाते हैं बच्चों के लेट होने पर पैरंट्स करते थे शिकायत अचानक चेकिंग की शिकायत मैनेजमेंट तक पहुंचती थी। इसके बाद पैरंट्स और स्कूल के फीडबैक आरटीए के आला अधिकारियों तक पहुंचे, इसे व्यावहारिक नहीं माना गया। इसके बाद इस साल यह फैसला लिया कि स्कूल बसों को अब ऑन रोड रैंडम चेक नहीं किया जाएगा।
10 दिन में 'सुरक्षित स्कूल वाहन नीति' का करें पालन
आरटीए विभाग ने कहा कि जुलाई में सभी स्कूल खुल चुके हैं। स्कूल वाहनों की नियमित जांच जरूरी है। अब स्कूलों को 10 दिन के भीतर 'सुरक्षित स्कूल वाहन नीति' के तहत राज्य सरकार के निर्धारित मानदंडों के अनुसार अपने वाहनों के सभी मापदंडों को पूरा करने के करने के निर्देश दिए हैं। फरीदाबाद आरटीए के एक अधिकारी ने बताया कि चालक स्कूल वाहनों के प्रबंधन और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इन पर भी हो सख्ती पिछले कुछ सालों में कई ऐसे मामले
सामने आए हैं, जहां निजी वाहनों को स्कूली वैन की तरह उपयोग होता है। चालकों के पास कमर्शल लाइसेंस होता है और न ही इन वाहनों में छात्रों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है। इसे देखते हुए अब यातायात पुलिस और परिवहन विभाग को सख्ती बरतने की जरूरत है। प्राइवेट स्कूलों में औसतन एक स्कूल में कम से कम 15 से 20 वैन लगी हैं। कई स्कूलों में इनकी संख्या 50 से भी अधिक है। ऐसे में वैन की संख्या 12,000 से भी अधिक है। वैन में 7 बच्चों के बैठने की क्षमता होती है, लेकिन चालक ज्यादा बैठाते हैं।
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